हम सभी ने अपने आस पास कितने ही ऐसे पुरुष देखे हैं, जो महिलाओं से बात करने में हिचकिचाते हैं। वे उनसे बात तो करना चाहते हैं, किन्तु हिम्मत नहीं जुटा पाते।


हाल ही में शोधकर्ताओं ने एक ऐसे हॉर्मोन के विषय में शोध किया, जो पुरुषों को यौन रूप से प्रोत्साहित करता है एवं महिलाओं से मिलते और बात करते समय उनकी हिचकिचाहट को दूर करता है।


इस हॉर्मोन का नाम है किसपेप्टिन और यह हॉर्मोन किस 1 नामक जीन के लिए कोड करता है।


शोधकर्ताओं ने किसपेप्टिन का सेवन एक चूहे को कराया एवं उसमे इस हॉर्मोन की गतिविधियों को देखने और समझने के लिए DREADDs (डिज़ाइनर रिसेप्टर एक्सक्लूसिवली एक्टिवेटेड बाय डिज़ाइनर ड्रग्स) नामक तकनीक का उपयोग किया गया।इस केमिकल का मिश्रण लेकर जब चूहें में सिरिंज की मदद से डाला गया, टैब चूहों के किसपेप्टिन रिसेप्टर उत्तेजित हो गए। किसपेप्टिन के सेवन के बाद चूहा, चुहियों को रिझाने में लग गया और काफी समय तक ऐसा करता रहा वह भी बिना किसी हिचकिचाहट के।


यह पहली बार था, जब इस हार्मोन का उपयोग किसी जीव के यौन जीवन और सामाजिक जीवन को समझने एवं बढ़ाने में किया गया।शोधकर्ताओं ने इस शोध के समाप्त होने पर यह मन की किसपेप्टिन नामक इस हॉर्मोन से पुरुषों की यौनेच्छा को प्रोत्साहित किया जा सकता है एवं उन्हें आत्मबल मिलता है, जिससे वे अपने समक्ष उपस्थित महिलाओं से बे झिझक मिल सकें।

जब इस शोध को अन्य शोधकर्ताओं एवं विशेषज्ञों के समक्ष प्रस्तुत किया गया तो यह सवाल उठे की जिस प्रकार इस हॉर्मोन के परिणाम चूहों में देखने को मिले, क्या उसी प्रकार से यह चुहियों के शरीर में भी काम कर सकता है?


पुरुषों मकीन व्यग्रता की समस्या को अक्सर उनके यौन जीवन से जोड़ कर देखा जाता है और ऐसा मान लिया जाता है कि व्यग्रता से पीड़ित यह पुरुष यौन रोग से पीड़ित है। कुछ समय पहले तक इंटरनेट पर मानसिक वायग्रा नाम से एक हॉर्मोन प्रचलित था, वह और कुछ नहीं किसपेप्टिन ही था। वर्तमान में किये गए शोधों में यह निष्कर्ष निकाला गया कि जिस प्रकार किसपेप्टिन से पुरुषों की झिझक एवं हिचकिचाहट काम होती है, उसी प्रकार यह महिलाओं के प्रजनन तंत्र को मजबूत बनाता हैन्यूज़ वीक से अपनी बात चीत में शोधकर्ता डेनियल अदीकुंबी ने बताया कि हमारे वैज्ञानिकों ने किमोजेनेटिक तकनीक के उपयोग से मस्तिष्क में उपस्थित एक हिस्सा- एमिगडाला में सिग्नल को बदल कर प्रयोग करने की कोशिश की किन्तु अभी यह मनुष्यों पर इस्तेमाल करने योग्य नही हुआ है।


उनका मानना है कि किसपेप्टिन मनुष्यों में उनके प्रजनन तंत्र को मजबूती देने का कार्य करता है, इस बात को ध्यान में रखते हुए, इस हॉर्मोन को प्रजनन तंत्र से जुड़ी समस्याओं का निदान करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। कई बार यौनेच्छा घटने के कारण प्रजनन तंत्र का अस्वस्थ होना होता है। यह हॉरमोन यदि प्रजनन तंत्र को स्वस्थ बनाएगा तो इससे यौनेच्छा बढ़ने के आसार भी बढ़ेंगफ्रियूड फैन फिक्शन के मुताबिक मर्द औरतों से इनके मासिक धर्म के दौरान संबंध बनाने में हिचकिचाते हैं क्योंकि उन्हें अपने लिंग को किसी भी प्रकार की हानि पहुँचने का डर होता है। किंतु वास्तविकता में ऐसा देखा गया है कि पुरुष महिलाओं से उनके मासिक धर्म के दौरान ज़्यादा आकर्षित होते हैं। पुरुषों के इस आकर्षण के लिए किसपेप्टिन को ही जिम्मेदार माना जाता है।

इस हॉर्मोन का नाम "किस" इसलिए पड़ा क्योंकि इसकी खोज पेनसिल्वेनिया के हरषि में, सन् 1990 में हुई थी।