हमारे समाज मे आज भी सेक्स को एक छिपाने की चीज माना जाता है, और यह मनुष्य का स्वभाव है कि जिसे जितना छिपाते हैं उसके बारे में जानने की अभिलाषा उतनी ज्यादा होती है। ज्यादातर लोगों के लिए सेक्स एजुकेशन का मतलब उनके स्कूल में पढ़ी हुई विज्ञान की किताबें और यार दोस्तों से सुनी हुई, या चोरी छुपे पढ़ी हुई सेक्स कहानियों से मिली जानकारी होती है।  इस तरह के वातावरण में गलत बात या मिथकों का हमारे दिमाग मे पहुंच जाना एक आम बात है। हो सकता है कि आप अपने ऊपर सेक्स के बारे में सभी कुछ जानने का यकीन रखते हों। आइये आपकी सेक्सुअल नॉलेज चेक करते हैं, और कुछ सेक्स सम्बंधित मिथकों के बारे में जानते हैं।


1- पीरियड के दौरान सेक्स करने से महिला प्रेग्नेंट हो सकती है।


जी हाँ, हो सकता है यह पढ़ कर आपको आश्चर्य हो रहा हो। क्योंकि बहुत सारे लोग पीरियड की समय बिना किसी प्रोटेक्शन के सेक्स करते हैं, और उनका मानना है कि इस समय कोई रिस्क नहीं होता। लेकिन यह एक वास्तविकता है कि पीरियड के समय भी गर्भ धारण हो सकता है। हालांकि इसके होने की सम्भावना कुछ कम होती है, लेकिन होती जरूर है। कुछ महिलाएं जिनका पीरियड लम्बे समय तक आता है, उनमे पीरियड समाप्त होने तक नया ओवुलेशन हो सकता है। चूंकि फीमेल बॉडी में पुरुष के स्पर्म 72 घंटे तक जीवित रह सकते हैं, इसीलिए इस बात के चांस होते हैं कि आपके स्पर्म कुछ दिनों बाद तक एक नए ओवम को फर्टीलाइज कर दें।


2. साइज का वास्तव में कोई बड़ा महत्व नहीं है।


पेनिस के साइज को लेकर ज्यादातर मर्द बहुत परेशान रहते है। बाजार भी तरह तरह के पेनिस बड़ा करने के प्रोडक्ट्स से भरा पड़ा है। लेकिन वास्तविकता यह है कि अगर महिलाओं को चुनाव करने का अधिकार हो तो वे बड़े पेनिस की जगह मध्यम या छोटे पेनिस को पसन्द करेंगी, क्योंकि बड़ा पेनिस इंटरकोर्स को दर्दनाक बना सकता है। फीमेल वैजाइना  का शुरुआती दो इंच का भाग ही सबसे ज्यादा संवेदनशील होता है, और इसी में आनंद की अनुभूति होती है। अतः 4.5 इंच से ज्यादा लम्बे पेनिस कोई अलग से ज्यादा आनंद नही देता बल्कि कई बार दर्द अवश्य देता है |


3. इरेक्टाइल डिस्फंक्शन केवल बड़ी उम्र वालों की चीज नहीं है।


अधिक उम्र के लोगों में ED होने के चांसेज ज्यादा होते हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं है। आजकल नई उम्र के पुरुषों में भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या सामने आ रही है, खास तौर पर अगर आप डाइबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, या कार्डियो वैस्क्युलर डिसीज़ से पीड़ित हैं या स्मोक करते हैं। साथ ही अगर आप की उम्र ज्यादा है और आप अपनी हैल्थ को मेंटेन रखते हैं तो आप भी अच्छी सेक्स ड्राइव का आनंद ले सकते हैं।


4. ओरल सेक्स सेफ नहीं होता।


ओरल सेक्स को सेफ समझा जाता है, लेकिन ऐसा नही है। यह अनप्रोटेक्टेड वेजाइनल सेक्स की अपेक्षा कम रिस्की है, परंतु सेफ नहीं है। ओरल सेक्स के दौरान आप अनेक तरह के सेक्सुअल ट्रांस्मिटेड डिजीज के सम्पर्क में आ सकते हैं। क्लेमाइडिया, सिफलिस, गोनोरिया, हेपेटाइटिस बी, जेनिटल वार्ट्स आदि रोग ओरल सेक्स के दौरान फैल सकते हैं। इससे बचने के लिए लैटेक्स कंडोम या डेंटल डैम का प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ साथ अगर आपके मुंह में या फिर पार्टनर के जेनाइटल में किसी तरह के घाव या चोट हों तो भी ओरल सेक्स को नहीं करना चाहिए।


ध्यान रखें अगर आपको सेक्स को लेकर किसी तरह की जिज्ञासा या प्रश्न हों तो आपको अपने दोस्तों से पूछने नेट पर सर्च करने के बजाय अपने डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेसनल से सलाह लेना चाहिए।