हम अपने आस पास कितने ही ऐसे पुरुषों को टेस्टोस्टेरोन के विषय में मज़ाक करते हुए देखते हैं, किन्तु टेस्टोस्टेरोन की कमी मज़ाक का विषय नहीं है। वर्षों से प्रयासरत शोधकर्ताओं द्वारा किए गए शोधों में यह पाया गया कि टेस्टोस्टेरोन की कमी से कई प्रकार के रोग हो सकते हैं जैसे मधुमेह, ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का छिद्रित हो जाना), हृदय रोग आदि। वैसे तो एक सामान्य से ब्लड टेस्ट से भी टेस्टोस्टेरोन की कमी का पता लगाया जा सकता है किंतु इसकी कमी पहचानने के कई अन्य तरीके भी हैं।


यौनेच्छा की कमी

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन के अध्यापक, एवं 'टेस्टोस्टेरोन फॉर लाइफ' नामक किताब के लेखक, डॉक्टर अब्राहम मॉर्गेनटेलर के अनुसार, टेस्टोस्टेरोन ही वह ईंधन है जो पुरुष के यौन जीवन को सुचारू रूप से चलाता है। जिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम होती है, उनमें यौनेच्छा घटती जाती है एवं वे अपने साथी को तृप्त नहीं कर पाते। उनके अनुसार, पुरुष सप्ताह में कितनी बार सेक्स करने की इच्छा रखते हैं, इस सवाल का जवाब हर पुरुष के लिए अलग होता है, किंतु जिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी होती है, उनकी यौनेच्छा लगभग समाप्त हो जाती है।


स्तंभन दोष

पुरुषों के शरीर मे इरेक्शन, नाइट्रिक ऑक्साइड के स्त्रावण से उत्पन्न होता है। इस नाइट्रिक ऑक्साइड नामक का उत्पादन करने के लिए शरीर में टेस्टोस्टेरोन नामक हॉर्मोन का उपस्थित होना आवश्यक है। यदि किसी पुरुष के शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी हो जाए तब उसके लिंग में सेक्स के लिए पर्याप्त इरेक्शन नहीं आ पाता और कई बार बिल्कुल नहीं आता। स्तंभन दोष से न सिर्फ उनके मनोबल एवं आत्मविश्वास को क्षति पहुंचती है, बल्कि अपने साथी के साथ संबंध भी खराब होते हैं।


वीर्य की कमी

पुरुष के शरीर में तीन ग्रन्थियों के स्त्रावण के पश्चात ही वीर्य बनता है। ये ग्रन्थियां है प्रॉस्टेट, सेमीनल वेसिकल एवं अंडकोष। इन ग्रन्थियों को पर्याप्त मात्रा में वीर्य उत्पन्न करने के लिए टेस्टोस्टेरॉन बहुत जरूरी है । एक सामान्य पुरुष में वीर्य की मात्रा 1.5 से 5 क्यूबिक सेंटीमीटर होनी चाहिए। देखा जाता है कि जिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी हो, उनके शरीर में वीर्य की मात्रा भी कम होती है एवं वे शरीर में कमज़ोरी महसूस करने लगते हैं।


जननांग सुन्न होना

जिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन नामक हॉर्मोन की कमी पाई जाती है, वे आम तौर पर अपने जननांगो में सुन्न होने जैसा अनुभव करते हैं। उनके जननांग पूर्ण रूप से सुन्न नहीं होते, किन्तु जहाँ एक आम पुरुष के लिंग को या उसके आस पास के क्षेत्र को छूने से उनके शरीर में बिजली सी दौड़ जाती है, एवं उनमें इरेक्शन उत्पन्न हो जाता है। वहीं टेस्टोस्टेरोन की कमी वाले पुरुषों में ऐसा नहीं होता। उन्हें छूने पर उनमें सही इरेक्शन उत्पन्न नहीं हो पाता।


थकान

एक व्यस्त दिन के अंत में खुद को थका हुआ पाना सामान्य बात है, किंतु जिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी होती है, वे  सदैव थके हुए से रहते हैं। उनके शरीर मे थकान, आलस्य एवं सुस्ती बनी रहती है। उनके शरीर में स्फूर्ति की कमी रहती है।

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