मेनोपॉज के समय महिलाओं में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसके चलते उनमें हॉट फ़्लशेस, मूड स्विंग्स या सेक्सुअल प्रॉब्लम से जुड़े लक्षण देखने को मिलते हैं। हालाँकि ये लक्षण सामान्य हैं पर फिर भी ये महिला और उसके पार्टनर के लिए समस्या का कारण बन सकते हैं, और उनकी सेक्स लाइफ को प्रभावित कर सकते हैं।
अच्छे से साथ देने और समझने वाले पार्टनर के होने पर महिलाओं के लिए मेनेपॉज और उसके लक्षण के प्रभावों से लड़ना आसान हो जाता है। और वहीं पार्टनर के साथ ना देने पर ये मानसिक और सेक्सुअल दोनों चीजों पर असर डाल सकता है। बहुत से पुरुषों को मेनोपॉज के बारे मे थोड़ी बहुत जानकारी होती है पर वो ये नहीं समझ पाते कि इन बदलावों से कैसे डील करना है या इनके लिए किसी तरह का ट्रीटमेंट भी होता है। साथ ही वो ये भी नहीं समझ पाते कि इस समय में वो कैसे अपने पार्टनर की मदद कर सकते हैं।
ऐसे बहुत से केस देखे गए हैं जहां कपल मेनोपॉज के बाद भी सेक्स लाइफ अच्छे से बनाएं रखते हैं।और ये भी देखा गया है कि एक महिला के मेनोपॉज के लक्षण उसके पार्टनर के साथ उसके रिश्ते से भी काफी हद तक प्रभावित होते हैं। पुरुष ये बात जानते नहीं हैं पर मेनोपॉज के समय सेक्स लाइफ को अच्छी बनाए रखने में उनका बहुत बड़ा हाथ है। पुरुष अपनी सेक्स लाइफ के बारे में डॉक्टर या किसी एक्सपर्ट से बात करने में हिचकिचाते हैं। पर वो ये भूल जाते हैं कि डॉक्टर इस समस्या को भी बाकी समस्या की तरह ही ट्रीट करेगा, इसलिए इस समस्या को लेकर खुल कर बात करना जरुरी है।
आदमी किस तरह से मदद कर सकते हैं?
सेक्सुअल प्रॉब्लम सबसे आम समस्या है क्योंकि ये महिला के पार्टनर से जुड़ी है। जैसे कि हो सकता है कि महिला को ऑर्गज़्म में समय लगे और वहीं पुरुष जल्दी से इसे प्राप्त कर ले क्योंकि उसकी उम्र बढ़ रही है। इसीलिए मेनोपॉज से जुड़ी समस्या जॉइंट प्रॉब्लम है और इसमें पुरुषों को भी पूरी तरह से जुड़ने कि ज़रूरत है। पुरुषों को भी पूरी जानकारी होना ज़रूरी है कि इन लक्षणों का कारण क्या है और किस तरह से इसमें मदद कर सकता है। दोनों लोग मिल कर ही अपनी सेक्स लाइफ को अच्छा रख सकते हैं।
एक आदमी बहुत तरह से इसमें हिस्सा बन सकता है। जैसा कि सब जानते हैं कि बायोलॉजिकल और सायकोलॉजिकल दोनों ही फैक्टर किसी भी सेक्सुअल रिलेशन के लिए बेहद अहम हैं, इसीलिए मेनोपॉज़ के बाद इन दोनों पर ही ध्यान देना बेहद ज़रूरी है। और आप देखेंगे कि आपकी सेक्सुअल लाइफ मेनोपॉज़ के बाद भी एकदम बेहतरीन रहेगी।
बायोलॉजिकल फैक्टर्स
खुद भी स्वस्थ रहें और उसे भी स्वस्थ रहने के लिए कहें।
आपकी सेक्सुअल हेल्थ आपकी फिजिकल हेल्थ से जुड़ी है, इसलिए हेल्थ को सही रखते हुए आप काफी समस्याओं को कम कर सकते हैं।
इसलिए मेनोपॉज़ के बाद
•अच्छी तरह से और बैलेंस्ड खाना खाएं।
•एक्सरसाइज को लाइफ का हिस्सा बनाएं।
•शराब और स्मोकिंग से बचें।
•जितना ज्यादा हो सके आराम करें।
हेल्दी लाइफ स्टाइल पाने के लिए आप और आपके पार्टनर एक साथ खाना बनाना या एक्सरसाइज करना शुरू कर सकते हैं जिससे उन्हें साथ में समय बिताने का भी मौका मिलेगा।
मेनोपॉज़ के समय आपके पार्टनर कि हेल्थ से जुड़ी जरूरतें बढ़ जाती है, इसलिए ज़रूरी है कि आप उन जरूरतों को समझें और उन्हें पूरा करने में उसकी मदद करें। हो सकता है उसे हॉर्मोन में हो रहे बदलाव के लिए थेरेपी कि ज़रूरत पड़े, या किसी और ट्रीटमेंट की भी। जैसे कि हॉट फ़्लशेस या मूड स्विंग्स का इलाज करवाना बेहद ज़रूरी है क्योंकि ये नींद और लिबिडो दोनों पर नेगेटिव असर डालते हैं। आप हर तरह की ट्रीटमेंट के बारे में जानकारी रखते हुए उसे इन्हें करवाने की सलाह दे सकते हैं।
डॉक्टर के पास जाने के लिए प्रेरित करें
बहुत सी औरतें डॉक्टर के पास जाने से परहेज करती हैं, ऐसे में आप उन्हें बोल सकते हैं कि आप उनके साथ हैं। डॉक्टर कि सलाह से समस्या का समाधान जल्द मिलता है जो आप दोनों के लिए बेहतर है। आप डॉक्टर के बारे में पहले से जानकारी रखें ताकि इसे लेकर उन्हें परेशान ना होना पड़े।