सीमेन (वीर्य) के साथ खून आना हेमाटोस्पर्मिया का है संकेत

किसी दिन अचानक आप अपने सीमेन (वीर्य) में कुछ लाल रंग देखें, तो चौंक नहीं जाएंगे? यह लाल या गुलाबी रंग खून हो सकता है। मेडिकल साइंस में इस समस्या को हेमाटोस्पर्मिया कहते हैं। इस बीमारी में आपके वीर्य के साथ हल्का या ज्यादा खून आने लगता है। कई बार ये खून खुली आँखों से भी दिखाई देता है और कई बार बारीकी से देखने पर दिखता है, लेकिन दोनों ही मामले गंभीर हैं। आमतौर पर ताजा खून चमकीला लाल होता है जबकि समय बीतने के इसका रंग गहरा होता जाता है। ये बीमारी महिलाओं-पुरुषों दोनों को होती है। मगर अक्सर पुरुष हेमाटोस्पर्मिया से प्रभावित होते हैं। यह रोग चिंताजनक है क्योंकि कई बार यौन संचारित रोगों जैसे एड्स या गोनोरिया का संकेत भी हो सकता है। कुछ पुराने विचारों वाले लोगों का मानना है कि ये बहुत ज्यादा सेक्स करने के कारण होता है।


हेमाटोस्पर्मिया के कारण क्या हैं?

क्रॉनिक हेमाटोस्पर्मिया के कई कारण हो सकते हैं-

  1. यूरिनरी ट्रैक्ट में इन्फेक्शन हेमाटोस्पर्मिया का प्रमुख कारण है। साफ-सफाई ना रखने या बैक्टीरिया के संपर्क में आने से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन हो सकता है। इसके कारण पेशाब में जलन और दर्द की समस्या हो सकती है।
  2. कई बार किसी आघात, चोट या खिंचाव के कारण भी आंतरिक रक्तस्राव होता है, जो दर्दनाक हो सकता है और हेमाटोस्पोरिया का कारण बन सकता है।
  3. असामान्य सेक्सुअल एक्टिविटी या सेक्सुअल ऑर्गन में कोई चीज डालने से प्रोस्टेट ग्लैंड या पेनिस को चोट लग सकती है। ये भी कारण हो सकता है।
  4. किसी ट्यूमर या हर्निया के कारण खून के प्रवाह में रुकावट होने पर भी हेमाटोस्पर्मिया हो सकता है।
  5. हीमोफिलिया या लीवर सिरोसिस जैसे ब्लड फ्लो से जुड़े विकारों या रोगों से हेमाटोस्पर्मिया का खतरा बढ़ जाता है।
  6. सिस्टोस्कोपी या प्रोस्टेट बायोप्सी के दौरान एट्रोजेनिक आघात केशिकाओं को डैमेज कर सकता है, जिससे हेमाटोस्पर्मिया हो सकता है।


हेमाटोस्पर्मिया के लिए सही जांच-

हेमाटोस्पर्मिया का काफी हद तक इलाज हो सकता है। इसके कारणों और लक्षणों को आपको अच्छे से जांचना चाहिए। हेमाटोस्पर्मिया में सबसे ज्यादा परेशानी की बात है कि लोग इसकी अच्छे से और सही जांच नहीं कर पाते हैं। कभी कभी हो सकता है कि सेक्स के बाद आने वाला खून आपके साथी से आपको लगा हो, ऐसे में जांच अच्छे से करना बेहद ज़रूरी है। अगर गांठ है, तो इसका पता छूकर लगाया जा सकता है। इसके अलावा इरेक्शन, खून और यूरिन टेस्ट भी ज़रूरी है।

कई मामलों में ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासोनोग्राफी (TRUS) जैसे टेस्ट की जरूरत पड़ती है। वहीं ब्लड फ्लो में रुकावट या खून जमा होने का पता लगाने के लिए एमआरआई (MRI) किया जा सकता है। इससे प्रोस्टेट कैंसर का भी पता लगा सकता है।


क्या है सही इलाज

हेमाटोस्पर्मिया को अनदेखा करने से बाद के जीवन में कुछ गंभीर बीमारी हो सकती हैं। इस स्थिति को ठीक करने का सही तरीका है इसके कारण का इलाज करना। इसलिए ज़रूरी है कि आप इससे जुड़ी हर समस्या को डॉक्टर को बेझिझक बताएं। कभी-कभी अगर कारण सामान्य हो, तो ये अपने आप ठीक हो जाता है और इलाज की जरूरत भी नहीं पड़ती है। हां, अगर ट्यूमर या गांठ है, तो सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। संक्रमण के मामले में, एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक किया जा सकता है। इसलिए अगर आपको वीर्य के साथ खून दिखे तो डॉक्टर की मदद लेकर जरूर जांच कराएं।

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