"यार, बाल झड़ने की दवा बताओ"
तो मैंने कहा, "भाई, मैं डॉक्टर तो हूँ नहीं यह तो तुम जानते हो। और जानते तो तुम यह भी हो कि दसवीं में बायो में भी मैं कोई धुरंधर नहीं था।"
तो साहब बोले, "यार, इसलिए पूछ रहा हूँ क्योंकि चार जगह से दवा ले चुका हूँ पर कोई फ़ायदा नहीं हुआ। पैसे लगे सो अलग। एकदम परेशान हो गया हूँ।"
यही अदा थी मेरे इन मित्र की। ज़रा सी बात और ड्रामा पूरा।
अब आप सोच रहे होंगे कि दोस्त की परेशानी को मैं ड्रामा क्यों कह रहा हूँ, है ना?
अरे ऐसा बिलकुल नहीं की दोस्त की परेशानी को मैं हल्के में ले रहा हूँ। बात तो सिर्फ़ यह है की बाल झड़ने के समाधान के लिए परेशान होना क्या लाज़मी है?
जो काम एक क्लिक करने पर हो सकता है, उससे कितना परेशान होना चाहिए। दो मिनट के अंदर अगर फ़ोन पर सही जवाब मिल जाए तो क्यों जाए कोई चार जगह सवाल पूछने।
और उनको भी मैंने बता दिया। लिंक भेज दिया बल्कि WhatsApp पर, यह वाला।
दवा भी मँगवा ली उन्होंने, और अब ख़ुश भी हैं उसके असर से।