सेक्स पर रिसर्च करने वाले एक व्यक्ति ने एक बार बताया कि क्यों एक पुरुष का रिफ्रैक्टरी पीरियड किसी बायोलॉजिकल कुकु क्लॉक की तरह नहीं है।

लोगों के बीच एक बहुत ही बड़ी गलतफ़हमी है कि उन्हें लगता है कि पुरुषों का रिफ्रैक्टरी पीरियड एक सेट इंटरवल पर काम करता है। जैसे की किसी चमत्कारी कोयल की बोली की तरह। जैसे कोयल एक सेट अंतराल पर आवाज़ निकालती है ऐसे ही लोग मानते हैं कि पुरुषों का इरेक्शन ओर्गस्म के 20 मिनट बाद फिर आ जाता है।


ये एकदम गलत है। या ये सिर्फ उन आदमियों के लिए सही है जिनका रिफ्रैक्टरी पीरियड सच में 20 मिनट है, और वो औरों के लिए भी ऐसे अफवाह फैला रहे हैं। और यकीन माने तो मुझे या किसी भी सेक्स पर रिसर्च करने वाले को जरा सा भी अंदाजा नहीं है कि इस तरह के कितने पुरुष होंगें। सही शब्दों में बात की जाए तो पुरुष रिफ्रैक्टरी पीरियड के बारे में ज्यादा जानकारी है ही नहीं है। इसलिए हम मान लेते हैं कि ऐसे भी पुरुष हैं जिनका रिफ्रैक्टरी पीरियड बाकियों के मुकाबले छोटा होता है। कुछ लोग समस्याओं से भी जूझते हैं पर कभी अपने दोस्तों या डॉक्टर से इसके बारे में बात करने के लिए सामने नहीं आते हैं। इसके अलावा इन चीजों के बारे में लैब में रिसर्च नहीं किया जा सकता है। इसे रिक्रिएट करेंगें भी तो कैसे, आप टाइमर लगा कर एक आदमी के इरेक्शन का इंतज़ार नहीं कर सकते है। ऐसा करना वियाग्रा का एकदम उल्टा असर सामने वाले पुरुष पर डालेगा।


पर ऐसा भी नहीं है कि आप बिलकुल ही इसकी जानकारी नहीं ले सकते हैं। ऐसे में देखते हैं आपको क्या जानने की ज़रूरत है:



पुरुष महिलाओं की तरह एक से ज्यादा बार ओर्गस्म नहीं पा सकते हैं। इसका कारण बहुत ही आम है। जब आदमी के स्पर्म निकलते हैं तो बायोलॉजिकल तौर पर बात करें तो स्पर्म पूरी तरह से रिप्रोडक्शन के लिए ही बने हैं, इसलिए पुरुष ओर्गस्म में स्पर्म रिच सीमेन के निकलने से आदमी पर प्रभाव पड़ता है, वहीं दूसरी ओर महिलाओं के ओर्गस्म में ऐसा कुछ नहीं होता है। सीधे शब्द में कहें तो महिलाओं के अंडे ही प्रेगनेंसी में मदद करते हैं, उनके ओर्गस्म का उनकी प्रेगनेंसी से कोई लेना देना नहीं रहता है। इसलिए वो पुरुषों के मुकाबले ज्यादा और जल्दी ओर्गस्म पा सकती हैं। वहीं पुरुषों को इसके लिए थोड़ा समय लगता है, ताकि उनके फिर से अपने स्पर्म काउंट को बढ़ाने के लिए समय मिल सके ताकि वो उतना स्पर्म बनाएं कि वो महिला एग्ग तक पहुंच सके।


हमेशा से ऐसा नहीं होता है, ओर्गस्म तक पहुंचने से पहले लड़के इरेक्शन पा सकते हैं, पर प्युबर्टी के बाद एक तरह का हार्मोनल बदलाव आता है जो एक बार ओर्गस्म के बाद आदमी के शरीर और पेनिस को एक मैसेज देता है कि,” अभी थोड़ी देर तक नहीं।” और ये इंतज़ार की दर आपके उम्र, आपकी इंटीमिसी , और आप किस तरह से किसके साथ सेक्स कर रहे हैं इन सब बातों पर निर्भर करता है। उम्र के कहें तो कहीं ना कहीं उम्र बढ़ने के साथ पुरुष इस बात को लेकर ज्यादा सोचने लगते हैं क्योंकि आस पास से वो यही सुनते हैं कि उम्र बढ़ने के बाद सेक्स करने की ताकत कम हो जाती है।