एक्सरसाइज का लोगों की हेल्थ पर काफी अच्छा असर पड़ता है। फिजिकल एक्सरसाइज इंसान की फर्टिलिटी बढ़ाने में काफी मदद करती है। वजन का इंसान की सेक्स लाइफ पर काफी असर पड़ता है। ऐसे में एक्सरसाइज से आप अपना वजन सही रख सकते हैं जिससे सेक्स लाइफ भी अच्छी और हेल्दी रहती है।


जापान की यामागुची यूनिवर्सिटी ने एक स्टडी की। स्टडी में कुल 215 पुरुषों ने भाग लिया और उन्हें तीन अलग-अलग ग्रुप्स में बांटा गया। एक ग्रुप ने ज्यादा एक्सरसाइज दिनचर्या में भाग लिया, जबकि दूसरे ने केवल मध्यम एक्सरसाइज दिनचर्या में भाग लिया और अंतिम ने हल्का व्यायाम दिनचर्या में भाग लिया। तीनों समूहों में, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और उम्र समान थी।


स्टडी ने हर तरह की एक्सरसाइज करने वाले प्रतिभागियों के स्पर्म मोटिलिटी में सुधार के प्रभावों को दर्ज किया। 40% या उससे कम की स्पर्म मोटिलिटी को कम माना जाता था। अध्ययन के निष्कर्ष इस प्रकार थे:

•हल्के व्यायाम दिनचर्या में भाग लेने वाले समूह में, कुल 31% पुरुष प्रतिभागियों में स्पर्म मोटिलिटी दर कम थी।

•मध्यम व्यायाम दिनचर्या में भाग लेने वाले समूह में, कुल 14.3% पुरुष प्रतिभागियों में स्पर्म मोटिलिटी दर कम थी।

•अधिक तीव्र व्यायाम दिनचर्या में भाग लेने वाले समूह में, कुल 27% पुरुष प्रतिभागियों में स्पर्म मोटिलिटी कम थी।

इनके रिजल्ट से पता चला की मीडियम एक्सरसाइज करने पर स्पर्म मोटिलिटी अच्छी रहती है। इस प्रकार, इस नए स्टडी में सिफारिश की गई है कि जो पुरुष फर्टिलिटी प्रॉब्लम से जूझते हैं, उन्हें अपनी मोटिलिटी, काउंट और एक्सरसाइज पर ध्यान देना चाहिए।


नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ चाइल्ड हेल्थ एंड ह्यूमन डेवलपमेंट की रिपोर्ट है कि अमेरिका में लगभग 15% कपल एक साल के बाद प्रेग्नेंट होने में नाकामयाब रहते हैं। वहीं, शादी के 2 साल बाद तक की बात करें तो यही आंकड़ा 10 फीसदी तक गिर जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि 30 साल से कम उम्र के कपल्स के बीच प्रेगनेंसी की सफलता दर उनके पहले तीन महीनों में 20% से 37% के बीच है।


निष्कर्ष

पुरुष फर्टिलिटी जटिल होती है और इसमें पुरुष के रिप्रोडक्टिव सिस्टम के अलग-अलग पहलू शामिल होते हैं। अगर आदमी की स्पर्म मोटिलिटी, स्पर्म काउंट और क्वालिटी में प्रॉब्लम होती है तो वो भी प्रेगनेंसी में समस्या का कारण बन सकते हैं। इस नई स्टडी के मुताबिक स्पर्म के मोटिलिटी पर एक्सरसाइज के प्रभाव के बारे में बताया गया है, जो इस निष्कर्ष पर पहुंचाता है कि मीडियम एक्सरसाइज पुरुषों के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है, खासकर जब उनको फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या हो।