पुरुषों में आमतौर पर एक गैरज़रूरी डर पाया जाता है। यह डर है बढ़ती उम्र का डर। बुढ़ापे का भय उन्हें इतना सताता है कि वे इस विषय में बात भी करना पसंद नहीं करते।

उनके इस डर को और अधिक झकझोर देने का कार्य करते हैं वे लोग जो वृद्धावस्ता में पुरूषों के घटते पौरुष का मज़ाक बनाते हैं। उन्हें डर है कि बढ़ती उम्र के साथ उनके यौनजीवन पर दुष्प्रभाव पड़ेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि उम्र के इस पड़ाव आर भी अपने यौनजीवन को खुशहाल बने रखने के कई तरीके हैं।

अपने साथी के साथ आपके संबंधों का सीधा प्रभाव आपके मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। अपने जीवन को सुखी बनाए रखने का एक मात्र उपाय है अपने साथी के साथ अपने संबंधों को सुधारते रहना।

आइये जाने किस प्रकार आप अपने संबंधों को मजबूत बनाये रख सकते हैं।

1 किसी को खुश रखने की होड़ में ये ना भूलें की आप क्या हैं और क्या चाहते हैं। खुदको बदलने की कोशिश न करें। एक ऐसा पुरुष जो स्वयं से प्रेम करता हो एवं अपनी हर कमज़ोरी से प्रेम करता हो, आकर्षक माना जाता है। समझने वाली बात यह है कि आप अपनी कमजोरियों को सहेजें किन्तु अपनी गलतियों को मानने में भी पीछे न रहें।

2 जो पुरुष स्वयं से प्रेम नही कर सकता वह किसी से प्रेम नहीं कर सकता। स्वयं से प्रेम करें और अपने साथी के प्रति अपने प्रेम को जताने में कभी पीछे न हटें।

3 खुद को व्यस्त रखें। फुरसत में रहने से आपके स्वभाव पर अकेलापन हावी हो सकता है। जिन्हें आपकी मदद की, आपके मार्गदर्शन की ज़रूरत है, उनकी सहायता हेतु सदैव तत्पर रहें।

हमारे बुज़ुर्गों ने हमे सिखाया है कि पुरुष रोया नहीं करते। वे मज़बूत और बहादुर होते हैं। वे अपनी समस्याएं किसी के साथ भी बांटा नहीं करते। समझें, की जीवन की लड़ाई में हम सब एक समान हैं। हम सभी कभी हारते हैं, कभी गिरते है, चोट खाते हैं, हम सभी को दुःख भी होना लाजमी है। अपनी व्यथाओं और चिंताओं को बांटना कोई बुरी बात नहीं है।

बढ़ती उम्र के साथ पुरुषों के शरीर में भी कई बदलाव आते हैं। इन बदलावों को अपनाएं, इनसे डरें नहीं। अपने शरीर से प्रेम करना सीखें।

कई पुरुषों को परफॉर्मेंस एंग्जायटी की समस्या होती है, अर्थात वे अपने साथी को तृप्त करने के दबाव में आकर ऐसा नहीं कर पाते। समझने वाली बात है कि यह एक चक्रव्यूह की तरह है। किसी भी प्रकार के दबाव में आकर आप अपने साथी को तृप्त नहीं कर पाएंगे और ऐसा होने से आप पुनः दबाव में आजाएँगे।

कई बार पुरुषों को लगता है कि अपनी बढ़ती उम्र के साथ अपनी लड़ाई में वे अकेले हैं। इस डर से वे अपनी समस्या को किसी के साथ भी बांटने में हिचकिचाते हैं। हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, चालीस से ज़्यादा आयु वाले पचास प्रतिशत से ज़्यादा पुरुषों में स्तंभन दोष की समस्या पाई गई एवं कुछ पुरुष शीघ्रपात आदि समस्याओं से भी पीड़ित थे।

अपने चिकित्सक से परामर्श लें, बिना किसी हिचकिचाहट के। ऐसा करने पर यह समस्या बड़ी आसानी से सुलझ सकती है।


एक बार आपके संबंध अपने आस पास के लोगों के साथ सुधरने लगेंगे, तब आप अपने साथी पर अच्छे से ध्यान दे सकते हैं। अपने साथी को ये याद दिलाना न भूलें की आप उनसे कितना प्रेम करते हैं। अपनी भावनाओं को व्यक्त करने से कभी न चूकें। ऐसा करने से आप अपने साथी के साथ अपने यौन संबंध सुधार सकते हैं।