ज़िन्दगी की दौड़ में हम हर जगह वक़्त से पहले पहुँचना चाहते हैं, हर काम वक़्त से पहले करना चाहते हैं, हर रेस समय से पहले पूरी करना चाहते हैं।किन्तु के जगहों पर यही शीघ्रता शर्मिंदगी का कारण बन जाती है।

शीघ्रता के दुष्प्रभाव शीघ्रपतन से पीड़ित पुरुष से बेहतर और कोई नहीं समझ सकता।

काफी समय से कई पैथियों के विशेषज्ञ शीघ्र पतन जैसी पुरुष संबंधी व्याधियों का इलाज ढूंढने में प्रयासरत हैं।हाल ही में एक नई प्रक्रिया का इजात हुआ है जिसके तहत कहा जा रहा है कि हर तीन में से एक शीघ्र पतन के पीड़ित को इससे लाभ होगा।

प्रोलोंग एक 'एफ डी ए' द्वारा मान्य उपकरण है, जिसकी मदद से हस्तमैथुन करने पर पुरुषों को शीघ्रपतन अर्थात प्रीमेच्युर इजेक्युलेशन से मुक्ति मिल सकती है।वर्तमान में इसका मूल्य है $299। इस कीमत मकीन आपको उपकरण के साथ ही एक गाइड बुक और कुछ ल्यूब्रिकेंट मिलेंगे।इसकी भरी कीमत के बदले कंपनी से यह आश्वासन दिया है कि इस उपकरण के साथ हस्तमैथुन करने पर पुरुषों को मात्र 6 हफ़्तों में अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी।

मात्र 6 हफ़्तों में यह उपकरण आपके लिंग के उस नाज़ुक हिस्से को , जो समय से पहले उत्तेजित हो जाता है, पतन को नियंत्रण में रखने के लिए सात्म्य कर देगा।अट्ठावन पुरुषों पर किये गए एक सर्वेक्षण में ऐसा पाया गया कि इस उपकरण की सहायता से पुरुषों के पतन का समय अड़तालिस सेकंड से बढ़कर नौ मिनट हो गया।इसके परिणाम इतने बहतरीन हैं कि इनपर विश्वास करना ज़रा मुश्किल है।इस उपकरण के आविष्कार के पूर्व, पुरुष थैरेपी, व्यायाम, दवाइयां एवं कंडोम पर निर्भर थे।

प्रोलोंग उपकरण की प्रक्रिया को हम 'स्टॉप-स्टार्ट टेक्नीक' के रूप में समझ सकते हैं।

अर्थात बार बार हस्तमैथुन करना , उस सीमा तक जहाँ पुरुष को शीघ्रपात हो जाए और उस समय पर रुक जाना।छह सप्ताह तक इस स्टॉप स्टार्ट टेक्नीक का अभ्यास करने से पुरुष का लिंग शीघ्रपात को नियंत्रित करने में सात्म्य हो जाता है।

प्रोलोंग को उपयोग करने का तरीका:

लिंग को उपकरण एवं ल्युब्रिकेंट की सहायता से मसाज करें। पतन होने के पूर्व ही उपकरण को निकाल लें, इससे आपका शरीर नियंत्रण सीखेगा।इस प्रक्रिया को 3 बार दोहराएं। तीन बार इस प्रक्रिया को दोहराने के पश्चात पुरुष वीर्य का पतन कर सकते हैं।इस प्रक्रिया को सप्ताह में 3 बार दोहराएं। ऐसा आपको 6 सप्ताह तक करना है।

फ्लोरिडा के यूरोलोजिस्ट, डॉ जैमिन ब्रह्मभट्ट का मानना है कि प्रोलोंग जिस सिद्धांत पर कार्य करता है, वह काफी हद तक वैध है।इस उपकरण की प्रक्रिया को समझाते हुए डॉ ब्रह्मभट्ट कहते हैं कि मसाज करने के दौरान वाइब्रेशन के कारण पीड़ा हो सकती है, किन्तु कुछ समय तक ऐसा करने पर पुरुष का लिंग सात्म्य हो जाएगा।

मसाज जितना गहरा किया जाएगा , पीड़ा उतनी काम होगी।

डॉ ब्रह्मभट्ट की इस उपकरण के प्रति कुछ चिंताएं भी हैं। उन्होने माना की इस उपकरण के प्रयोग से पुरुषों को एलर्जी जैसे इन्फेक्शन हो सकते हैं। ऐसा भी हो सकता है कि पुरुषों का लिंग उत्तेजना का इतना आदि हो जाए की उस पर किसी उत्तेजना का असर न हो।