अश्वगंधा का मनुष्य के शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
अश्वगंधा को एक रसायन(रिजुवेनेटर) के तौर पर सबसे ज्यादा यूज़ किया जाता है, लेकिन आयुर्वेद के ग्रंथों में इसके शरीर के अलग अलग अंगों पर प्रभाव को लेकर विस्तृत वर्णन मिलता है।
दोष प्रभाव
अश्वगंधा उष्ण वीर्य(गर्म तासीर) होता है, अतः यह शरीर में कफ और वात का शमन करता है। अधिक प्रयोग करने पर पित्त प्रकोप करता है।
नर्वस सिस्टम
यह शोथ हर(एन्टी इन्फ्लामेट्री) और वेदनाहर(पेनकिलर) होता है। स्वस्थ और गहरी नींद लाता है, बेहोशी और भ्रम दूर करता है।
डाइजेशन सिस्टम
अश्वगंधा भूख को बढ़ाता है, गैस को दूर करता है, पेट दर्द को शांत करता है, पेट मे पाए जाने वाले कीड़ों(वर्म्स) को नष्ट करता है।
कार्डियोवस्कुलर सिस्टम
यह ब्लड प्रेशर को कम करता है, ब्लड के टॉक्सिक एलिमेंट को दूर करके ब्लड को प्यूरीफाई करता है। हार्ट को भी हैल्थी बनाता है।
रेस्पिरेटरी सिस्टम
फेफड़ों में जमा बलगम को दूर करता है,कास(खांसी) श्वास(सांस लेने में कठिनाई) की चिकित्सा में प्रयोग होता है
रिप्रोडक्टिव सिस्टम
सेक्स क्षमता को बढ़ाता है, गर्भाशयशोथहर (यूटेरस की सूजन और दर्द को दूर करता) है। योनिशूल(वेजाइनल पेन) को सही करता है। स्पर्म क्वालिटी और काउंट को बढ़ाता है।
यूरीनरी सिस्टम
अश्वगंधा यूरिन उत्पादन को बढ़ाता है, इसलिए इसे रीनल कैल्कुलई(पथरी) और मूत्रधात(एनयूरिया) में प्रयोग करते हैं
स्किन
यह स्किन डिजीज को ठीक करने में सहायक होती है। सफेद दाग(लियकोडर्मा) को ठीक करता है।
अन्य प्रयोग
- मानसिक रोगों की चिकित्सा में प्रयोग होने वाली दवाएं( एन्टी सायकोटिक) साइड इफेक्ट के तौर पर बॉडी में फैट और सुगर के लेवल को बढ़ाती हैं, अश्वगंधा रुट एक्सट्रेक्ट लेने से साइड इफैक्ट दूर रहते हैं।
- कुछ क्लीनिकल रिसर्च से सामने आया है कि ADHD के ट्रीटमेंट में अन्य दवाओं के साथ अश्वगंधा यूज़ करने से बच्चों में एकाग्रता बढ़ती है, और इम्पल्स कंट्रोल करने में हेल्प मिलती है।
- बाइपोलर डिसऑर्डर के रोगियों में 8 हफ्तों तक अश्वगंधा एक्सट्रेक्ट लेने से काफी सुधार देखने को मिलता है।
- कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी के कारण रोगी में थकान और कमजोरी होती है, रेगुलर अश्वगंधा एक्सट्रेक्ट देने से इस स्थिति में सुधार आता है।
- डाइबिटीज के कारण बॉडी में होने वाले कॉम्प्लिकेशन, नर्वस वीकनेस को दूर करने में और ब्लड ग्लूकोज को कम करने में अश्वगंधा लाभकारी है।
- हार्ट पेशेंट्स में अश्वगंधा प्रयोग करने से हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है।
- थायरॉइड के कम एक्टिव होने के कारण होने वाले हाइपो थायरोइड्सम से पीड़ित रोगियों में ब्लड में TSH(थाइरोइड स्टिम्युलेटिंग हार्मोन) का लेवल अधिक और थाइरॉक्सिन का लेवल कम होता है। Wरेगुलर अश्वगंधा लेने से ये दोनों हॉर्मोन्स का लेवल सही होने लगता है।
- अर्थराइटिस के रोगियों में गुग्गुल और हल्दी के साथ अश्वगंधा सेवन करने से लक्षणों में काफी सुधार मिलता है।
- पार्किन्सन डिसीज़-रिसर्च से सामने आया है कि पार्किन्सन रोग के रोगियों में अन्य हर्ब्स के साथ कॉम्बिनेशन में अश्वगंधा यूज़ करने से लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
- रयूमेटाइड अर्थराइटिस कुछ शुरुआती रिसर्च से पता चला है कि सिद्ध मकरध्वज के साथ अश्वगंधा का योग बनाकर प्रयोग करने से रोग़ को ठीक करने में सहायता मिलती है।
Medically reviewed by Rishabh Verma, RP