सही मापदंड (Setting Expectations)

आपकी टाइमिंग सही है या नहीं यह आप कैसे तय कर रहे हैं? कहीं आपका टार्गेट ही तो ग़लत नहीं है? अक्सर देखा गया है कि सैक्स कितनी देर चले, यह पुरुष तय करते हैं पॉर्न फ़िल्मों के आधार पर। अरे भई, यह तो बिलकुल हाई अजीब बात है। पॉर्न फ़िल्मों में डिरेक्टर होता है, एडिटर होता है, और सब कुछ वैसा नहीं होता जैसा नज़र आता है। तो पॉर्न फ़िल्मों से अपना मापदंड नहीं तय करिए।

दूसरा, Misters पर हज़ारों ऐसे लोगों से बात होती है जो अपनी टाइमिंग बढ़ाना चाहते हैं। देखा गया है कि वो पुरुष जो अपने पार्ट्नर से सैक्स के बारे में खुल के बातचीत करते हैं उन्हें अपनी टाइमिंग पर कहीं ज़्यादा भरोसा रहता है। आप भी ऐसा करिए। अपने पार्ट्नर से बात करिए। उन्हें सैक्स में क्या पसंद है, क्या नापसंद है। दिन के किस समय उन्हें सैक्स सबसे सही लगता है। वग़ैरह।

खेलिए सैक्स का बड़ा गेम (Adopt the 'broader view')

अब सैक्स कोई पल दो पल का क़िस्सा तो है नहीं। इंटर्कॉर्स के अलावा भी सैक्स में बहुत कुछ है। घड़ी देखना या कितने 'स्ट्रोक' हुए यह गिनना बंद करिए। सोचिए सैक्स से मिलने वाले सुख के बारे में। सुख जो आपको मिलता है। सुख जो आपके पार्ट्नर को मिलता है। शरीर पर किस जगह छूने से, या किस करने पर आपके पार्ट्नर को आनंद मिलता है। क्या ओरल सैक्स ट्राई किया आपने?  

तकनीक पर ध्यान  (Technique)

'stop-start' (रुकना–शुरू होना) तरीक़ा काफ़ी लोगों को फ़ायदा पहुँचाता है। इसमें आप ejaculation (स्खलन) होने के पहले खुद को रोक देते हैं। एक पल ऐसा आता है जब यूँ रुकना मुमकिन नहीं होता। उस पल को पहचानना ज़रूरी है, क्योंकि उस पल के पहले आप रुक सकते हैं। यह अभ्यास आप masturbation (हस्त मैथुन) के दौरान कर सकते हैं, और फिर इसका प्रयोग सैक्स के दौरान भी कर सकते हैं। सैक्स के दौरान रुकने के बाद तुरंत शुरू हो जाना भी ज़रूरी नहीं। इस दौरान आप वो कर सकते हैं जो आपने पिछले पौइंट में पढ़ा था।

दूसरा तरीक़ा है 'squeeze technique.' इसमें जब आप इजैक्युलेशन के नज़दीक होते हैं तब आपके पार्ट्नर आपके पीनस को हल्के से दबाते हैं (शाफ़्ट के ऊपरी हिस्से में, पीनस के 'head' के नीचे)। ज़ाहिर है कि यह तरीक़ा इस्तेमाल करना पहले वाले से मुश्किल है। तो पहले आप वो ट्राई करें, फिर इसके बारे में सोचें।

तकनीक की बात चली है तो पोज़ीशन की भी बात हो जाए। आम तौर पर इंटर्कॉर्स missionary position में होता है (जिसमें पुरुष ऊपर, महिला नीचे)। अब missionary position में वैसे तो कोई गलती नहीं है, लेकिन देखा गया है कि उसको उल्टा करने से (महिला ऊपर, पुरुष नीचे) में सैक्स ज़्यादा देर तक चलता है। ट्राई करिएगा अगर नहीं किया हो तो।

व्यायाम (Exercise)

Kegel exercises दुनिया भर में ख्याति प्राप्त हैं। इनको करते रहने के कई फ़ायदे हैं। क्योंकि इनसे वो मांसपेशियाँ मज़बूत होती है जिनसे आप ejaculation (स्खलन) रोकते हैं, यह टाइमिंग बढ़ाने के लिए भी फ़ायदेमंद हैं।

Kegel exercises कैसे करनी है?

पहले तो इन मांसपेशियों को जान लेना ज़रूरी है। इसके लिए आप मूत्र (urination) के मध्य में ही उसको रोक लें। इसको करने में जो मांसपेशियाँ आप इस्तेमाल करेंगे वही इस्तेमाल आम तौर पर करना है Kegel exercise। जब आप यह समझ लेंगे कि क्या करना है उसके बाद आप दिन में तीन बार करें। हर बार पाँच बार उन मासपेशियों को जकड़े (जैसे कि मूत्र रोक रहे हों), पाँच तक गिनें, और फिर उन मासपेशियों को ढीला छोड़ दें। इसको बेहतर समझने के लिए आप नीचे दिए फ़ोन न्यूबर पर कॉल भी कर सकते हैं।

सप्लमेंट्स (Supplements)

आयुर्वेद में सैक्स की टाइमिंग बढ़ाने के लिए शानदार नुस्ख़े हैं। इसलिए Misters का ख़ास टाइमिंग बढ़ाने वाला किट आप ले सकते हैं। आयुर्वेदिक गोलियों के साथ साथ इसमें Misters Enhance नाम की क्रीम भी शामिल है जिसको आप रोज़ प्रयोग करें, हो सके तो masturbation (हस्त मैथुन) से पहले। इसको आप नीचे दिए लिंक से ख़रीद सकते हैं।

ख़रीदिए सैक्स टाइमिंग बढ़ाने के लिए Misters किट