हस्तमैथुन की गलत भ्रांतियां | Busting Masturbation Myths

यह आर्टिकल डॉ शैलेन्द्र कुमार गोयल की Misters.in के लिए ख़ास रिकॉर्ड की गयी YouTube वीडियो का प्रतिलेखन हैं।  आप अगर प्रतिलेखन की जगह YouTube वीडियो देखना पसंद करेंगे तो आर्टिकल के अंत में दिए गए लिंक को क्लिक करें.

हस्तमैथुन (hastmaithun) से लाभ हानि। क्या सच और क्या झूठ । हस्तमैथुन भ्रांतियां के बारे में जाने यहां।

आज मैं आपको बताने जा रहा हूँ हस्तमैथुन (hastmaithun), जो की मस्टरबैशन हैं,और उसके बारे में क्या क्या मिथ्स (myths) और भ्रांतियां है हमारे समाज में।

हस्थमैथुन एक स्वाभाविक प्रक्रिया है

मस्टरबैशन (masturbation) यानि की हस्थमैथुन एक स्वाभाविक प्रक्रिया है की जिसमे पुरुष अपने जननांगों को अपने हाथ द्वारा बिस्तर पर या अन्य विधियों द्वारा अपने जननांगों को उत्तेजित करता है और उससे अपनी चरम सीमा या ओर्गास्म (orgasm) को प्राप्त करता है। और इस प्रक्रिया में वीर्य का स्खलन या वीर्य का सीमेन डिस्चार्ज जिसको हम इजाकुलेशन (ejaculation) कहते हैं वो होता है।

हस्तमैथुन भ्रांतियां

लेकिन इसके साथ हमारे समाज में भ्रांतियां है की वीर्य के स्खलन से हम कमज़ोर हो जाते हैं क्योंकी वीर्य जीवन का एक अर्घ है और इसके निकलने से हमारी हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं।  जब हम हाथ का प्रेशर अप्लाई करते हैं  तो उसमे माना जाता है की लिंग के तनाव में कमी आ जाती है, लिंग की नसें ख़राब हो जाती हैं उसपे जो नसें या वेन्स होती हैं वो प्रोमिनेन्ट हो जाती हैं और आगे चल के इसकी वजह से हमें सेक्स में दिक्कत जिसको हम इरेक्टाइल डिसफंक्शन या तनाव में कमी होना कहते हैं वो होता है।

और प्रीमेचर एजकुलेशन  (permature ejaculation) इसके वजह से हो सकता है या कुछ लोग कहते हैं की इससे नज़र में कमज़ोरी आती है की पार्शियल ब्लाइंडनेस होती है, हाथ पे बाल आ जाते हैं और कहीं न कहीं आदमी डिप्रेशन में चला जाता है या मानसिक कुंठा में चला जाता है| और एक ये मिथ्याे होता है की हम एडिक्ट हो जाते हैं, मस्टरबैशन एडिक्ट (masturbation addict) जिसको कहते हैं की इसके बिना हमारा कोई काम नहीं होता हमें एडिक्शन हो जाता है।  

तो ये सब भ्रांतियां हैं ।

मैं ये कहूंगा की मस्टरबैशन से ऐसा कुछ नहीं होता है । लेकिन अब बात करते हैं की जब हम किसी को बताते हैं की ये सब भ्रांतियां है और ये गलत है तो वो कहते हैं नहीं सर आप कैसे कह रहे हैं हमने तो सब नेट पे पढ़ा है और हमारे सब लोगों ने बताया है की मस्टरबैशन से ये दिक्कत है और दूसरी चीज़ हम ये खुद महसूस करते हैं की जब हमने मस्टरबैशन किआ और हमारा वीर्य निकला तो उसके बाद हमें कमज़ोरी आ जाती है। हमसे ठीक से खड़ा नहीं हुआ जाता हमारे घुटनो में दर्द होने लगता है और हमें दिक्कत होती है हमें घबराहट होती है और दिल धड़कने लगता हैं।  

तो ये उनके पर्सनल एक्सपीरियंस होते हैं जिसमें जैसे हम कहें की ये एक भ्रान्ति है और गलत है तो वो नहीं मानने को तैयार होते हैं।  क्यों की वो खुद एक्सपीरियंस कर रहे होते हैं।  तो इसके बारे में बताऊंगा की इसकी इस बात की शुरुआत कहाँ से होती है।

होता क्या है की प्रकृति द्वारा हम तेरह चौदह साल के जब पुरुष होता है अडोलेसेन्स या बाल्यावस्था से जब वो किशोरावस्था में आता है तो उस समय आपके प्रकृति द्वारा आपके शरीर के जो अंग होते हैं जो सेक्सयूअल  ऑर्गन्स जो होते हैं वो मेचोर होने लगते हैं और प्रकृति द्वारा आपको सेक्स प्रक्रिया के लिए उपयुक्त बना दिए जाता है।

