क्या आपमें भी सेक्स या हस्तमैथुन के बाद ये उत्सुकता रहती है कि अपने वीर्य का गाढ़ापन या उसका रंग देखा जाए? आमतौर पर हमें सेक्स के बारे में जो कुछ चोरी-छिपे दोस्तों, इंटरनेट, किताबों, एडवरटाइमेंट आदि से पता चलता है, वो यही है कि किसी पुरुष का वीर्य जितना गाढ़ा और सफेद होगा, वो उतना शक्तिशाली और स्वस्थ होगा। ऐसे में अगर हस्तमैथुन के बाद किसी का वीर्य पहले की अपेक्षा पतला या बदरंग हो जाए, तो उसे टेंशन होने लगती है। मगर क्या सच में आपके वीर्य और आपकी सेहत में कोई रिश्ता है? जवाब है, जी हां, बहुत गहरा रिश्ता है।


एक सामान्य सा नियम यह मानकर चलिए कि व्यक्ति का शरीर जितना हेल्दी होगा, वो उतना हेल्दी स्पर्म का उत्पादन करेगा। आइए आपको बताते हैं सीमेन यानी वीर्य आपकी सेहत से कैसे जुड़ा हुआ है।


स्वस्थ वीर्य कैसा होता है?


सीमेन, जिसे हम वीर्य कहते हैं- इसे ही कुछ लोग स्पर्म मान लेते हैं। मगर आपको बता दें कि आप के वीर्य में स्पर्म की मात्रा सिर्फ 10% के आसपास होती है। बाकी का वीर्य कैल्शियम, प्रोटीन, सोडियम, जिंक और फ्रक्टोज शुगर से बना हुआ होता है। ये सभी तत्व आपके शरीर को सेहतमंद रखने के लिए जरूरी हैं- ये बात आप पहले से जानते हैं। अगर हेल्दी सीमेन (वीर्य) की बात करें, तो आमतौर पर इसका रंग बादलों जैसा (सफेद में हल्का सा पीलापन लिए हुए या स्लेटी रंग) का होता है। इसका गाढ़ापन आमतौर पर जेली जैसा होता है और खुश्बू ब्लीच जैसी होती है, क्योंकि इसमें अल्कलाइन तत्व होते हैं। प्रकृति ने ये व्यवस्था इसलिए बनाई है क्योंकि महिलाओं की योनि से गर्भाशय का रास्ता थोड़ा एसिडिक होता है, इसलिए इसमें गाढ़ा, चिकना, अल्कलाइन वीर्य अच्छी तरह ट्रैवेल कर सकता है।


वीर्य में पीलापन या हरापन


एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर आपके वीर्य में पीलेपन या हरेपन की झलक दिखती है, तो ये आपके लिए चिंता की बात हो सकती है। सबसे पहले तो ये किसी STD यानी यौन संचारित बीमारी की तरफ इशारा हो सकता है और दूसरा कि ये आपके पौरुष की कमी का भी संकेत हो सकता है। आमतौर पर यौन संचारित बीमारी होने पर आपको कुछ अन्य लक्षण भी महसूस होते हैं, जैसे- पेशाब के समय दर्द और जलन, लिंग से पीला या हरा डिस्चार्ज निकलना और लिंग के आसपास दाने, छाले या चकत्ते आदि होना। ऐसी स्थिति दिखने पर आपको बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।


वीर्य में भूरापन या लालपन


लेकिन यदि आपके वीर्य का रंग हल्का लाल या भूरा जैसा है, तो आमतौर पर ये चिंता की बात नहीं है। ऐसा कई बार किसी रक्त वाहिका में डैमेज होने के कारण हो सकता है, जो अपने आप 1-2 दिन में ठीक हो जाता है। इस स्थिति को हीमैटोस्पर्मिया (haematospermia) कहते हैं।


