सेक्स्टिंग आपके रिलेशनशिप के लिए हो सकती है अच्छी

जारी की गई एक स्टडी के अनुसार पहले के मुकाबले सेक्स्टिंग करना अब काफी कॉमन है और ये सेक्सुअल और रिश्तों की बेहतरी के लिए ज्यादा फायदेमंद है। स्टडी के अनुसार "सेक्स से जुड़ा कुछ अलग तरह का कंटेंट टेक्स्ट करके भेजने या रिसीव करने का तरीका”, सेक्स्टिंग आजकल जवान लोगों के बीच में काफी चर्चा में है।


लेकिन ड्रेक्सल यूनिवर्सिटी की एमिली स्टैस्को, जिन्होंने ड्रेक्सल एसोसिएट प्रोफेसर पामेला गेलर के साथ मिलकर स्टडी की, उनका कहना है कि सेक्सटिंग के प्रभावों पर अभी भी अलग-अलग तरह की राय सामने आती हैं। स्टैस्को कहती हैं, "ज्यादातर रिसर्च के अनुसार सेक्स्टिंग को सही नहीं माना गया है। लेकिन अगर यह इतनी बुरी चीज है तो फिर लोग इसे इतना इस्तेमाल ही नहीं करते।"


स्टडी के मुताबिक पिछले साल 10 में से 8 लोगों ने सेक्स्टिंग की है। स्टडी करने वाले लेखकों ने यूनाइटेड स्टेट्स में 18 से लेकर 82 साल तक के 870 लोगों पर उनका "सेक्स्टिंग का तरीका, सेक्स्टिंग करने का कारण और उनके रिश्ते और सेक्सुअल संतुष्टि” के बारे में जानने के लिए सर्वे किया।


उनमें से लगभग 88 % ने माना कि उन्होंने लाइफ में कभी ना कभी सेक्स्टिंग ज़रूर की है और 82% लोगों ने पिछले साल भर में ही सेक्स्टिंग करने की बात मानी थी। साथ ही पाया गया कि सेक्स्टिंग और रिलेशनशिप में भी अच्छा खासा संबंध है: 75% ऐसे लोग जो किसी ना किसी के साथ रिश्ते में थे, सेक्स्टिंग करने की बात मानते हैं, जबकि 43% जो सीरियस रिलेशनशिप में नहीं थे और 26% सिंगल लोगों भी थे, जिन्होंने माना कि वो सेक्स्टिंग कर चुके हैं।


और उन रिश्तों की क्वालिटी? स्टडी के मुताबिक रिश्ते में रहते हुए सेक्सटिंग करने वाले काफी ज्यादा लोगों ने माना कि ऐसा करने से उन्हें ज्यादा सेक्सुअल संतुष्टि मिलती है। वहीं सिंगल स्टेटस वाले सेक्स्टिंग करने वालों ने माना कि उनका सेक्सुअल संतुष्टि स्कोर कम रहा है। स्टैस्को कहती हैं कि सेक्स्टिंग के जरिए कपल्स के बीच बातचीत और सेक्सुअल हेल्थ में सुधार लाया जा सकता है। वह कहती हैं, "इसका इस्तेमाल एक दूसरे को पास लाने, सेक्सुअल संतुष्टि बढ़ाने और उस कपल के अंदर एक नई तरह की एनर्जी लाने के लिए किया जा सकता है।"


पर पहले की गई स्टडीज के मुताबिक सेक्स्टिंग के कुछ नेगेटिव असर भी बताए गए हैं। ज्यादातर मामलों में इसे गलत सेक्स आदतों से जोड़ा गया है- जैसे असुरक्षित सेक्स। स्टैस्को कहती हैं कि इस रिपोर्ट का ऐसा होने कारण सेक्स को लेकर पहले से ही लोगों की जो सोच बनी है उसके आधार पर हो सकता है। उनका कहना है कि,” मुझे लगता है कि हम सेक्स को रिस्क की तरह ही देखते हैं ना कि किसी फायदे या बिना किसी पूर्व धारणा के।

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