हस्तमैथुन अप्राकृतिक  नहीं हैं

पर ये सामाजिक नियम है की हम शादी तब करते हैं और हम सेक्स तब शुरू करते हैं की जब हम फिनांशीअली और एडुकेशनली अपने आप को सक्षम पाते हैं की हम परिवार को बढ़ा पाएंगे।  तो हम चौदह साल में प्रकृति द्वारा एडल्ट बना दिए जाते हैं लेकिन हम शादी और सेक्स की प्रक्रिया हम चौबीस पच्चीस या कई बार कुछ अवस्थाओं में तीस साल पे हम शुरू कर रहे होते हैं।  तो ये जो पंद्रह साल हैं तो हमारे यदि हम कहें की सभी जानवर और ये सामाजिक और ये एक प्रकृति का नियम है की हमारी अगली पीढ़ी तब आएगी जब हम रिप्रोडक्शन या सेक्स प्रक्रिया करेंगे अपने फीमेल पार्टनर के साथ|  

तो ये एक प्रकृति का नियम है इसमें हम कुछ अप्राकृतिक नहीं कर रहे हैं की जो वीर्य निकलना या वीर्य का श्राव एक अप्राकृतिक है।

लेकिन बचपन में जब हमारे होर्मोनेस एक्टिव होते हैं हमें सेक्स का ख्याल आता है हम अपने जननांगों को छूते हैं तो हमारे पेरेंट्स हमें डांटते हैं की ये क्या कर रहे हैं बेटा आप गलत काम कर रहे हैं। इससे एक गिल्ट फीलिंग शुरू होती है । हम चाहते तो हैं हमारे होर्मोनेस और हमें जब अपोजिट सेक्स के प्रति आकर्षण होता है कुछ ऐसे वीडियोस कुछ ऐसे फोटोग्राफ्स हम देखते हैं तो हमारे लिंग में तनाव आता है जो की स्वाभाविक है लेकिन हमारे मन में भर दिया जाता है की ये गलत काम है।

तो हम एक कनफ्लिक्ट में होते हैं के हम चाह कुछ रहे हैं और हम उसको सप्रेस कर रहे हैं।  कनफ्लिक्ट के वजह से हमारे अंदर प्रॉब्लम होती है।  हमारा मन और हमारा दिमाग, हम जो सोचते हैं और फिर हमारा शरीर जो बर्ताव करता है वो इस पे depend करता है।  हमारे बेहेवियर और हमारे सोच से हमारे शरीर में प्रतिक्रियाएं होती हैं।

हस्तमैथुन से हमारे सेक्स टेंशन रिलीव होते हैं

जैसे की में एक example दूँ की मेरे ऑफिस में कोई व्यक्तिआये और मैं उसको अपना एक बहुत costly गिफ्ट जैसे की एक मोबाइल मैं उसको गिफ्ट करू।  तो उसकी एक स्वाभाविक प्रक्रिया होगी की वो बहुत खुश होगा की डॉक्टर साहब ने मुझको एक मोबाइल गिफ्ट किआ है।  तो अब उसके शरीर में जो प्रक्रियाएं होंगी की वह मुस्कुरा रहा होगा और बहुत ख़ुशी महसूस करेगा। लेकिन अब इसकी फिजिकल प्रक्रिया को हम दूसरी तरीके से देखें की वो मेरी निगाह से बचके  और मेरी टेबल से मेरा मोबाइल चुरा ले और पॉकेट में रख ले |

वो जब ऑफिस से  निकलेगा तो अब उसकी प्रक्रिया क्या होगी? उसके होठ सुख रहे होंगे, दिल घबरा रहा होगा उसको पसीने आ रहे होंगे वो इधर उधर देख रहा होगा की कहीं कोई कैमरा तो नहीं लगा | वो डर रहा होगा की डॉक्टर साहब कही पुलिस में रिपोर्ट न कर दे, उनका सिक्योरिटी गार्ड पिटाई तो नहीं कर देगा!

तो ये सब अब फिजिकल प्रक्रिया एक ही हुई की "उसने मेरा  मोबाइल लिया"। लेकिन एक केस में गिफ्ट हुआ जो की शरीर ने सोचा की बहुत अच्छा काम हुआ और उसमे रिएक्शन दुसरे हु।   और दुसरे केस में उसने गलत  काम किया, चोरी की, तो उसमे बॉडी के फिजिकल रिएक्शंस अलग  हुए जैसे की गला सूखा, जीभ सुखी ,दिल धड़का, पसीने आये।  तो हमारा शरीर हमारी भावनाओं के मुताबिक  रेस्पोंड करता है।तो हमने यदि मस्टरबैशन में सोचा के यदि हमने कुछ गलत करा तो उसकी वजह से ये सब चीज़ें होती हैं।  

