इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (नपुंसकता) को दूर करने के आयुर्वेदिक तरीके

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन यानी नपुंसकता पुरुषों की एक बेहद आम समस्या है। ऐसा देखा गया है कि भारतीय लोगों में नपुंसकता की समस्या ज्यादा पाई जाती है। भारत में 40 साल की उम्र के बाद 50% से ज्यादा पुरुष इस इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या नपुंसकता की समस्या से ग्रसित पाए जाते हैं। ध्यान दें कि ये आधिकारिक आंकड़े हैं; जिस तरह भारत में लोग सेक्स और सेक्स समस्याओं को लेकर बातचीत करने से कतराते हैं, उसे देखते हुए ऐसे पुरुषों की संख्या और भी ज्यादा हो सकती है। यह भी समझने की बात है कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के अलावा भी तमाम तरह की सेक्स समस्याएं पुरुषों में पाई जाती हैं।

इन सेक्स समस्याओं, खासकर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (नपुंसकता) के लिए भारतीय आयुर्वेद में कई बेहतरीन औषधियों का जिक्र है। हम आपको इनमें से ही 5 आयुर्वेदिक औषधियों और तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी लगभग सभी सेक्स समस्याओं को खत्म कर देंगी।

  1. अश्वगंधा: अश्वगंधा को इंडियन जिनसेंग भी कहते हैं। अश्वगंधा के सेवन से स्पर्म की क्वालिटी और मात्रा दोनों बढ़ती हैं। ये पुरुषों में फर्टिलिटी (बांझपन) की समस्या को दूर करने में मददगार होता है। अश्वगंधा की मदद से इरेक्टाइल डिसफंक्शन और स्ट्रेस घटने के लिए आज़माये यह वैज्ञानिक रूप से सुरक्षित और फायदेमंद उपाय |
  2. शतावरी: शतावरी का बोटैनिकल नाम एस्पेरेगस रेसीमोसस है। इसे भारत और श्रीलंका के इलाकों में उगाया जाता है। शतावरी के प्रयरोग से कामुकता बढ़ती है और नपुंसकता को दूर करने में भी मदद मिलती है।
  3. ब्रह्मी: कई बार इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या मनोवैज्ञानिक कारणों जैसे- डिप्रेशन, तनाव, चिंता आदि के कारण भी होती है, जिसकी तरफ अक्सर लोगों का ध्यान नहीं जाता है। ऐसे में ब्राह्मी के प्रयोग से इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है। ब्राह्मी को मुख्यतः केरल में उगाया जाता है। ये डिप्रेशन और तनाव को कम करने के लिए  बहुत फायदेमंद आयुर्वेदिक औषधि है।
  4. दालचीनी: दालचीनी भारत में पाए जाने वाले एक खास पेड़ की छाल है, जिसका स्वाद मीठा होता है। दालचीनी के प्रयोग से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या ठीक होती है, जिससे लिंग में रक्त प्रवाह बढ़ जाता है और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या दूर होती है। इसके अलावा दालचीनी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने में भी मददगार होती है।
  5. अन्य आयुर्वेदिक तरीके: आयुर्वेद के अनुसार इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को बढ़ाने वाले कारक कई बार वात दोष के कारण पैदा होते हैं। इसलिए इसे ठीक करने में सिर्फ जड़ी-बूटियां और मसाले ही नहीं, बल्कि कुछ अन्य प्रकार के अभ्यास भी कारगर हैं, जिससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और समस्या ठीक हो जाती है। ये उपाय हैं- योगासन, ध्यान, गर्म तेल की मलिश आदि।


इन सभी आयुर्वेदि औषधियों और उपायों को अपनाने से आपके शरीर में हार्मोन्स बैलेंस होता है, जिसे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के अलावा कई अन्य समस्याएं और बीमारियां ठीक हो सकती हैं।

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