कहा जाता है कि एक मर्द के दिल का रास्ता, उसके पेट से हो कर गुज़रता है। लेकिन बात जब महिलाओं की हो, तो हम ऐसा मान सकते हैं कि महिलाओं के दिल का रास्ता उनकी नाक से हो कर गुज़रता है।आर्काइव्ज ऑफ सेक्सुअल बिहेवियर में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक यह माना गया कि महिलाओं में चरम सुख प्राप्ति का सुगंध से गहरा संबंध है। इस रिपोर्ट में यह बताया गया कि जिन महिलाओं को सुगंध की बेहतर पहचान होती है, उनमें चरम सुख प्राप्ति की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
हाल ही में कुछ शोधकर्ताओं ने मिल कर सुगंध से जुड़ी महिलाओं की भावनाओं पर एक शोध किया। इस शोध के अंतर्गत 70 वयस्कों को सम्मिलित किया गया। इनमें से 28 पुरुष थे एवं 42 महिलाएं थीं। इन सभी पर एक सनिफ्फिंग स्टिक टेस्ट किया गया, जिसके अंतर्गत इन सभी को एक-एक सुगंधित पेन दिया गया। सभी प्रतिभागियों को इनकी सुगंध को पहचानना था, सुगंधित द्रव्य (सेंट) को पहचानना था एवं भिन्न सुगंधों में भेद करना था।
शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों से कुछ प्रश्न भी किये। उनसे उनके यौन स्वभाव, यौन इच्छा, यौन अनुभव आदि के विषय में जानकारी ली गई। उनसे उनके चरम सुख प्राप्ति के विषय में पूछा गया एवं वे सप्ताह में कितनी बार संभोग करते हैं और कितनी देर तक संभोग करते हैं, यह भी जाना गया।
शोध के पश्चात यह निष्कर्ष निकाला गया कि जिन प्रतिभागियों की सुगंध को पहचानने की शक्ति अधिक थी, उनके यौन अनुभव बाकियों के मुकाबले बेहतर थे एवं उन्हें चरम सुख की प्राप्ति भी बाकियों के मुकाबले अधिक हुई। हालांकि सुगंध पहचानने की शक्ति का यौन इच्छा या सेक्स परफॉरमेंस से किसी भी प्रकार का संबंध नहीं था।
विशेषग्यों ने सुगंध और चरम सुख के बीच का सम्बंध समझते हुए कहा कि कुछ सुगंधों से संभोग के दौरान आनंद में वृद्धि होती है। जैसे कुछ व्यक्तियों को वेजाइना के द्रव, पुरुष वीर्य आदि की गंध से चरम सुख प्राप्ति में आसानी होती है एवं उनके संभोग का अनुभव सुखद बन जाता है। इसी सिद्धांत पर कार्य करते हुए, एक नए प्रकार की डेटिंग प्रक्रिया इजात हुई है जिसका नाम है स्मेल डेटिंग। इसके तहत लोग अपनी आंखों पर पट्टी बांध कर, सिर्फ सुगंध के द्वारा अपने साथी को चुनते हैं। कई लोग सिर्फ किसी व्यक्ति की कपड़ों की सुगंध से अपने साथी को चुनते हैं।
द टेलीग्राफ में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार चूहों में गर्भ धारण के समय प्रोलैक्टिन नामक एक हॉर्मोन का स्त्राव होता है। इस हॉर्मोन से उसकी सूंघने की शक्ति में वृद्धि होती है। मनुष्यों में इस हॉर्मोन का स्त्राव सम्भोग करने से बढ़ता है। कुछ शोधकर्ता एवं विशेषज्ञ मानते हैं हमारे मस्तिष्क में मौजूद कोशिकाएं जिनका संबंध सुगंध से होता है (ऑलफैक्ट्री बल्ब न्यूरॉन्स), इन्हीं कोशिकाओं का संबंध स्मृति अर्थात याददाश्त से भी होता है। इसीलिए कई सुगंध आपको आपके संभोग के अनुभव की याद दिला सकती हैं। इन सुगंधों को महसूस करने से आपकी यौनेच्छा में वृद्धि हो सकती है एवं संभोग करते समय आनंद आने के साथ ही चरम सुख भ आसानी से प्राप्त होता है।