आँवला प्रकृति से मानव जाति को प्रदान किया गया ऐसा अद्भुत उपहार है जो की बहुत अच्छी तरह से कहा जा सकता है कि इसके पौधे के सभी भागों का उपयोग किसी भी व्यक्ति के विभिन्न रोगों के प्रबंधन के लिए किया जाता है। इन सभी भागों में, सबसे महत्वपूर्ण इसका फल है।

आँवला के फल का भारतीय चिकित्सा पद्धति में व्यापक रूप से हेयर टॉनिक, लीवर टॉनिक, मूत्रवर्धक, रेचक, पेट से सम्बंधित समस्याओं, एंटी - पायरेटिक, अल्सर निवारक और सामान्य सर्दी या बुखार के लिए, अकेले या अन्य ऐसे औषधीय पौधों के संयोजन के रूप में उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद पद्धति की चिकित्सा में आँवला को रसायन औषधि (कायाकल्प चिकित्सा) में से एक माना जाता है। आँवला का उपयोग शरीर की ऊर्जा और शक्ति को बनाये रखने के लिए टॉनिक के रूप में भी किया जाता है।

बालों की समस्याएं जैसे बालों का झड़ना ,सूखा हो जाना और टूटना, समय से पहले बालों का सफ़ेद होना या किसी भी तरह की सिर की खुजली या जलन जो आमतौर पर बाहरी या आंतरिक कारकों से होती है। इन बाहरी कारकों में गंदगी या प्रदूषण और आंतरिक कारकों में गलत खान-पान, कमजोर या खराब पाचन या तनाव शामिल हो सकते हैं। इन दोनों कारको के कारण बालों का पोषण कम हो जाता है,  जिसके कारण वे अपनी ताकत और चमक खो देते हैं। आँवला अपनी केश्य (हेयर टॉनिक) गुण के कारण इन स्थितियों से लड़ने में मदद करता है जो बालों की खोई चमक और मजबूती को वापस लाने में मदद करते है और समय से पहले टूटने से रोकता है। आँवला अपने दीपन (क्षुधावर्धक) गुण के कारण स्वस्थ पाचन और मेध्या गुणों के साथ तनाव को दूर रखने में मदद करता है।

आँवला ने आंखों के लिए भी अपने अद्भुत परिणाम दिए हैं। आँवला स्वस्थ दृष्टि को बढ़ावा देने में मदद करता है और आंखों को समय से पहले पहुंचने वाले नेत्र विकारों से बचाता है। आँवला चक्षुष्य (आँख टॉनिक) गुण की वजह से आँखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। तनाव या खुजली की स्थिति में भी यह आँखों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

पेशाब में रुकावट या जलन जैसी मूत्र संबंधी समस्याओं को भी आँवला की मदद से कुशलतापूर्वक ठीक किया जा सकता है, क्योंकि इसमें मुरल (मूत्रवर्धक) गुण है। आँवला के इस गुण के कारण शरीर में मूत्र उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलती है जो इन सभी समस्याओ के लक्षणों को कम करने में मदद करता है और इस प्रकार राहत प्रदान करता है। यही नहीं, कुछ अन्य मूत्र संबंधी समस्याएं जैसे गुर्दे की पथरी की समस्या में भी आँवला फायदेमंद है। यह शरीर से पत्थर को आसानी से बाहर निकालने में मदद कर सकता है।

इसके दीपन (क्षुधावर्धक) या रोचक (स्वाद बढ़ाने वाले) गुणों के कारण आँवला कुछ चयापचय विकारों जैसे अपच या भूख न लगने में भी फायदेमंद है। यह भूख को बढ़ाने में मदद करता है और पाचन में सुधार करता है जो आगे शरीर में विषयुक्त पदार्थों के गठन और संचय को रोकता है जो अपच के कारण हो सकते हैं। कषाय (कसैले) गुण के कारण आँवला मधुमेह जैसे कुछ अन्य चयापचय विकारों से लड़ने में भी फायदेमंद है।

 

इसके अलावा आँवला कुछ महिलाओं के लिए भी निर्धारित किया जाता है, जिन्हें गर्भधारण करने में कठिनाई होती है। आँवला ऐसी महिला के गर्भाशय को शक्ति प्रदान करने और किसी भी जटिलता को रोकने में मदद करती है।

कुल मिलाकर आँवला एक रसायन औषधि (कायाकल्प) है जो आपको एक स्वस्थ और रोगमुक्त जीवन प्रदान करने में मदद करता है।

Medically reviewed by Rishabh Verma, RP

Indian gooseberry