उम्र बढ़ने के साथ-साथ पुरुष और महिला दोनों की ही सेक्सुअल फीलिंग्स में बदलाव आता है, इसलिए आपको किस तरह से सेक्स करते हुए अच्छा महसूस होगा वो भी बदल जाता है. इसीलिए आपको ज़रूरी है कि आप फॉरप्ले का समय बढ़ा दें. अगर किसी भी तरह की समस्या जैसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन आदि है तो आप पूरी तरह से सेक्स ना करने की तकनीक अपना सकते हैं.आपको इस समय ज़रूरत है कि सेक्स

ऐसा हो जिससे आप दोनों को अच्छा महसूस हो. इस तरह से मेनोपॉज में भी दोनों ही पार्टनर स्ट्रेस महसूस नहीं करते हैं. सेक्स के अलावा अन्य चीज़ें जैसे गले लगना, किस करना या डिलडो आदि का इस्तेमाल करें. इससे आपकी सेक्स लाइफ रोमांचक रहेगी और आप अच्छा महसूस करेंगें. अपनी सेक्सुअल प्रॉब्लम को सामने वाले के सेक्सुअल एक्सपीरियंस से जोड़ कर देखें. बढ़ती उम्र में हाइपोगोनाडिसम और इरेक्टाइल डिसफंक्शन पुरुषों में होने वाली आम समस्या है. ऐसे में ये समस्या पार्टनर को भी प्रभावित करती हैं.


इन सब समस्याओं के कारण पुरुष की सेक्स करने की इच्छा कम होते ही उसकी महिला पार्टनर की भी सेक्स को लेकर हिचक और बढ़ जाती है और धीरे-धीरे समय आता है कि सेक्स बहुत ही कम हो जाता है. इसलिए इसका हल है कि आप इस चीज को लेकर आपस में हमेशा बात करें और ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर के पास जाने से भी परहेज ना करें. अगर महिला सेक्स करने से मना करे तो समझे कि उसकी सेक्सुअल डिजायर बदल रही हैं. पुरुष, जिनकी पार्टनर मेनोपॉज से गुजर रही हैं उन्हें अक्सर ऐसा लगता है कि वो उन्हें रिजेक्ट कर रही है. या उन्हें उनके साथ सेक्स करते हुए अच्छा महसूस नहीं हो रहा है. पर ऐसे में हमेशा ध्यान रखें कि ये सब हार्मोनल बदलाव के कारण है, और इसमें महिला खुद भी  कुछ नहीं कर सकती है. इसका दोष खुद को ना दें. कभी भी ऐसा लगे की आप सेक्स के दौरान उन्हें पूरी तरह से अच्छा महसूस नहीं करवा पा रहें है तो इसमें बहुत बड़ा हाथ मेनोपॉज  का है.


सेक्स करना बंद ना करें


बहुत बार हो सकता है कि आपकी  महिला पार्टनर केवल मास्टरबेट करना चाहे, सेक्स नहीं. ऐसे में परेशान ना हो. मास्टरबेट करने से भी कई बार सेक्स लाइफ में धीरे-धीरे अच्छा बदलाव आने की संभावना है. इसलिए बस एक बात ध्यान रखें कि सेक्स करना बंद नहीं करना है. किसी भी तरह से उससे जुड़े रहने का प्रयास करें.


सेक्स के बारे में सोचें


दिमाग भी सेक्सुअल ऑर्गन है, कैसे? सेक्स के बारे में सोचने से सेक्स को लेकर डिजायर बढ़ जाती है. इसलिए आपके और आपके पार्टनर के लिए ज़रूरी है कि आप सेक्स के बारे में सोचें.


इंटिमिसी के लिए अलग से टाइम निकालें


हमेशा ये मत सोचें कि सेक्स ही करना है. बढ़ती उम्र में दोनों ही कपल पर पेरेंटिंग या काम का भी बोझ होता है. हो सकता है आपको लगे कि दिन के आखिरी में आप सेक्स करने के लिए काफी थक गए हैं. इसलिए

सेक्स के अलावा भी हर रोज एक दूसरे के साथ अच्छा वक्त बिताने के लिए टाइम ज़रूरनिकालें. वाक पर जाएं, डिनर डेट्स पर जाएं. अगर ऐसे में आपका मूड अच्छा है तो चीजें सेक्स तक भी पहुंच सकती हैं. और ऐसा नहीं भी होता है तो आप अच्छा महसूस करेंगें.


तुलना करना बंद करें


हर एक कपल की सेक्स लाइफ अलग होती है. इसी तरह से मेनोपॉज के बाद भी हर एक कपल की सेक्स लाइफ अलग होगी.कभी भी अपनी सेक्स लाइफ की दूसरों की सेक्स लाइफ से तुलना ना करें. और ना ही मेनोपॉज से पहले की सेक्स लाइफ से इसकी तुलना करें. हर एक इंसान की फीलिंग्स अलग है. उनकी कद्र करें. एक दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम बिताने की कोशिश करें, ये ज्यादा ज़रूरी है.

मेनोपॉज से पहले प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें


मेनोपॉज से पहले महिलाओं के पीरियड्स बहुत ज्यादा अनियमित रहते हैं, ऐसे में प्रेगनेंट होने के आसार बने रहते हैं. इस समय में प्रेग्नेंट होने पर जन्म के समय भी कई समस्या हो सकती हैं इसलिए प्रेग्नेंट होने से बचें. ऐसे में अपने पार्टनर को हमेशा याद करवाएं की प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें ताकि प्रेग्नेंट होने का खतरा न हो.