ऐसे विडीओ अक्सर ही WhatsApp वग़ैरह पर दोस्त एक दूसरे को भेजते रहते हैं। या इतनी सारी websites हैं जिन पर ऐसे विडीओ ख़ूब देखे जाते हैं।


कुछ तरह के विडीओ जिनमें रेप या पीडोफ़िलीयो हों उनको देखना तो सामाजिक तौर पर ही ग़लत है। विक्रत मानसिकता वाले ऐसे विडीओ देखने का किसी को शौक़ हो तो उनको तो सीधे ही एक अच्छे मानसिक रोगों के डॉक्टर के पास जाना चाहिए।


मगर यहाँ सवाल कुछ और है। ऐसे विडीओ जिनमें सेक्स है, लेकिन विक़्रती नहीं, क्या उनको देखना ग़लत है?


देखिए ग़लत पोर्न देखना या उसको देखते हुए हस्त मैथुन करना तो ग़लत नहीं है। मगर उसकी लत लग जाना ग़लत है।

पोर्न का एक और असर जो आदमियों पर पड़ता है वो यह की पोर्न से बनी हुई धारणाएँ उनके आत्म विश्वास को हिला देती हैं। धारणाएँ जैसी की आपके पीनस का साइज़ कितना होना चाहिए।


अब पोर्न विडीओ में काम करने वाले ऐक्टर तो कई बार चुने ही इसलिए जाते हैं की उनका पीनस बड़ा है। इनके पीनस के साइज़ को देख कर हताश होना तो कुछ वैसा ही है जैसे कोई शतरंज खेलना इसलिए छोड़ दे क्योंकि वो विश्वनाथन आनंद जैसा धुरंधर नहीं। और मज़े की बात तो यह की पीनस का साइज़ बहुत बड़ा होने का मतलब यह बिलकुल भी नहीं की वो पोर्न फ़िल्म का ऐक्टर बहुत बढ़िया है सेक्स में। मर्द ही ज़्यादा सोचते हैं इसके बारे में!


दूसरी धारणा जो सेक्स विडीओ देख कर कई पुरुष बना लेते हैं वो यह की सेक्स कितनी देर चलना चाहिए। वो सोचते हैं, ‘विडीओ में तो आधे घंटे तक सेक्स चला, और मेरा क्लाइमैक्स (ejaculation) तो 4 मिनट में ही हो जाता है। ज़रूर मुझे शीघ्रपतन की बीमारी होगी।’


अरे भाई, वो विडीओ है। उसमें ऐक्टिंग है। टेक और रीटेक है। एडिटिंग है। उसको देख कर अपने बेडरूम का विश्लेषण क्यों?


अब बात करें लत लगने की। तो अगर आप कभी कबार कोई विडीओ देख लेते हैं, उसको देख कर हस्त मैथुन (masturbation) कर लेते हैं तो यह एक बात है, मगर अगर देखे बिना आपसे रहा नहीं जाता तो वो एक और बात। अगर अपने रोज़मर्रा के कामों में आप लेट होते हैं पोर्न देखने के चक्कर में, तो समझिए आपको इसकी लत लग गयी है। अगर आप सार्वजनिक जगहों (public places), या कॉलेज या ऑफ़िस में पोर्न देख रहे हैं अपने फ़ोन या कम्प्यूटर में, तो समझिए आपको इसकी लत लग गयी है। अगर आप असली सेक्स के वक़्त भी पोर्न के बारे में सोच रहे हैं, तो समझिए कि आपको इसकी लत लग गयी।


अब अगर यह सब पढ़ के आपको लगता है कि आपको इसकी लत लग गयी है, या कुछ बेबुनियाद धारणाएँ आपके दिमाग़ में बैठ गयी हैं, तो आप मदद के लिए यहाँ क्लिक करिए।