आयुर्वेद में भोजन को "महाभैषज्य" कहा गया है, जिसका अर्थ है "सबसे उत्तम औषधि"। यही एक शब्द बता देता है कि आयुर्वेद में भोजन का महत्व क्या है और भोजन कैसे कई बीमारियों, डिस्फंक्शन और संक्रमण को ठीक करने का जरिया माना जाता है। आयुर्वेद के पंचमहाभूत के सिद्धांत के अनुसार भोजन में 5 तत्व अवश्य होने चाहिए- अग्नि, जल, वायु, धरा और आकाश। कोई व्यक्ति क्या आहार खाएगा, आमतौर पर ये उसकी निजी पसंद का मामला है, लेकिन आयुर्वेद कहता है कि भोजन व्यक्ति के प्रकृति के अनुसार होना चाहिए। आयुर्वेद में "पथ्य आहार" उन्हें कहा गया है, जो तन और मन दोनों के लिए फायदेमंद हों, वहीं अपथ्य आहार वो हैं, जो बीमारियां पैदा करते हैं। आयुर्वेद में सभी समस्याओं का मूल शरीर में होने वाले 3 दोषों को माना गया है- वात, पित्त और कफ दोष। इसीलिए आयुर्वेद कहता है कि सबसे अच्छे आहार वो हैं, जो त्रिदोषों को संतुलित करने वाले होते हैं।
आइए आपको बताते हैं कि सेक्सुअल हेल्थ और सामान्य सेहत के लिए कौन से आहार पथ्य माने जाते हैं।
सबसे पहले दूध के बारे में बात करते हैं। आयुर्वेद में जब भी दूध का जिक्र होता है, तो इसका अर्थ आपको गाय का दूध ही मानना चाहिए । गाय के दूध को शरीर के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसमें वात और पित्त को संतुलित करने का गुण होता है। गाय का दूध प्राकृतिक रूप से कामोत्तेजक का काम करता है और सेक्सुअल स्टैमिना, पुरुषों में वीर्य और वीर्य की गुणवत्ता बढ़ाता है। इसमें मौजूद गुरू गुण के कारण ये पेट को भरा रखता है और बल्य गुण के कारण शरीर में शक्ति को बढ़ाता है।
उड़द की दाल भी प्राकृतिक रूप से कामोत्तेजक मानी जाती है और ये वात दोष को संतुलित करती है। आयुर्वेद की दृष्टि से की गई कई रिसर्च में बताया गया है कि सेक्सुअल समस्याओं का मुख्य कारण वात दोष होता है, इसलिए आप समझ सकते हैं कि सेक्सुअल समस्याओं में उड़द की दाल कितनी फायदेमंद हो सकती है। उड़द की दाल में मूत्रल और ऊषा गुण होते हैं, जिसके कारण इसकी तासीर गर्म होती है और ये मूत्र बढ़ाता है। उड़द की डाल पाचनतंत्र को स्वस्थ रखती है और शरीर से अपशिष्ट पदार्थों (टॉक्सिन्स) को बाहर निकालती है, जिससे शरीर, खासकर किडनियां स्वस्थ रहती हैं।
हमारे यूट्यूब चैनल mistersdotin पर आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. निकिता द्वारा जारी खास वीडियो सीरीज में नैचुरल फूड्स और उनसे मिलने वाले सेक्सुअल फायदों के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही ये भी बताया गया है कि किन स्थितियों में इनका प्रयोग वर्जित है। आप यहां क्लिक करके इन वीडियोज को देख सकते हैं।
Medically reviewed by Rishabh Verma, RP