क्या स्टेरॉइड्स से उत्पन्न हो सकती है निःसंतान्ता?

क्या आपने कभी सोचा है कि बड़ी और सुडौल मांसपेशियां पाने को होड़ में, आप अपने शरीर को बलहीन एवं बंजर बना रहे हैं। दी असोसिएशन फ़ॉर द पब्लिकेशन ऑफ द जर्नल ऑफ इंटर्नल मेडिसिन के अनुसार कई पुरुष अपने दोस्तों एवं आस पास के लोगों के तानों से परेशान होकर अपने शरीर को सुडौल बनाने का छोटा रास्ता अपनाते हैं एवं एनाबोलिक स्टेरॉइड्स आदि का सेवन करना प्रारम्भ कर देते हैं।


फिनेस्ट्रेड जैसी कुछ दवाओं के उपयोग से गंजेपन का उपचार करने की कोशिश की जाती रही हैमोसमेन नामक एक वैज्ञानिक ने इस विषय में रिसर्च करते समय बताया कि जब वे यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड से अपनी डॉक्टरेट डिग्री के लिए पढ़ रहे थे, तब उनके पास कई पुरुष अपनी फर्टिलिटी का चेकअप कराने आते थे। इन पुरुषों की संख्या सप्ताह दर सप्ताह बढ़ती जा रही थी। मोसमेन ने बताया कि यह पुरुष अपने शरीर को बड़ा दिखाने के लिए कई प्रकार के ड्रग्स आदि का सेवन कर रहे थे। इसके परिणाम स्वरूप, उनके शरीर में बिना किसी बीमारी के शुक्राणुओं की संख्या इतनी कम हो चुकी थी कि अब उन्हें वीर्य पतन के समय भी शुक्राणु नहीं निकल रहे थे।


अपने शरीर को बाहर से खूबसूरत एवं सुडौल दिखाने की होड़ में लग कर कुछ पुरुष एनाबोलिक स्टेरॉइड्स का सेवन करते हैं। इस प्रकार के पदार्थो का सेवन करने से उनका शरीर अस्वाभाविक रूप से बढ़ने लगता है एवं उनका स्वास्थ्य काफी तेज़ी से घटने लगता है। वे बेहद अस्वस्थ होते जाते है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार फिलहाल हमारे पास यूनाइटेड स्टेट्स में होने वाले स्टिरॉयड के दुरुपयोग का अनुमान लगाने हेतु पर्याप्त डेटा नहीं है। हालांकि इंग्लैंड की नेशनल हेल्थ सर्विस ने माना कि वर्तमान समय में पुरुषों में निःसंतान्ता का मुख्य कारण स्टेरॉइड्स का बढ़ता सेवन ही है।


मोसमेन एवं उनकी साथी पेसी ने अपने द्वारा संपादित एक पत्र में लिखा कि शुक्राणुओं की कमी से निःसन्तानता होगी एवं इसका सीधा अर्थ है पुरुष के स्वास्थ्य में गिरावट। कुछ पुरुष अपना स्वास्थ्य एवं शरीर दोनों की वृद्धि चाहते हैं। हालांकि  "ए ए एस" जैसे स्टेरॉइड्स के सेवन से उनका शरीर तो विशालकाय बन जाता है किंतु उनकी मर्दानगी दाव पर लग जाती है।क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार भी फिनेस्ट्रेड एवं एनाबोलिक स्टेरॉइड्स के सेवन से स्पर्म बनाने के लिए महत्वपुर्ण हॉर्मोन की मात्रा बिगड़ जाती है एवं स्पर्म बनाने की प्रक्रिया सुचारू रूप से नहीं हो पाती। के शोधों में यह भी सिद्ध हो चुका है कि फिनेस्ट्रेड एवं एनाबोलिक स्टेरॉयड के उप्योग से पुरुषों में स्तम्भन दोष उत्पन्न हो जाता है एवं उनके वीर्य भी विकृत या दूषित हो जाता है। हालांकि इनके दुष्प्रभाव इनका सेवन बंद करने के बाद से ही कम हो जाते हैं किन्तु यदि इनका सेवन बहुत अधिक मात्रा में किया गया है, तो इनके दुष्प्रभाव सदा के लिए भी रोग उत्पन्न कर सकते हैं। इस प्रकार के ड्रग्स के सेवन से हृदयरोग भी हो सकते हैं।


मोसमेन एवं पेसी का मानना है कि  हमें समाज मे इन विषयों पर जागरुकता फैलानी चाहिए। ज़्यादा से ज़्यादा लोगो को इसके दुष्प्रभाव के बारे में शिक्षित करना चाहिए।






Any question about sex, answered by those who should have the answers. Absolutely free!
Call now
1800-121-9555