वीर्य न निकलना


कुछ लोगों को ये समस्या भी होती है कि वो क्लाइमैक्स तक पहुंचते हैं और उन्हें महसूस होता है कि वीर्य निकलने वाला है, मगर निकलता कुछ नहीं है। इसे 'ड्राई इजेकुलेशन' कहते हैं। ये समस्या उन युवाओं के साथ खासकर होती है, जो बहुत ज्यादा हस्तमैथुन करते हैं या सेक्स करते हैं। इसमें कोई चिंता की बात नहीं है, क्योंकि ये सिर्फ इस बात का इशारा है कि आपके शरीर में पर्याप्त वीर्य नहीं बचा हुआ है। लेकिन अगर आपकी उम्र 40 साल से ज्यादा है और आपने प्रोस्टेट या अंडकोष के आसपास कोई सर्जरी या ट्रीटमेंट करवाया है, तो ये स्थिति आपके लिए चिंता की बात हो सकती है। क्योंकि ये रेट्रोग्रेड एजेकुलेशन का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में आपका शरीर वीर्य बनाता तो है, मगर वो आपके लिंग से बाहर निकलने के बजाय आपके ब्लैडर में वापस चला जाता है। इस समस्या को इस तरह पहचाना जा सकता है कि आमतौर पर ऐसे लोगों के पेशाब का रंग बादली (पीलेपन के साथ सफेदी) दिखाई देता है। इसके अलावा इन्हें ऑर्गेज्म तक पहुंचने में समस्या आती है।


अब जब आप अगली बार सेक्स या हस्तमैथुन करें, तो अपने वीर्य की सेहत पर एक नजर जरूर डालें। वीर्य अगर सेहतमंद नहीं होगा, तो आपकी स्पर्म क्वालिटी, काउंट और फर्टिलिटी तीनों प्रभावित होंगे। अगर आप इन स्थितियों से बचना चाहते हैं या हेल्दी स्पर्म चाहते हैं, तो नीचे बताई कुछ बातों का ध्यान रखें।


  • टाइट अंडरवियर न पहनें। टाइट अंडरवियर आपके अंडकोष को आपके शरीर से चिपका कर रखता है। अंडकोष में ही वीर्य का उत्पादन होता है और गर्मी से स्पर्म डैमेज होते हैं। इसीलिए प्रकृति ने अंडकोष को पुरुषों के शरीर से बाहर अलग से लटकता हुआ बनाया है।
  • गोद में लैपटॉप रखकर देर तक न बैठें, न काम करें। लैपटॉप के बैकसाइड से निकलने वाली गर्मी आपके स्पर्म को डैमेज कर सकती है।
  • सामने की पॉकेट में फोन न रखें क्योंकि इससे निकलने वाला रेडिएशन भी आपके स्पर्म के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
  • धूम्रपान बिल्कुल छोड़ दें और शराब कम मात्रा में कभी-कभार पिएं। इन दोनों की ही लत आपके स्पर्म को खराब करने के लिए काफी है। इससे आपके पिता बनने की क्षमता भी प्रभावित होती है।
  • गर्म पानी से नहाने या हॉट टब में देर तक बैठने से बचें। ज्यादा गर्मी आपके स्पर्म की सेहत के लिहाज से सही नहीं है।
  • बिना डॉक्टर की सलाह लिए किसी भी तरह की दवाएं, खासकर सेक्शुअल दवाएं न खाएं। इससे आपकी प्रजनन क्षमता घट सकती है।


इन सभी बातों के अलावा अपनी लाइफस्टाइल में थोड़ा बहुत बदलाव करके भी आप अपने स्पर्म को और सेक्शुअल लाइफ को हेल्दी बना सकते हैं। 2013 में हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के द्वारा किया गया एक अध्ययन बताता है कि जो पुरुष सप्ताह में कम से कम 90 मिनट एक्सरसाइज करते हैं, उनमें एक्सरसाइज न करने वालों के मुकाबले 42% ज्यादा हेल्दी स्पर्म पाए जाते हैं। इसके अलावा मोटापा भी आपकी सेक्स लाइफ के लिए खराब है। इसलिए अगर वजन ज्यादा है, तो अपना वजन घटाएं। बॉडी फैट के कारण एस्ट्रोजन हार्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है, जो कि आपके स्पर्म के उत्पादन को प्रभावित करता है।