क्या बिना सेक्स के भी सुखी बना रह सकता है दाम्पत्य जीवन?

क्या आप भी अपने साथी के साथ कई मुद्दों पर मतभेद के शिकार हो जाते हैं? सवाल भविष्य का हो, परिवार बढ़ाने का हो या फिर धन के निवेश का हो, क्या आपका मत भी आपके साथी के साथ अक्सर नहीं मिलता?यदि ऐसा है, तो यह कोई आम समस्या नहीं है। इसका सीधा प्रभाव आपके रिश्ते पर पड़ सकता है। संभोग हर दम्पत्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। समय बीतने के साथ संभोग के प्रति दोनों की इच्छाएं बदलती जाती हैं। कई बार जहां एक साथी संभोग की इच्छा रखता है, वहीं दूसरे साथी में इसकी दिलचस्पी खत्म हो जाती है। एक सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए आवश्यक है कि आप और आपके साथी, दोनों का रुझान सेक्स के प्रति समान हो। यदि ऐसा नहीं होता, तो यह आपके रिश्ते पर बुरा असर डाल सकता है।

यूनाइटेड किंगडम में एक ओपन यूनिवर्सिटी द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण में लगभग 5000 लोगों से उनके यौन जीवन के विषय में चर्चा की गई। इस सर्वेक्षण से यह पता चला कि गुजरते सालों के साथ दम्पत्ति का रुझान सेक्स की ओर बदल सकता है। सर्वेक्षण से प्राप्त डेटा के अनुसार पुरुषों की दिलचस्पी सेक्स में महिलाओं के मुकाबले अधिक थी।

करीब 30 प्रतिशत महिलाएं, जिनकी कोई संतानें नहीं थीं, उन्होंने बताया कि उनकी साथी की सेक्स करने की इच्छा उनसे अधिक होती है। इन 30 प्रतिशत महिलाओं के मुकाबले केवल 17 प्रतिशत पुरुष थे जिन्होंने ऐसा महसूस किया।

यह अंतर और भी बढ़ गया जब उन दम्पत्तियों से बात की गई जिनकी संतानें थीं। ऐसे दम्पत्तियों में 40 प्रतिशत महिलाएं थीं जिनका मानना था कि उनके साथी की सेक्स करने की इच्छा उनसे अधिक होती है। इन चालीस प्रतिशत महिलाओं के मुकाबले केवल 10 प्रतिशत पुरुष थे, जिन्होंने इस बात को स्वीकार किया।

हालांकि रोचक बात यह थी, रिश्ते में सेक्स की कमी का कारण रिश्ते की कमज़ोरी नहीं थी, एवं न ही अपने साथी को तृप्त न कर पाना इसका कारण था। शोधकर्ता जैकी गैब का मानना है कि इनके रिश्ते की मजबूती का कारण इनका एक दूसरे से किया गया साथ निभाने का वादा था एवं अपने रिश्ते को बनाए रखने की इच्छा थी जो इनके रिश्ते में सेक्स की कमी आने पर भी वह मज़बूत बना रहा।

उन्होंने सेक्स की कमी को दूर करने के लिए अनेक नवीन उपायों एवं विकल्पों के प्रयोग किया। यौनेच्छा की कमी के बावजूद जो दम्पत्ति एक दूसरे के साथ खुश थे, उसका एक मुख्य कारण यह भी था कि उन्होंने इस बात को समझा कि सेक्स उनके लिए महत्वपूर्ण है लेकिन उनकी प्राथमिकता नहीं है। यौनेच्छा की कमी को नज़रंदाज़ करके उन्होंने अपने जीवन को सामान्य गति से चलने दिया, न की उस विषय पर सोच सोच  कर अपने रिश्ते की शांति भंग की। कुछ महिलाओं से जब इस विषय में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि यदि आप आप ऐसी किसी बात से चिंतित हैं, तो अपने साथी के साथ मिलकर इस बारे में मज़ाक कीजिए। साथ मिलकर हंसने से आप दोनों में यह भाव उत्पन्न होगा कि आप इस स्थिति में भी एक दूसरे के साथ हैं।





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