हेल्थी सेक्स लाइफ, हेल्थी बॉडी, हैप्पी माइंड का इंडिकेटर होती है। साथ ही यह सामन्य जीवन मे होने वाले स्ट्रैस, चिंताओं को भी दूर हटा कर हमारे बॉडी माइंड सिस्टम को एक तरह से रिबूट कर के खुशहाल बनाने में भी मदद करती है।

जहां एक ओर पुरुषों में मुख्य सेक्स समस्या इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, प्री मेच्योर इजेक्युलेशन, हैं वहीं महिलाओं में कामेक्षा की कमी, या लॉस ऑफ लिबिडो की समस्या आम होती जा रही है।

एक ताज़ा स्टडी रिपोर्ट के अनुसार 18 से 59 वर्ष के बीच की आयु की कुल महिलाओं में से एक तिहाई लॉस ऑफ लीविडो का सामना कर रही हैं।

लक्षण

एक जरूरी बात  है कि, सेक्स के बारे में कोई नियम या नम्बर निर्धारित नही है, यह भी महत्वपूर्ण नही है कि आप कितने बार या देर तक सेक्स करते हैं। बल्कि  महत्वपूर्ण यह है कि, आप चरम सुख और संतुष्टि का अनुभव करते हैं या नही।

  • महिलाओं में कामेक्षा के स्तर में उतार चढ़ाव होता रहता है, यह एक आम बात है, लेकिन अगर लम्बे समय (तीन से छः माह)से सेक्स के प्रति रुचि कम महसूस हो रही है, तो यह कामेक्षा में कमी का लक्षण हो सकता है।सेक्सुअल एक्टिविटी में मन का न लगना या कम लगना।
  • मन मे उठने वाले कामुक विचारों का कम या समाप्त हो जाना।
  • सेक्स की पहल करने का मूड न होना।
  • संभोग के दौरान जननांगों में उत्तेजना की कमी होना।


कारण

हेल्थी सेक्स लाइफ के लिए शरीर और मन दोनो का स्वस्थ और संतुलित होना जरूरी होता है, इसके अलावा जीवन शैली, पुराने अनुभव भी कामेक्षा में कमी के कारण हो सकते हैं।

शारिरिक कारण

  • कुछ रोग जैसे कि अर्थराइटिस, डाइबिटीज, हार्ट डिजीज, कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर आदि सेक्स ड्राइव को कम कर देते हैं।
  • यदि संभोग के समय अधिक दर्द होता है, तो यह भी सेक्स में रूचि को खत्म कर देता है।
  • कुछ विशेष दवाएं जैसे अवसाद कम करने वाली दवाएं एंटीडिप्रेसेंट सेक्स में रुचि कम कर देते हैं।
  • अधिक शराब पीने, तम्बाकू के इस्तेमाल से भी सेक्स ड्राइव कम हो जाती है।
  • पारिवारिक जिम्मेदारियों, बच्चों, बुजुर्गों की देखभाल का अधिक बोझ होने पर भी कामेक्षा में कमी आने लगती है।

हार्मोन्स में परिवर्तन

  • महिलाओं के शरीर मे अवस्था के साथ कुछ हार्मोन्स में बदलाव आते हैं, जो कि उनके अंदर सेक्स की चाहत में उतार चढ़ाव लाते हैं। मेनोपॉज  के दौरान एस्ट्रोजन के स्तर में कमी आती है, जिससे वेजिना में ब्लड फ्लो कम हो जाता है, साथ ही कामेक्षा में भी कमी आ जाती है।
  • गर्भावस्था और प्रसव के बाद कुछ समय तक भी हार्मोन परिवर्तन के कारण महिलाओं में कामेक्षा की कमी पाई जाती है।

मानसिक कारण

अधिकांश महिलाओं के लिए सेक्स करने से पहले अपने पार्टनर के साथ भावनात्मक जुड़ाव और विश्वास होना जरुरी होता है, अगर आपके सम्बन्धों में कड़वाहट आ गयी है, अथवा पार्टनर से किसी बात को लेकर लम्बे समय से अनबन चल रही है, तो यह भी सेक्स में रुचि को कम कर सकता है।

उपचार

कामेक्षा में कमी को दूर करने के अनेक तरीके हैं, लेकिन कारण के बारे में पता कर लेना सबसे जरूरी होता है।

इसके लिए आप स्वयं भी कोशिश कर सकते हैं, और अगर ऐसा करने से बात नही बन रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।

  • डॉक्टर आपके बॉडी चेक अप के साथ ब्लड टेस्ट भी करेंगे जिससे शुगर लेवल, हॉर्मोन लेवल का भी पता चल जाएगा।

यदि मानसिक अथवा भावनात्मक कारण हैं, तो मनोचिकित्सक से संपर्क करना और काउंसलिंग लेना बहुत लाभदायक रहता है। इस तरह आप अपने पार्टनर से बेहतर तालमेल बना सकते हैं, साथ ही सेक्स के कुछ आनंद दायक तरीके भी जान सकते हैं।

रेगुलर एक्सरसाइज, योग को अपना कर भी बॉडी को फिट रखने में मदत मिलती है, अपनी जीवन शैली को सही करने से भी जल्द ठीक हो सकते हैं |



  • विशेष ध्यान रखें कि अगर कोई रेगुलर दवा आप ले रहे हैं, तो बिना चिकित्सक की सलाह के उसे बंद न करें।