दैनिक जीवन मे गोक्षुर के उपयोग से क्या फायदे होते हैं?

गोक्षुर एक महत्वपूर्ण और सरलता से प्राप्त हो जाने वाली प्रभावशाली वनस्पति है। ह्यूमन बॉडी पर इसके पॉजिटिव प्रभावों को देखते हुए इसका प्रयोग डेली लाइफ फ़ूड सप्पलीमेंट के रूप में प्रचुरता से हो रहा है। आइये जानते हैं कि इसे अपनी रेगुलर लाइफ में शामिल करने से आपको क्या फायदे मिल सकते हैं।
1- हार्ट को हैल्थी रखे
आजकल की फ़ास्ट लाइफ स्टाइल में अपने खान पान का सही ख्याल रख पाना मुश्किल होता है। अनहैल्दी फ़ूड हैविट और पैकेज्ड फ़ूड के इस्तेमाल से बॉडी में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने लगता है। ये कोलेस्ट्रॉल और लिपिड ब्लड वेसल्स में डिपॉजिट होने लगता है, जिससे हार्ट को बॉडी में ब्लड सर्कुलेट करने में अधिक वर्क करना पड़ता है, साथ ही इन डिपॉजिसन के कारण हार्ट को ब्लड पहुचाने वाली कॉरोनरी आर्टीस भी ब्लॉक होने लगती है।
इन वजहों से हार्ट हैल्थ बिगड़ जाती है और मायोकार्डियल इन्फ्राक्शन, एंजाइना हो सकते हैं | रिसर्च से सामने आया है, कि गोक्षुर के रेगुलर सेवन से बुरे कोलेस्ट्रॉल के लेवल में महत्वपूर्ण कमी आती है। साथ ही ब्लड वेसल्स में बने हुए प्लेक भी धीरे धीरे समाप्त हो जाते हैं।
बिना किसी बाधा के ब्लड फ्लो होने से हाई ब्लड प्रेशर सामान्य हो जाता है, और हार्ट भी लंबे समय तक स्वस्थ रहता है।
2- रीनल हैल्थ
किडनी मनुष्य के शरीर का एक महत्वपूर्ण भाग है, इनकी सहायता से शरीर में बनने वाले उत्सर्जी पदार्थ बॉडी से बाहर निकलते हैं। किडनी एक दिन में लगभग 180 से 200 लीटर ब्लड प्रोसेस करतीं हैं। गलत लाइफ स्टाइल और अनेक तरह की बीमारियों के कारण किडनी काम करना कम कर देती हैं | जिसके कारण बॉडी में हानिकारक पदार्थों की मात्रा बढ़ने लगती है, और क्रोनिक किडनी फेल्योर की अवस्था आ पहुचती है।
गोक्षुर का रीनल हैल्थ से अच्छा सम्बन्ध है। इसका रेगुलर यूज़ करने से किडनी हैल्थी रहती है। साथ ही रिसर्च से यह बात साबित हुयी है कि, किडनी के डिटॉक्सीफिकेशन के लिए गोक्षुर एक इम्पोर्टेन्ट हर्ब है। किडनी रिलेटेड प्रॉब्लम का सामना कर रहे व्यक्तियों में गोक्षुर का उपयोग करने से बीमारी को दूर करने में सफलता मिलती है।
गोक्षुर का प्रयोग परम्परागत चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में पथरी की चिकित्सा में हमेशा से होता रहा है। इसके नियमित इस्तेमाल से पथरी की समस्या नहीं होने पाती, यदि पहले से हो तो ठीक हो सकती है।
3- बॉडी डिटॉक्सीफिकेशन
गोक्षुर को रेगुलर सप्पलीमेंट के रूप में लेने से शरीर मे लम्बे समय से जमा हो रहे हानिकारक पदार्थ बॉडी से बाहर निकल जाते हैं। इस कारण से रियूमेटॉइड अर्थराइटिस, अर्थराइटिस में भी लाभ होता है।
गोक्षुर पेट के लिए भी लाभदायक होता है, जिन्हें एसिडिटी, और गैस की प्रॉब्लम होती है, गोक्षुर के सेवन से उन्हें लाभ मिलता है।
यदि मॉर्निंग में आपका पेट अच्छे से साफ नहीं होता तो कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, साथ ही आंतों में जमा मल बीमारियों को जन्म देता है। ऐसी स्थिति में गोखरु के सेवन से पेट अच्छे से साफ होने लगता है।
4- फीमेल हैल्थ
महिलाओं की हैल्थ को मेंटेन रखने में भी गोक्षुर बहुत सहायक है। जिन महिलाओं को पीरियड डिस्टर्ब रहने और इस समय दर्द की प्रॉब्लम रहती है, उन्हें गोक्षुर का सेवन करने से लाभ होता है।
डिलेवरी के बाद गोक्षुर का काढ़ा सेवन करने से फीमेल बॉडी में बढ़े हुए अंग अपनी पहले वाली स्थिति में आ जाते हैं| महिलाओं में गर्भस्राव, या अबॉर्शन के बाद यूटेरस में सूजन और दर्द होता है, ऐसी स्थिति में गोक्षुर का प्रयोग अत्यंत लाभदायक है।
जिन महिलाओं में यूरीनरी इंफेक्शन बार बार होता है, यूरीन पास करते समय पेन होता है, उनमें भी गोक्षुर का प्रयोग करके लम्बे समय से चले आ रहे इंफेक्शन से छुटकारा मिल जाता है।
5- डाइबिटीज
आजकल डाइबिटीज सबसे ज्यादा मनुष्यों को प्रभावित करने वाली बीमारी बनती जा रही है। स्टडी से यह बात सामने आई है कि गोक्षुर के उपयोग करने से बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल कम होने लगता है|
6- शारिरिक कमजोरी
गोक्षुर का नियमित सेवन करने से शारिरिक दुर्बलता को दूर करने में भी सहायता मिलती है, और बॉडी हैल्थी हो जाती है।
इसके लिए गोक्षुर के पॉवडर में समभाग अश्वगंधा पॉवडर मिला कर 2 से 4 ग्राम लेकर शहद के साथ लेकर ऊपर से दूध लेने से लाभ मिलता है।
7- एंटीएजिंग
एक प्रभावशाली रसायन और एन्टी एजिंग हर्ब के तौर पर आयुर्वेद में गोक्षुर का पर्याप्त प्रयोग है। इसे नियमित रूप से सेवन करने से उम्र बढ़ते जाने पर भी शरीर में बल वीर्य की कमी नहीं होने पाती। इसके साथ ही गोक्षुर शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे कि हार्ट, लिवर, स्प्लीन, किडनी, इंटेस्टाइन आदि को भी सपोर्ट करता है जिससे ये अंग स्वस्थ बने रहते हैं, और युवावस्था लम्बे समय तक कायम रहती है।
Medically reviewed by Rishabh Verma, RP