हमारे सिर का ताज, हमारे बाल, हमारे केश, जो हमारी व्यक्तित्व में चार चांद लगा देते हैं। जब यह पतले होने लगते हैं या झड़ने लगते हैं, तो ये किसी अभिशाप से कम प्रतीत नहीं होते।

अपनी कंघी में फसा बालों का गुच्छा, या सिरहाने पर पड़े टूटे हुए बाल देखना किसी के लिए भी एक बुरे सपने के समान हो सकता हैविशेषज्ञों का मानना है कि झड़ते बालों की समस्या से किसी व्यक्ति के आत्मविश्वास को क्षति पहुंच सकती है।

हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में चिंता, बढ़ते प्रदूषण, मिलावटी पदार्थों के सेवन से, एवं गलत शैम्पू आदि पदार्थों के प्रयोग से बाल झड़ने की समस्या होती है, ऐसा मानना है त्वचा एवं केश विशेषज्ञ, डॉ अमित सारदा का।

केशों से संबंधित उत्पादनों से हमारे बाजार भरे हुए हैं, जिनमें से कई बाल झड़ने की समस्या को रोकने का दावा भी करते हैं, किन्तु इनमें से कोई भी पूरी तरह से हमारे बालों की रक्षा करने का दावा नहीं करता।

ऐसे में, विशेषज्ञ मानते हैं कि हमे हानिकारक उत्पादनों से दूरी बनाए रखनी चाहिए, जो हमारे बालों को और अधिक क्षति पहुंचा सकते हैं। हमें अपने बालों को हानिकारक केमिकल से बचाना चाहिए।

बिना किसी हानिकारक केमिकल के प्रयोग के, अपने केशों को स्वस्थ रखने के कई उपाय दिए गए हैं, विश्व के सबसे पुरातन वेद में, आयुर्वेद में।

आयुर्वेद न केवल विश्वसनीय है, बल्कि अन्य सारे उत्पादनों से ज़्यादा कारगर भी है। हमारे अपने आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ीबूटियों का उल्लेख है, जिनके प्रयोग से हमारे केशों को एक नवजीवन मिल सकता है।

आयुर्वेद का प्रयोजन है, स्वस्थ के स्वास्थ की रक्षा करना, एवं रोगी को रोग मुक्त करना। यह न सिर्फ एक चिकित्सकीय तंत्र है, किन्तु इसमें ऐसे आहार विहार का उल्लेख है, जिन्हें अपनी दिनचर्या में सम्मिलित कर हम स्वास्थ्य को प्राप्त कर सकते हैं एवं एक सुखी आयु को जी सकते हैं।

आयुर्वेदिक उत्पादनों पर चर्चा करने के पूर्व, आयुर्वेद के आधार को समझना आवश्यक है। आयुर्वेद की मान्यता है कि ब्राह्मण में पाई जाने वाली हर वस्तु पांच महाभूतों से एवं त्रिदोषों से मिलकर बनी है। यह पांच महाभूत हैं, आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी एवं त्रिदोष हैं, वात, पित्त और कफ।

माना जाता है कि यही त्रिदोष हमारी प्रकृति निर्धारित करते हैं, जैसे हमारे केशों का रंग, हमारी त्वचा का रंग, हमारी कद काठी आदि।सभी मनुष्यों में कोई एक दोष मुख्य रूप से विद्यमान होता है, जिसके अनुसार हमारी प्रकृति निर्धारित होती है। सरल शब्दों में समझा जाए तो, वात अर्थात वायु, पित्त अर्थात अग्नि एवं कफ अर्थात हमारे शरीर का जलीय अंश। वात का कार्य है हमारे तंत्रिका तंत्र को नियंत्रण में रखना, पित्त हमारे पाचन तंत्र को संभालता है एवं कफ हमारे जोड़ो को लुब्रिकेशन देता है एवं उन्हें घर्षण से बचाता है। इनमें से किसी भी दोष के प्रकुपित होने पर हमारे शरीर में दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बालों के झड़ने की समस्या का कारण है शरीर में पित्त दोष का प्रकुपित हो जाना।


किसी भी व्यक्ति की नाड़ी के द्वारा पल्स देखकर, दोषों का पता लगाया जाता है। पित्त दोष वाले व्यक्तियों की पल्स बढ़ी हुई पाई जाती है

आयुर्वेद के अनुसार, निम्नलिखित औषधियों से बालों के झड़ने पर अंकुश लगाया जा सकता है।

  • आमला: आमला के प्रयोग से हम घर पर ही अपने केशों की सुरक्षा के लिए लेप तैयार कर सकते हैं।
  • निम्बू के रस को आमला के पाउडर के साथ मिलाकर एक पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को अपने सर की चमड़ी (स्कैल्प) पर लगाएं एवं मसाज करें। एक शावर कैप की मदद से सिर को ढक लें एवं इसे एक घंटे के लिए अपने सिर पर रहने दें। एक घंटे बाद इसे ठंडे या गुनगुने पानी से धो लें। हफ्ते में 2 बार ऐसा करें। 1 महीने तक इस विधि का पालन करने से आपको मनचाहा परिणाम मिलेगा।
  • भृंगराज: भृंगराज का लंबे समय से केश संबंधी उत्पादनों में उपयोग किया जा रहा है। कई विशेषज्ञ हमें बरिंगराज के तेल से अपने सिर की मालिश करने की राय देते हैं। घर बैठे अपना भृंगराज तेल बनाने के लिए भृंगराज की पत्तियां लें और उन्हें कुछ दिनों तक धूप में सुखाएं। इन पत्तियों को नारियल तेल के साथ मिला कर कुछ दिन धूप में रख दें। नारियल तेल का रंग हरा होने पर आपका अपना भृंगराज तेल तैयार होजाएगा।अब इस तेल से अपने सिर की अच्छी तरह चम्पी करें।
  • शिकाकाई : शिकाकाई के विषय में हम सबने अपनी दादी-नानियों से सुना है। शिकाकाई न सिर्फ हमारे बालों को साफ करता है किंतु इसमें एन्टी ऑक्सीडेंट एवं विटामिन ए, सी, के, डी होते हैं। शिकाकाई के पौधे को कुछ दिन धूप में सुखाकर पीस लें। इसके पाउडर को नारियल तेल के साथ मिला कर पंद्रह दिनों के लिए छोड़ दें। तेल तैयार होने पर इससे अपने सिर की चम्पी करें।
  • रीठा: रीठा से अपना शैम्पू बनाने के लिए रीठा के टुकड़ों के शिकाकाई के साथ 500 लीटर पानी में उबालें। इसे रात भर ठंडा होने दें एवं सुबह उठ कर इसे शैम्पू की तरह उपयोग कर इससे अपना सिर धो लें।
  • नारियल : बालों के लिए नारियल का तेल ही नहीं, इसका दूध भी काफी उपयोगी माना जाता है। हालांकि इसका दूध मिलना ज़रा मुश्किल है। तो आइए जाने घर बैठे नारियल दूध बनाने का उपाय। नारियल दूध बनाने के लिए नारियल को किस कर कुछ समय तक पानी में उबालें। इसमें काली मिर्च एवं मैथी डाल दें। मिश्रण को सिर पर लगा कर मालिश करें। आधे घंटे बाद अपना सिर धो लें।