पुरुषों की सेक्सुअल हेल्थ के लिए बहुत सी चीज जिम्मेदार होती है। इन सब के साथ ही बेडरूम में पुरुषों की परफॉरमेंस पर असर पड़ता है, जिनमें से इरेक्शन ना होना, सेक्स करने का मन ना होना या सेक्स के समय एजकुलेशन ना होना कुछ आम है। इन्हीं सब कारणों के चलते पुरुषों को एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए सलाह दी जाती है ताकि उनकी सेक्स लाइफ अच्छी रह सके। इसके अलावा हेल्दी लाइफस्टाइल उनकी फर्टिलिटी बढ़ाने में भी मदद करती है जिससे उन्हें पैरेंटहुड का आनंद लेने में कोई परेशानी नहीं होती है।


पुरुषों के बारे में सेक्स से जुड़ी समस्याओं के बारे में अगर सर्च किया जाए तो उनमें से ज्यादातर इरेक्टाइल डिसफंक्शन को लेकर ही होती है। इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि आदमियों को यही सबसे बड़ी प्रॉब्लम लगती है। पर ध्यान रखें कि ऐसी और भी कई सेक्स प्रॉब्लम हैं जो बेडरूम में आपके सेक्सुअल परफॉरमेंस पर गहरा असर डाल सकती हैं।


आज हम एजकुलेट्री इश्यूज पर बात करेंगें, और उनमें भी खासकर डिलेड एजकुलेशन पर। हम बात करेंगें कि पुरुषों में डिलेड एजकुलेशन क्यों होता है, इसके लक्षण क्या हो सकते हैं। साथ ही आप इस कंडीशन को कैसे ट्रीट कर सकते हैं। और कैसे इसे ट्रीट करते हुए आप अपनी सेक्सुअल लाइफ को बेहतर बना सकते हैं।


क्या है मेल एजकुलेट्री डिसऑर्डर और उससे जुड़ी प्रॉब्लम?


पुरुष कई तरह के एजकुलेट्री डिसऑर्डर का सामना करते हैं। हर एक डिसऑर्डर के अपने लक्षण होते हैं। इसलिए ज़रूरी है कि उन्हें इन सब के बारे में अच्छे से जानकारी हो ताकि वो समझ सके कि उनकी समस्या का सही कारण क्या है। बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ़ मेडिसिन ने एजकुलेट्री डिसऑर्डर्स को दो केटेगरी में बांटा है।


आइए इन दोनों केटेगरी के बारे में जानते हैं और हर एक केटेगरी से जुड़े लक्षण को अच्छे से समझते हैं, पुरुष आसानी से समझ सकें कि एजकुलेशन से जुड़ी किस तरह की समस्या उनको है।


प्री मैच्योर एजकुलेशन – ये एक तरह का एजकुलेट्री डिसऑर्डर है। जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा है, इसमें आदमी समय से पहले एजकुलेट हो जाता है। इसीलिए इसे प्री मैच्योर एजकुलेशन बोला जाता है। ये समस्या पुरुषों के बीच में बहुत ही आम है, और एजकुलेट्री कंट्रोल के समय ये बहुत लोगों के साथ होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, और इसके लिए अलग अलग तरह के ट्रीटमेंट के तरीके भी हैं जिससे आदमी सेक्स करते समय अपने एजकुलेशन के टाइम को बढ़ा सकते हैं।


डिलेड एजकुलेशन- डिलेड एजकुलेशन क्या है ये भी आप इसका नाम पढ़ते ही अनुमान लगा सकते हैं। जैसा कि नाम में ही छिपा है कि इसमें आदमी एजकुलेट होने में या यूं कहें कि ओर्गस्म तक पहुंचने में ज़रूरत से ज्यादा समय लेता है। यहां पर ध्यान देने वाली बात ये है कि डिलेड एजकुलेशन जहाँ एक प्राइमरी समस्या है। वहीं बहुत से लोग इन्हिबिटेड एजकुलेशन से भी पीड़ित होते हैं जिसमें बहुत देर तक सेक्सुअल इंटरकोर्स के बाद भी ओर्गस्म तक पहुंच ही नहीं पाते हैं। ऐसा बहुत बार होता है कि अगर आदमी को डिलेड एजकुलेशन के लक्षण है तो उसे इन्हिबिटेड एजकुलेशन भी हो।


डिलेड और इन्हिबिटेड एजकुलेशन के अलावा भी एजकुलेशन की प्रॉब्लम होती हैं जिन्हें रेट्रोग्रेड एजकुलेशन कहते हैं। जैसा कि पहली दो तरह की एजकुलेशन से जुड़ी समस्या में पेनिस से एजकुलेट करने में समस्या या देरी होती है वहीं रेट्रोग्रेड एजकुलेशन में ये ब्लैडर की ओर धकेल दिया जाता हैं। जैसे की हमने बताया कि रेट्रोग्रेड एजकुलेशन में प्रवाह ब्लैडर की ओर चला जाता है। ये समस्या पुरुष की बाकि हेल्थ पर कोई गलत असर नहीं डालती है पर बेडरूम में सेक्सुअल परफॉरमेंस के समय एजकुलेशन बिल्कुल ही ना होना आपके पार्टनर और आपके दोनों के लिए बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो सकता है।