केशर का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?


आयुर्वेद में सदियों से केशर का उपयोग अनेक रोगों की चिकित्सा में किया जाता है। वर्तमान में इसके महत्वपूर्ण गुणों को देखते हुए, केशर को अनेक तरह के  हैल्थ सप्लीमेंट के रूप में भी प्रयोग किया जा रहा है।

आइये जानते हैं कि केशर का मनुष्य के शरीर पर क्या प्रभाव होता है।


दोष कर्म

केशर कटु, तिक्त रस युक्त, स्निग्ध गुण वाला एवं उष्ण वीर्य होता है। अपने तिक्त रस से यह पित्त, और कटु रस होने से वात एवं कफ का शमन करता है। इस प्रकार केशर त्रिदोष हर है।

बाह्य प्रयोग

केशर का प्रयोग अनेक तरह के लेप आदि में स्किन पर लगाने के लिए किया जाता है। इस तरह प्रयोग करने पर यह त्वचा का वर्ण निखारता है, इंफ्लामेसन, और इंफेक्शन दूर करता है, व्रण में इसका लेप करने से घाव जल्दी ठीक हो जाता है। सिर पर इसका लेप करने से सिरदर्द दूर होता है।

नजर की कमजोरी में केशर को गुलाबजल के साथ घिसकर आंखों में डालने से दृष्टि दोष दूर हो जाते हैं।

नर्वस सिस्टम

केशर एक अच्छा नरवाईन टॉनिक है। यह नाड़ी संस्थान को उत्तेजित करता है, मस्तिष्क को बल देता है और वेदना स्थापन करता है। इसका प्रयोग मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम की कमजोरी से होने वाली बीमारियों में करते हैं। अधिक मात्रा में सेवन करने पर मादकता उत्पन्न करता है।

डाइजेस्टिव सिस्टम

यह भूख जगाता है, पाचन क्षमता औऱ भोजन में रुचि को बढ़ाता है। केशर लिवर को बल प्रदान करता है, वमन को रोकता(एंटी एमेटिक) है। इसका प्रयोग अग्निमांध, अजीर्ण, अतिसार, वमन और यकृत के विकारों में करते हैं।

सर्कुलेट्री सिस्टम

केशर हृद्य है, यह हृदय को बल प्रदान करता है। हार्ट की कमजोरी के कारण होने वाले हाइपो टेंसन की अवस्था मे इसका प्रयोग करने से ब्लड प्रेशर सही हो जाता है। साथ ही केशर रक्त प्रसादन करता है, ब्लड में उपस्थित टॉक्सिक पदार्थों को दूर करके ब्लड को डेटॉक्सीफाई करता है।

यूरीनरी सिस्टम

केशर किडनी को उत्तेजित करता है, इसके प्रयोग से यूरीन फॉर्मेशन बढ़ जाता है। डिस यूरिया की अवस्था मे इसका प्रयोग करने से मूत्र आसानी से आने लगता है।

रिप्रोडक्टिव सिस्टम

पुरुषों में केशर का प्रयोग करने से सेक्सुअल क्षमता में बढ़ोतरी होती है। इसे ध्वजभंग( प्री मैच्योर इजेकुलेशन) में भी उपयोग करते हैं।

महिलाओं के लिए केशर अत्यंत लाभदायक है, इसके प्रयोग करने से रजोरोध(एमेनोरिया), कष्टार्तव(डिसमेनोरिया) में लाभ होता है। यह गर्भाशय संकोचक है, अतः इसे कष्ट प्रसव में प्रयोग करते हैं।कुछ विशेष रोगों की चिकित्सा मे भी केशर का प्रयोग लाभदायक साबित हुआ है।

अस्थमा

रिसर्च से सामने आया है कि केशर का प्रयोग करने से एलर्जिक अस्थमा के रोगियों को लाभ होता है।

अल्ज़ाइमर्स डिजीज

अल्ज़ाइमर्स डिजीज के इलाज में अन्य दवाओं के साथ साथ केशर एक्सट्रेस्ट का 22 हफ्तों तक सेवन करने से रोग के लक्षणों से बचाव होने में सफलता मिलती है।

चाइल्ड हैल्थ

केशर बच्चों के स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याओं में अत्यंत लाभकारी है। साथ ही बच्चों में इसका प्रयोग इम्युनिटी बूस्टर और हैल्थ इम्प्रूवमेंट के लिए भी किया जाता है।

जो बच्चे किन्ही कारणों से दुबले पतले और कमजोर होते हैं, उन्हें केशर को दूध के साथ सेवन कराने से हैल्थ अच्छी हो जाती है।

पेट दर्द

अनेक तरह के डाइजेस्टिव कारणों से होने वाले पेट दर्द की चिकित्सा में केशर के साथ दालचीनी  का प्रयोग करने से जल्द लाभ होता है।

उदर कृमि

छोटे बच्चों के पेट मे वर्म इंफेस्टेशन होने पर उन्हें केशर का सेवन कराने से वर्म्स नष्ट हो जाते हैं।

नेत्र विकार

बच्चों में नेत्र विकार होने पर केशर को घिस कर आखों में लगाने से लाभ होता है।

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