पुरुषों को क्यों पसंद नहीं आता कंडोम का इस्तेमाल, जानें कारण

क्या आप जानते हैं कि कंडोम की खोज सन् 1600 में ही कर ली गई थी? मगर तब कंडोम जानवरों की खाल से बनाए जाते थे। बाद में 1839 में चार्ल्स गुडईयर ने रबर का कंडोम बनाया और 1844 से इन्हें बेचना शुरू किया गया। तब से लेकर आज तक इस रबर के टुकड़े से करोड़ों लोगों के रिश्ते की डोर जुड़ी हुई है। हालांकि फैक्ट यह है कि बहुत सारे पुरुषों को कंडोम का इस्तेमाल अच्छा नहीं लगता है। पीरियड्स के दौरान, तो कुछ पुरुष इसका इस्तेमाल कर भी लेते हैं, मगर ज्यादातर लोग इससे बेहतर सेक्स न ही करना समझते हैं।

देसी बोलियों में लोग कंडोम को अलग-अलग नामों से बुलाते हैं- टोपी, हेलमेट, सुरक्षा कवच, रेनकोट, गुब्बारा आदि। खैर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि कंडोम के इस्तेमाल से कई समस्याओं से बचा जा सकता है, जिनमें सेक्शुल बीमारियों (STDs, STIs) से सुरक्षा और अनचाहे गर्भ से बचाव प्रमुख हैं। दाम बेहद कम होने के कंडोम किफायती भी हैं।

आजकल तो बाजार में आपकी जरूरत, मूड्स और मौकों के अनुसार कई तरह के कंडोम्स आ गए हैं। कई अल्ट्रा-थिन कंडोम्स हैं, जो लगभग ऐसा एहसास देते हैं, जैसे आपने इसे पहना ही न हो। लगभग सभी कंडोम्स में चिकनाई के लिए लुब्रिकेंट्स का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा कुछ में पुरुषों की टाइमिंग बढ़ाने के लिए स्पेशल ऑयल और महिलाओं का आनंद बढ़ाने के लिए डॉट्स आदि भी लगे होते हैं। इन फायदों के बावजूद पुरुषों को सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल अच्छा नहीं लगता है।

कंडोम का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहते पुरुष?

बहुत सारे पुरुषों का मानना है कि कंडोम के कारण वो सेक्स के प्राकृतिक आनंद को नहीं महसूस कर पाते हैं। कई पुरुष बताते हैं कि इसके इस्तेमाल से सेक्स के दौरान उन्हें स्किन-टु-स्किन कॉन्टैक्ट नहीं फील होता है और वो अपने लिंग पर योनि की गर्मी नहीं महसूस कर पाते हैं। इसलिए उन्हें कंडोम का इस्तेमाल करना अच्छा नहीं लगता है। हालांकि आजकल बाजार में कई ऐसे कंडोम्स आ गए हैं, जिनमें दोनों साइड लुब्रिकेंट्स का प्रयोग होता है, जिससे महिला-पुरुष दोनों को ही आनंद आए।

हाल में ही Durex ने एक खास कंडोम लॉन्च किया है-परफोमैक्स {Perfomax)-कंपनी का दावा है इस कंडोम को ऐसे डिजाइन किया गया है जिससे महिला को जल्दी ऑर्गेज्म आए और पुरुष को देर से आए। इसके लिए कंडोम के बाहरी और भीतरी तरफ अलग-अलग लुब्रिकेंट्स का प्रयोग किया गया है। इससे पुरुषों के शीघ्रपतन की समस्या हल हो सकती है। इसलिए ये सेक्स के दौरान दोनों पार्टनर्स के आनंद को बढ़ा सकता है।

महिलाओं को भी नहीं पसंद आता कंडोम

सिर्फ पुरुष नहीं, बहुत सारी महिलाओं को भी कंडोम का इस्तेमाल नहीं पसंद आता है। मैडिसन की यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन की जेंडर एंड वीमेंस स्टडीज की असिस्टेंट प्रोफेसर जेनी हिग्गिन्स के द्वारा 3210 महिलाओं पर की गई एक रिसर्च तो यही बताती है। ज्यादातर महिलाओं ने भी कंडोम के इस्तेमाल को नापसंद करने के वही कारण बताए, जो पुरुषों ने बताए।

सोचिए कि एक व्यक्ति धीरे-धीरे महिला का मूड बनाने का प्रयास करता है और फोर प्ले के द्वारा कामुकता को बिल्कुल ऊोफान तक ले आता है। ऐसे मोमेंट पर उसे कुछ देर तक रुककर कंडोम पहनना पड़े, तो महिला-पुरुष दोनों का मूड बिगड़ता है। रिसर्च बताती हैं कि 30% महिलाओं में इन कुछ सेकेंड्स के अंदर ही कामुकता कम हो जाती है। इसी तरह 28% पुरुषों को कंडोम पहनने के बाद लिंग का कड़ापन कम हो जाता है। इसे CAEP या condom-associated erection problems कहते हैं।

 

मगर जिस तेजी से दुनियाभर में खतरनाक सेक्शुअल बीमारियां फैल रही हैं, कंडोम का इस्तेमाल आपके और आपके पार्टनर, दोनों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। इसलिए कंडोम के साथ एक्सपेरिमेंट कीजिए और आपको कोई न कोई कंडोम अपनी जरूरत के अनुसार जरूर मिल जाएगा।

Medically reviewed by Rishabh Verma, RP

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