क्या वोदका पीने से स्पर्म काउंट घटता है?

दिनभर काम करने के बाद शाम को जब आप घर लौटते हैं, तो कभी-कभार रिलैक्स होने के लिए 1-2 ड्रिंक लेने में कोई बुराई नहीं है। मगर यदि आपको एल्कोहल की लत लग गई है और आप हर शाम खुद को रोक नहीं पाते हैं, तो सावधान हो जाएं। एल्कोहल का ज्यादा सेवन आपकी फर्टिलिटी को प्रभावित करता है। फिर चाहे आप वोदका पिएं, व्हिसकी पिएं, रम या बियर पिएं। इन सभी के दुष्प्रभाव लगभग एक से हैं। एल्कोहल के सेवन के समय आपको इसकी मात्रा और फ्रीक्वेंसी का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। बहुत सारे पुरुषों को लगता है कि एल्कोहल से प्रेग्नेंसी में परेशानी तो आती है, मगर प्रेग्नेंट तो महिला होती है, इसलिए उसे कंसीव करने के कुछ समय पहले एल्कोहल का सेवन बंद कर देना चाहिए। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो आप गलतफहमी का शिकार हैं। ये बात सच है कि प्रेग्नेंसी की प्लानिंग से लेकर प्रेग्नेसी के दौरान और डिलीवरी के बाद तक महिलाओं के लिए एल्कोहल का सेवन खतरनाक होता है।

मगर एल्कोहल का असर महिला ही नहीं, पुरुषों की फर्टिलिटी पर भी पड़ता है। पुरुषों के लिए भी बच्चे के प्लानिंग से पहले एल्कोहल छोड़ना जरूरी है। एल्कोहल के सेवन से पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन हो सकता है और स्पर्म क्वालिटी खराब होती है।


हाल में हुए एक अध्ययन में बताया गया है कि पुरुष चाहे एल्कोहल का ज्यादा मात्रा में सेवन करते हों या कम मात्रा में लंबे समय तक सेवन करते हों, इसका असर उनकी फर्टिलिटी पर पड़ता है। एल्कोहल आपकी स्पर्म क्वालिटी और फर्टिलिटी को कैसे प्रभावित करता है, आइए जानते हैं।


1) एल्कोहल के सेवन से शरीर में कई हार्मोन्स की मात्रा घटती है, जिसमें टेस्टोस्टेरॉन, ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन, फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा एल्कोहल पुरुषों में एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा बढ़ाता है। इन हार्मोन्स का असंतुलन स्पर्म की क्लाविटी और मात्रा दोनों को ही खराब करता है।


2) एल्कोहल के सेवन से गोनैडोट्रोपिन हार्मोन का उत्पादन प्रभावित होता है, जिससे स्पर्म की क्वालिटी पर फर्क पड़ता है।


3) ज्यादा एल्कोहल पीने से पुरुषों का अंडकोष सिकुड़ने लगता है, जिससे इंफर्टिलिटी की समस्या होती है।


4) शराब प्रीमेच्योर इजेकुलेशन (शीघ्र पतन) की समस्या को बढ़ाती है, जिससे सेक्स के बावजूद कई बार महिला कंसीव नहीं कर पाती है।


5) एल्कोहल ज्यादा पीने से स्पर्म के आकार, आकृति और गति में कमी आती है, जो कि इंफर्टिलिटी का चांस बढ़ा देता है।


6) कामुकता घटती है।


7) लंबे समय तक सेवन से नपुंसकता बढ़ती है।


हाल में हुआ एक अध्ययन तो यहां तक बताता है कि एल्कोहल की थोड़ी मात्रा (सप्ताह में 5 पेग) भी स्पर्म काउंट को घटा सकती है। इस अध्ययन के लिए 18 से 28 साल की उम्र के 1228 लोगों को चुना गया। अध्ययन के दौरान इस बात को नोट किया गया कि अध्ययन की शुरुआत के 1 सप्ताह और 1 महीने पहले पहले किस व्यक्ति ने कितना एल्कोहल पिया था। इसके बाद इन सभी लोगों के वीर्य और खून का सैंपल लिया गया और उनमें स्पर्म की संख्या, हार्मोन्स का लेवल आदि चेक किया गया। इस अध्ययन के आंकड़ों के अनुसार 60% से ज्यादा लोगों ने अध्ययन से पहले वाले सप्ताह में 11 पेग पिए थे।

इस अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने एक महीने पहले एल्कोहल पिया था,उनकी स्पर्म क्वालिटी में कोई खास फर्क नहीं नोट किया गया। मगर जिन लोगों ने सप्ताह भर या कुछ दिनों पहले एल्कोहल का सेवन किया था, उनकी स्पर्म क्वालिटी और काउंट दोनों ही खराब पाए गए। इसके अलावा रिप्रोडक्टिव हार्मोन्स में भी असंतुलन पाया गया।

ये रिजल्ट उन लोगों में भी दिखा जिन्होंने सप्ताह भर में सिर्फ 5 पेग एल्कोहल का सेवन किया था। वहीं जिन लोगों ने सप्ताह में 40 पेग या इससे ज्यादा एल्कोहल लिया था, उनका स्पर्म काउंट स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में 33% तक कम पाया गया। इस अध्ययन को BMJ OPEN में छापा गया है।


निष्कर्ष: तमाम रिसर्च और स्टडीज इस बात की इशारा करती हैं कि एल्कोहल को आदत में शामिल करने से पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी और स्पर्म की संख्या दोनों खराब होती हैं। पुरुषों और महिलाओं को बच्चे की प्लानिंग करने से लगभग 3 महीने पहले ही एल्कोहल का सेवन पूरी तरह बंद कर देना चाहिए। इस दौरान 1 पेग एल्कोहल भी लेना नुकसानदायक हो सकता है।


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