क्या आप ये कहना चाहते हैं कि आपको सेक्स करने में या सेक्शुअल गतिविधियों में दिलचस्पी नहीं है? या सेक्स के नाम पर आपको अपने लिंग में उत्तेजना नहीं महसूस होती है? ये दोनों अलग-अलग समस्याएं हैं, इसलिए इन्हें सही तरह से समझना बेहद जरूरी है। वैसे हम आपको बता दें कि दुनियाभर की लगभग 1% जनसंख्या एसेक्शुअल है, यानी उनकी दिलचस्पी सेक्स के प्रति है ही नहीं, वो बिना सेक्स के भी खुश हैं और अच्छी जिंदगी जी रहे हैं। देखिए, सेक्स के प्रति दिलचस्पी न होना कोई बीमारी या समस्या नहीं है, जिसके लिए आपको शर्मिन्दा होना पड़े। ये एक तरह का चुनाव (च्वाइस) है। अगर आपके दोस्त इस बात को लेकर आपका मजाक उड़ाते हैं, तो उन्हें अपनी संकीर्ण सोच को बदलने के लिए कहें और बेहतर होगा कि आप चिढ़ना छोड़ दें। उन्हें समझाइए कि अगर आप सेक्स के प्रति दिलचस्पी नहीं रखते हैं, तो इसमें कोई बुराई नहीं है। आपको अपनी जिंदगी अपने तरीके और अपनी इच्छा से जीने का पूरा हक है। सेक्स जिंदगी का छोटा सा हिस्सा है, जिसके बिना जिंदगी अधूरी नहीं मानी जानी चाहिए।