सेक्स जितना ज्यादा अच्छा होगा उतना ही रिफ्रैक्टरी पीरियड कम हो जाता है। बहुत ज्यादा अराउस होने पर ये बहुत ज्यादा कम भी हो सकता है। ये बहुत से अलग चीजों पर भी निर्भर करता है। हो सकता है किसी नए पार्टनर के साथ ये समय कम हो जाए पर आपके लंबे समय से चल रहे पार्टनर के साथ ज्यादा हो जाए। इसके अलावा कई अलग तरह की चीज जैसे ग्रुप सेक्स वगैरह में भी ये कम हो जाता है। ऐसे में पुरुषों के निप्पल छू देने भर या हलके किस से भी ये सामान्य से बहुत कम हो जाता है।


इससे उलट बहुत ज्यादा अच्छा सेक्स भी रिफ्रैक्टरी समय को बढ़ा सकता है। जी हाँ! हो सकता है बहुत बेहतरीन सेक्स के बाद पुरुष दुबारा सेक्स करना चाहे पर इरेक्शन ना हो। इसका कारण नपुंसकता नहीं है बल्कि ये भी हो सकता है कि उसने पहली बार किए गए सेक्स में अपनी पूरी ताकत को झोंक दिया हो। और उसका ओर्गस्म बहुत ज्यादा स्ट्रोंग हो जो उसे दुबारा इरेक्शन पाने में परेशान कर सकता है। कभी- कभी कई तरह की ड्रग्स जैसे कोकीन आदि रिफ्रैक्टरी पीरियड को कम कर देती है, और आदमी में इरेक्शन जल्दी और बहुत लंबे समय तक होता है। इसका कारण है कि ये ड्रग्स दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर को उत्तेजित कर देते हैं। पर इसमें बुरा ये है कि ऐसे पुरुषों को ओर्गस्म तक पहुंचने में बहुत ज्यादा परेशानी होती है और इसकी वजह से सेक्स का पूरा मजा किरकिरा हो सकता है।

साथ ही साथ आपको बहुत ज्यादा मास्टरबेशन करने से भी परहेज करना पड़ेगा। ऐसे पुरुष जो बहुत ज्यादा या गलत तरह से मास्टरबेट करते हैं उनमें ये समय बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। सेक्स के समय बहुत जल्दी ओर्गस्म तक पहुंच जाना ऐसे आदमियों के लिए आम परेशानी बन जाता है। अगर आपको भी ये पढ़ कर लग रहा है कि आपके साथ ऐसा होता है तो आपको तुरंत मास्टरबेशन कम करने की जरूरत है।


इन सब बातों के अलावा दिमाग का भी इसमें अहम रोल है। जब एक आदमी सेक्स करता है तो उसका सारा दिमाग ओर्गस्म की तरफ लगा होता है। दिमाग ही उसकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए डोपामाइन बनाता है। एक बार ओर्गस्म के बाद डोपामाइन रिलीज़ हो जाता है और उसके बाद दुबारा इरेक्ट होने के लिए दिमाग संकेत देना बंद कर देता है।


उसी समय, एक सेक्स पुरुष के दिमाग के सेरोटोनिन और ओपिओइड के उत्पादन को बढ़ाता है। सेरोटोनिन और ओपिओइड दोनों एक आदमी के एक और बार सेक्स करने की संभावना को कमजोर करते हैं - और वो भी बहुत लंबे समय तक। एक आदमी सेक्स करने के 12 घंटे बाद मेरी लैब पर जा सकता है और अभी भी एक ओपिओइड होल्डओवर का अनुभव कर रहा है जो इरेक्शन पाने की उसकी क्षमता को प्रभावित करता है। कुछ वैज्ञानिक इसे रिफ्रैक्टरी टाइम का हिस्सा कहेंगे, जबकि कुछ ऐसा नहीं भी मानते हैं।


सच ये है कि साइंटिस्ट अभी भी रिफ्रैक्टरी पीरियड्स के बारे में बहुत कुछ नहीं जानते हैं, कब वो शुरू होता है, कब खत्म होता है और बहुत कुछ। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है अगर आपको एक बार सेक्स के बाद दुबारा सेक्स करने में समय लगता है।