रेगुलर लाइफ में अश्वगंधा को किस तरह यूज़ कर सकते हैं?

अश्वगंधा एक महत्वपूर्ण औषधि है, इसका उपयोग अनेक तरह के रोगों में और एक एनर्जी बूस्टर टॉनिक के रूप में रेगुलर लाइफ में किया जा सकता है। साइंस अभी इसके नए पक्षों को जानने के लिए रिसर्च कर रहा है, लेकिन आयुर्वेद के ग्रंथों में इसके अनेक प्रयोग बताये गए हैं। इस आर्टिकल में अश्वगंधा के कुछ ऐसे उपयोगों के बारे में बताया गया है, जिन्हें आप अपनी रोजमर्रा की लाइफ में सरलता से यूज़ करके लाभान्वित हो सकते हैं।

बढ़ती उम्र को थाम लें

एजिंग एक ऐसी सच्चाई है, जो किसी को भी पसन्द नही है मगर जिसका सामना सभी को करना ही पड़ता है। बढ़ती उम्र के साथ बॉडी का मेटाबॉलिज्म डाउन होने लगता है, इम्युनिटी कम हो जाती है, सेक्स की इच्छा कम होने लगती है। अश्वगंधा को अपनी डेली लाइफ में एक रसायन या एन्टी एजिंग एजेंट के तौर पर शामिल कर लेने से जवानी को लम्बे समय तक बनाये रखा जा सकता है।

स्ट्रैस दूर करे

आजकल की लाइफ स्टाइल में स्ट्रैस लाइफ का अनिवार्य हिस्सा बन गया है, चाहे आप स्त्री हों या पुरुष सभी इससे घिरे हुए हैं।

रिसर्च से यह बात बिल्कुल स्पष्ट है कि अगर आप तनाव युक्त हैं तो, इसका आपकी बॉडी पर निगेटिव इफेक्ट पड़ता है, चेहरे पर झुर्रियां, हेयर लॉस, सेक्सुअल लीविडो लॉस से लेकर कई गम्भीर बीमारियां( सुगर, बीपी, हार्ट, किडनी डिसीज़) भी स्ट्रैस से हो सकते हैं। स्ट्रैस को दूर करने में अश्वगंधा बहुत ज्यादा असरदायक साबित हुई है, इसे किसी भी रूप में रेगुलर लेने से आप बहुत सारी समस्याओं से बच सकते हैं।

अश्वगंधा के एन्टीएजिंग प्रयोग

  • अश्वगंधा के रूट एक्सट्रेस्ट या पॉवडर को दूध के साथ रेगुलर लेने से बॉडी में टेस्टोस्टेरॉन की कमी दूर होती है, जिससे वृद्धावस्था के लक्षण कम होते हैं, और पौरुष क्षमता और जोश में बढ़ोतरी होती है।
  • अश्वगंधा के बारीक पॉवडर को आंवले के रस के साथ नित्य सेवन करने से युवावस्था लम्बे समय तक स्थिर रहती है।
  • अश्वगंधा और विधारा के समभाग महीन पावडर को अच्छे से मिक्स करके एयर टाइट जार में रखें, सुबह शाम 3 से 5 ग्राम की मात्रा में दूध के साथ सेवन करने से एजिंग के कारण होने वाली सारी तकलीफें दूर हो जाती हैं, और कायाकल्प हो जाता है।

फीमेल हैल्थ

महिलाओं की बॉडी में एक कॉम्प्लेक्स यूरिओ जेनाइटल सिस्टम होता है। जिसका असर महिलाओं की ओवरआल हैल्थ पर होता है।

जिन महिलाओं में गर्भाशय विकृति या अन्य कारणों से पीरियड के समय अत्यधिक पीड़ा (डिस मेनोरिया) होती है। इस स्थिति में अश्वगंधा का रेगुलर प्रयोग करने से यूटेरस की सूजन और इंफेक्शन ठीक होता है और, माहवारी भी अच्छे से होने लगती है।

लियोकोरिया से परेशान महिलाएं अश्वगंधा चूर्ण के साथ मिश्री समभाग मिक्स करके सुबह शाम दूध से लेकर लाभ उठा सकती हैं।

अश्वगंधा को एन्टी एजिंग के लिए यूज़ करने से महिलाओं में हार्मोन्स का संतुलन बना रहता है, और मेनोपॉज भी समय पूर्व नहीं होता, जिससे उनकी सेक्सुअल लाइफ भी हैल्थी और आनंद पूर्ण बनी रहती है।

यदि वेजाइनल इंफ्लामेशन या बार बार होने वाले UTI से परेशान हैं तो अश्वगंधा एक्सट्रेस्ट 500 mg दिन में दो बार लेने से लाभ मिलता है।

चाइल्ड हैल्थ

  • अगर ब्रेस्ट फीडिंग बेबी के लिए पर्याप्त दूध नही बन रहा हो तो अश्वगंधा के समभाग मुलेठी, विदारीकंद मिक्स कर पॉवडर बना कर मां को सुबह शाम दूध के साथ देने से आराम आ जाता है।
  • बच्चे की फिजिकल ग्रोथ अच्छे से ना हो रही हो तो अश्वगंधा का पेस्ट 250 ग्राम, 250 ग्राम घृत मिलाकर 4 kg दूध मिला कर धीमी आंच पर पकाएं, घृत अकेला बचने पर आग से अलग कर के जार में  रखें बच्चे को 1 से 3 ग्राम दूध के साथ दिन में दो बार दें, फिजिकल, मेंटल ग्रोथ अच्छी हो जाएगी।

अनेक तरह की स्टडी में अश्वगंधा की एंटी ट्यूमर , और एंटी कैंसर  एक्टिविटी सामने आयी है, इसके रेगुलर सेवन से बॉडी में इस तरह के रोगों के होने की संभावनाएं भी बहुत कम हो जातीं हैं |

अश्वगंधा युक्त सप्लीमेंट हर्बल इम्युनिटी बूस्टर के रूप में भी कार्य करता है, इसे रेगुलर लेने से रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है|

Medically reviewed by Rishabh Verma, RP

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