किसी खूबसूरत आर्ट गैलरी में एक डेट, साथ मिलकर शानदार भोजन करना, किसी थाई स्पा पर सारी थकान मिटा देने वाली पैरों की मसाज, या सारा दिन साथ बिता कर फिर शाम को उनके साथ एक खूबसूरत माहौल में कविताएं पढ़ना, अगर यह सब पढ़ कर आपको अपनी परफेक्ट डेट जैसा महसूस हो रहा है तो शायद आप एक वात प्रेमी हैं।वात अर्थात वायु, ऊर्जा का प्रतीक है जो हर माहौल को खुशनुमा बना देती है।


आयुर्वेद की भाषा में यदि इसे समझा जाए तो वात के गुण है लघु, रूक्ष, शीत, चल आदि। यदि आप वात प्रकृति के व्यक्ति हैं, तो आप विविध प्रतिभा के धनी होंगे, हर क्षेत्र में आपकी रुचि होगी एवं आपके पास बेहतरीन सुझावों की कभी कमी नहीं होगी।


आपका सृजनात्मक एवं संवेदनशील व्यवहार आपको दूरदर्शी बनाता है, किन्तु आप सदा अपने साथी का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। अपने साथी से आप प्रेम स्नेह एवं देख भाल चाहते हैं।


वातज प्रकृति के व्यक्ति में जब पांचो महाभूतों का संतुलन बना रहता है, तब वह बेहद सृजनात्मक, रूमानी एवं कल्पनाशील बन जाता है। जब इनके पंचमहाभूत असंतुलित होते हैं तब यह बेचैन, चिंतायुक्त एवं अनिद्रा से पीड़ित हो जाते हैं।

वातज प्रकृति के व्यक्ति अपने साथी से प्रेम और स्नेह की अपेक्षा रखते हैं। उन्हें समय समय पर लाड प्यार की ज़रूरत होती है। यह वातज प्रकृति के व्यक्तियों के कुछ मुख्य लक्षण हैं।

सेक्स इनकी प्राथमिकता नहीं होती क्योंकि इनकी ऊर्जा का स्तर घटता बढ़ता रहता है। यह रात के मुकाबले सुबह के समय संभोग करना ज़्यादा पसंद करते है। इन्हें जोशीले स्वभाव के मुकाबले संवेदनशील एवं कोमल स्वभाव ज़्यादा पसंद होता है। यात्रा, काम का दबाव और सामान्य समस्याओं के चलते भी इनकी यौनेच्छा में कमी आ सकती है। इनके लिए बेहतर होगा की ये संभोग में हद से ज़्यादा शामिल न हों इससे इन्हें थकान हो सकती है और इससे इनके तंत्रिका तंत्र को क्षति पहुंच सकती हआपने साथी से लगातार संवाद में बने रहने से इनके संबंध मजबूत होते हैं। अपने साथी के साथ बैठकर रोमानी कविताएं पढ़ना इन्हें काफी उत्तेजित कर देता है।

ये अचानक ही किसी प्रेम प्रस्ताव स्वीकार नहीं करते बल्कि अपना समय लेकर इसपर गहन विचार करते हैं और उसके सारे पहलू देख कर ही संबंध बनाते हैं। यदि ये एक बार किसी संबंध में जाएं तो ये अपने साथी के प्रति सदा वफादार रहते हैं एवं संभोग दृष्टि से भी ये अपने साथी को तृप्त करते हैं।

वातज प्रकृति के व्यक्तियों के शरीर में सीमित रक्त होने के कारण इनके हाथ और पैर ज़्यादातर ठंडे होते हैं। इन्हें अपने साथी के गर्म हाथों को थाम कर बैठना अत्यंत सुखदायी लगता है। सर्दी के दिनों मकीन एक गर्म कंबल में अपने साथी के साथ वक्त बिताना इनके लिए परम सुख का पल हो सकता है।