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अमेरिकन आर्मी है बहुत धुरंधर, इसमें तो शायद ही कोई दोराय हो। इस फ़ौज में फ़िट्नेस का ख़ास ख़याल रखा ही जाता है। तो फिर इन लड़ाकुओं में इरेक्शन प्रॉब्लम होना आश्चर्यजनक है क्या?
$84M (क़रीब 588 करोड़ रुपए की दवाइयाँ ख़रीदी जाती हैं एक साल में फ़ौजियों के इरेक्शन प्राब्लम्ज़ के लिए, इस न्यूज़ के मुताबिक़)
लेकिन कुछ सोचने पर ज़्यादा आश्चर्यजनक नहीं है यह तथ्य।
इसलिए क्योंकि इरेक्शन प्रॉब्लम होना किसी भी पुरुष के लिए आम बात है। अब वो पुरुष फ़ौज में हो या नहीं, इससे क्या होता है। यह तो हम लोग ख़ुद ही इसको एक बड़ी तकलीफ़ बना लेते हैं। आस पास के लोग, इधर उधर के सेक्स क्लीनिक के advertisement वगेरह ही हैं जो हमारे मन में यह बात बिठा देते हैं कि इरेक्शन में प्रॉब्लम होना मतलब एक मर्द का नामर्द हो जाना।
अगली बार कोई बात-बात में ऐसी चीज़ आपको बोले तो बताइएगा उसका इन 588 करोड़ के बारे में जो ख़र्च हो रहे हैं दुनिया कि सबसे ताक़तवर आर्मी के फ़ौजियों की इरेक्शन प्राब्लम्ज़ पर।