अब दूसरा पॉइंट आता हैं काउंटर करने का की बहुत सारी जगह पे हमने पढ़ा है की वीर्य में बहुत ताकत होती है ये जीवन का अर्घ है और ये कैसे बनता है की हमारा फ़ूड से की जब हम खाते हैं तब जा के एक बूँद ब्लड की बनती है और चालीस बूँद ब्लड से एक बूँद मेरो (marrow) या बोन मेरो बनती है और चालीस बूँद  बोन मेरो से एक बूँद वीर्य बनता है।  जरूर वीर्य में इतनी ताकत होती है की जब हम वीर्य का स्राव करते हैं तब जा के हमारा शरीर में कमज़ोरी आती है, यदि हम इसको स्खलित करते हैं।  अब मैं इस बात को कहूंगा की जो लोग एडल्ट हैं शादी कर चुके हैं या फिर किसी सेक्सुअल कांटेक्ट में हैं, तो क्या वो सब कमज़ोर हैं?

जो लोग शादी शुदा हैं रोज़ सेक्स कर रहे हैं वो सब कमज़ोर घूम रहे हैं ?

नहीं सारी चीज़ें हमारी मानसिक सोच में डिपेंड करती है। की जहा हम सोचते हैं की ये कुछ गड़बड़ है तो उससे प्रॉब्लम होती है । और इस चीज़ का फायदा हमारे झोला छाप डॉक्टर या स्वप्रमाणित सेक्सोलॉजिस्ट जिसके पास कोई डिग्री नहीं है वो इन सब चीज़ों का फायदा उठाते हैं क्यों की हमारे यहाँ क्या चीज़ है की हमारे समाज में सेक्स एडल्ट हो के सब लोग करते हैं लेकिन सेक्स के बारे में कोई बात नहीं करता और सेक्स के बारे में यौन एजुकेशन के बारे में कोई बात नहीं करता।

और हमें जो कुछ पता चलता है अपने यारों दोस्तों से या इंटरनेट से या पोर्नोग्राफिक साइट से रिलेटेड लिंक्स जो होते हैं वह से हमें पता चलता है।

और ये जो डॉक्टर्स होते हैं जो स्वैप्रमाणित सेक्सोलॉजिस्ट या झोला छाप डॉक्टर वो स्थिति का फायदा उठाते हैं और वो आपको क्या करते हैं की भाई ये मस्टरबैशन आप तो बहुत गलत काम कर रहे हैं।  और वो आपको कहते हैं की आपके साथ ये हो जायेगा, वो हो जायेगा जो की मैथ्स की बात हम कर रहे हैं।  और जब आप डिप्रेस हो जाते हैं, आप घबरा जाते हैं, तब आप उनको पैसे दे कर उनसे लाल पीले नीले कैप्सूल्स जिसपे कोई नाम नहीं होता, जिसकी कोई कंपनी नहीं होती, आप उसे लेते हैं।

हस्तमैथुन से कोई प्रॉब्लम नहीं होती

तो मैं ये कहूंगा की मस्टरबैशन से कोई प्रॉब्लम नहीं होती, जो प्रॉब्लम होती है वो हमारी सोच से डिपेंड करती है, और हाँ, जो थोड़ा बहुत जो कभी कभार साइड इफ़ेक्ट जो मस्टरबैशन का होता है- यदि बहुत प्रेशर लगे या कुछ लगे तो वहां पे हलकी किसी समय थोड़ी सी स्वेलिंग आ सकती है जो की अपने आप ठीक हो जाती है।

तो उसमे कोई घबराने की बात नहीं होती है।  हाँ और हम जो सामाजिक नियम है उसका पालन करते हुए यदि हम सेक्सुअल कांटेक्ट नहीं कर रहे हैं तो मस्टरबैशन एक अच्छा तरीका है की जिससे हम अपनी सेक्सुअल टेंशन रिलीव कर सकते हैं।

तो मैं ये कहूंगा की मस्टरबैशन कोई गलत प्रक्रिया नहीं है|  लेकिन जो बाकी के झोला छाप डॉक्टर्स द्वारा कहा जाता है की इससे ये प्रॉब्लम हो जाएगी, इससे आपका  आगे सेक्स लाइफ ख़राब हो जाएगी, आपको और प्रोब्लेम्स होंगी -नाइटफॉल और ये सब- तो मैं कहूंगा के ये सब कोई समस्याएं नहीं हैं।  और ये सब स्वभाविक प्रक्रियाएं हैं।

मैं डॉक्टर शैलेन्द्र गोयल आपको फिर से ये बताना चाहूंगा की मस्टरबैशन यानि हस्तमैथुन कोई गलत प्रक्रिया नहीं ,ये एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और इसे हमें करना चाहिए| इससे हमारे सेक्स टेंशन रिलीव होते हैं।  

धन्यवाद नमस्कार।

Medically reviewed by Rishabh Verma, RP

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