मास्टरबेशन करना एक नॉर्मल और हेल्थी आदत है, पर फिर भी ये आपको सेक्स जितना मजा नहीं दे पाता है और ये आपकी ओर्गस्म प्रक्रिया को भी नुकसान पहुंचता है। मास्टरबेट करते हुए ज्यादातर आदमी पोर्न या किसी तरह की काल्पनिक चीज का सहारा लेते हैं जिससे आपके शरीर को उसी तरह की चीजों की आदत हो जाती है और सेक्स करते समय कई बार वो पूरी नहीं हो पाती है। साथ ही इसमें आपको एक अलग तरह के प्रेशर, स्ट्रोक या टच की आदत पड़ जाती है और सेक्स के दौरान हुबहू वैसा होना मुमकिन नहीं है। हाल ही में की गयी स्टडीज के मुताबिक मास्टरबेटरी एज्कुलेशन में प्रोलक्टिन हॉर्मोन सेक्स के मुकाबले 4 गुना कम निकलता है, जिससे आदमी का रिफ्रैक्टरी पीरियड कम हो जाता है। पर साथ ही ये भी है कि इससे उसे सेक्स जितने लेवल की संतुष्टि नहीं मिल पाती है।


अलग-अलग तरह का ओर्गस्म

औरतों की तरह आदमी में भी कई तरह के ओर्गस्म हो सकते हैं, जो अलग तरह का एहसास देते हैं। कुछ कॉमन ओर्गस्म इस तरह से हो सकते हैं:


एज्कुलेटरी ओर्गस्म

ये आपका सामान्य एज्कुलेशन के साथ होने वाला ओर्गस्म है। इसके लिए बहुत कम कंट्रोल और ओर्गस्म की कम समझ की ज़रूरत है।



प्रोस्टेट ओर्गस्म

इसमें एक उंगली या किसी खिलौने के साथ प्रोस्टेट ग्लैंड को एक्साइटिड किया जाता है। अगर आप आराम करने में अच्छे है तो इस प्रकार की उत्तेजना में सेक्स का मजा आता है।


पेल्विक ओर्गस्म

ये तब होता है जब आप अपनी पूरी एनर्जी को तकनीक लगा कर अपने पेल्विस में ले आएं।


ब्लेंडेड / फुल बॉडी ओर्गस्म

ये ओर्गस्म आपकी पूरी एनर्जी को स्पाइनल कॉर्ड तक ले जाकर पूरी बॉडी में फैला देता है। यह पेनिस, प्रोस्टेट, और शरीर के अन्य हिस्सों को एक्साइटिड कर अलग तरीके से किया जा सकता है।


एनल ओर्गस्म

ये ज्यादातर आदमियों के बस की बात नहीं है पर ये काफी जोरदार होता है। अगर आदमी इसे करना चाहता है तो बेहतर है कि वो इसके बारे में अपने पार्टनर से पहले बात कर लें।


आदमियों के लिए ओर्गस्म के फायदे

आदमियों की फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए ओर्गस्म बहुत सही माना जाता है। ओर्गस्म से स्ट्रेस कम होता है और इंसान ज्यादा खुश रहता है, साथ ही प्रोलक्टिन के रिलीज़ होने के कारण ये अच्छी नींद आने में भी मदद करता है। इसके अलावा ओर्गस्म में ऑक्सीटोसिन भी रिलीज़ होता है जो दर्द , जैसे कि सर दर्द और मायग्रेन वगैरह कम करने में मदद करता है। सेक्स करना ना सिर्फ छोटी मोटी बिमारियों से बचाता है , साथ ही ये प्रोस्टेट कैंसर और दिल की बिमारियों से भी बचाता है।



एज्कुलेशन अच्छा और बुरा दोनों है

एज्कुलेशन को स्टडीज में अच्छा और बुरा दोनों बताया गया है। तांत्रिक प्रैक्टिस करने वाले एज्कुलेशन को रोकने के लिए कहते हैं ताकि आप ओर्गस्म का मजा ले सकें और मल्टी ओर्गस्म का सुख लें पाएं।


साथ ही एज्कुलेशन में बहुत से पोषक तत्व होते हैं, तो हर बार एज्कुलेशन होने पर आदमी कुछ ज़रूरी तत्व खो देता है। पर साथ ही ये एज्कुलेशन औरतों के लिए फायदेमंद होता है। इसीलिए एक आदमी जब में औरत के अंदर या स्किन पर एज्कुलेशन करता है, तो औरतों के डायजेशन, शरीर की बनावट , मूड और उसकी स्किन को बहुत फायदा करता है।


एज्कुलेशन से आदमियों को प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है इसलिए इसे अच्छा भी माना जाता है। रिलेशनशिप के मामले में भी इ कपल हमेशा खुश रहते हैं जो चीजें शेयर करें। इसलिए एज्कुलेशन ना ही पूरी तरह गलत है और ना ही सही। पर फिर भी इसे कंट्रोल कर आदमी अपनी हेल्थ, लाइफ और खुशी को कंट्रोल कर सकता है।


निष्कर्ष

आदमी का ओर्गस्म और सेक्सुअलिटी दोनों ही बहुत बेहतर हो सकते है अगर वो खुद के बारे में जानने की कोशिश करें तो। कभी भी नॉर्मल ओर्गस्म से खुश ना हो, और हमेशा बेहतर ओर्गस्म के लिए कोशिश करते रहें। ज़रूरी है कि आदमी अपनी फिजिकल, इमोशन और सेक्सुअल हेल्थ के लिए अपनी सेक्सुअलिटी को कंट्रोल करना सीखे।