महिलाओं को हर महीने पीरियड्स होते हैं, जो एक उम्र के बाद बंद हो जाते हैं। इसे रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज कहते हैं। मगर क्या आपने कभी पुरुषों के मेनोपॉज (मेल मेनोपॉज) के बारे में सुना है? हो सकता है आपके लिए ये शब्द नया हो, मगर एक उम्र के बाद पुरुषों में होने वाले हार्मोनल और शारीरिक बदलावों को मेल मेनोपॉज या एंड्रोपॉज कहा जाता है। मेल मेनोपॉज महिलाओं में होने वाले मेनोपॉज के काफी अलग होता है, इसलिए इनकी आपस में तुलना नहीं की जा सकती है। महिलाओं में मेनोपॉज के बाद कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं और उनमें अंडे बनना बंद हो जाते हैं, जिसके कारण पीरियड्स नहीं होते हैं और बच्चा पैदा करने की क्षमता खत्म हो जाती है। मगर पुरुषों को पीरियड्स नहीं होते, इसलिए उनमें मेनोपॉज के लक्षण बिल्कुल अलग होते हैं।

पुरुषों में 50 साल की उम्र के बाद टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का बनना कम होने लगता है। पुरुषों की सेक्स क्षमता में टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का बड़ा रोल होता है। इसी हार्मोन के कारण उनकी मांसपेशियां मजबूत होती है, मांसपेशियों में वजन आता है, लिंग में तनाव आता है और कामुकता पैदा होती है। इसके अलावा ये हार्मोन पुरुषों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है। आमतौर पर मेनोपॉज के बाद पुरुष की सेक्स क्षमता कम होने लगती है। इस दौरान पुरुष अपने आपको शारीरिक रूप से कमजोर समझने लगते हैं और उनमें मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है।

आपको बता दें कि 30 की उम्र के बाद पुरुषों में हर साल टेस्टोस्टेरॉन के लेवल में लगभग 1% की कमी आने लगती है। 50 की उम्र पहुंचते-पहुंचते ये हार्मोन काफी कम हो जाता है। 80 की उम्र तक तो ये हार्मोन इतना कम हो जाता है कि इसका लेवल 200ng/dl तक पहुंच सकता है, जबकि जवानी में पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन का औसत लेवल 1000 ng/ dl होता है।

आमतौर पर पुरुषों में 50 की उम्र के बाद दिखने वाले निम्न लक्षण मेल मेनोपॉज की तरफ इशारा करते हैं-

  • सेक्स की क्षमता और कामुकता में कमी आना
  • डिप्रेशन
  • सीने और पेट के आसपास चर्बी जमा होने लगना
  • मांसपेशियां कमजोर होना
  • अंडकोष का सिकुड़ जाना
  • हर समय थकान
  • चिड़चिड़ापन
  • सुबह उठने पर लिंग न खड़ा होना
  • इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या नपुंसकता
  • इंफर्टिलिटी
  • नींद की कमी

इन सभी लक्षणों के अलावा बालों का झड़ना, सीने में दर्द और शरीर के ऊपरी हिस्से में ज्यादा गर्मी लगने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

मजेदार बात ये है कि हर महिला की तरह हर पुरुष को मेनोपॉज का सामना नहीं करना पड़ता है। इसके अलावा कई बार कुछ बीमारियों के कारण पुरुषों को मेल मेनोपॉज जल्दी हो सकता है, जैसे- टेस्टिकुलर कैंसर, टेस्टिस रिमूवल आदि। यहां तक कि प्रोस्टेट कैंसर के जिन मरीजों को एंटी-टेस्टोस्टेरॉन थेरेपी दी जाती है, उनमें भी मेनेपॉज के लक्षण उम्र से पहले शुरू हो सकते हैं।

अगर आपकी उम्र 50 से ज्यादा है और आप ऊपर बताए लक्षणों में से कुछ को अपने शरीर में महसूस कर पा रहे हैं, तो इसका अर्थ है कि आपके हार्मोन्स ने गड़बड़ शुरू कर दी है। ऐसी स्थिति में आप डॉक्टर से मिलकर उनकी सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर आसान सा ब्लड टेस्ट करके आपके टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का लेवल पता कर लेंगे। सिर्फ लक्षणों के द्वारा मेल मेनोपॉज का पता लगाना इसलिए मुश्किल होता है क्योंकि इसके लक्षण कम-ज्यादा होते रहते हैं।

मेल मेनोपॉज को रोकने का कोई इलाज नहीं है, हालांकि डॉक्टर इसके लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए दवाएं दे सकते हैं। इसके अलावा कई डॉक्टर्स टेस्टोस्टेरॉन रिप्लेसमेंट थेरेपी भी लेने की सलाह देते हैं, मगर इसके फायदों को लेकर कई तरह के विवाद हैं। कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इस थेरेपी को लेने से व्यक्ति को प्रोस्टेट कैंसर हो सकता है या उसकी पेशाब की नली ब्लॉक हो सकती है। दिल के रोगियों के लिए ये थेरेपी घातक हो सकती है।

मगर मिस्टर्स! घबराएं नहीं, अपनी जीवनशैली में थोड़े-बहुत बदलाव करके भी आप मेनोपॉज के लक्षणों को कम कर सकते हैं और खुद को स्वस्थ रख सकते हैं। ये बदलाव इस प्रकार हैं-

  • रेगुलर एक्सरसाइज करें
  • खानपान हेल्दी रखें
  • तनाव कम लें
  • पर्याप्त नींद लें
 

इन आदतों को अपनाने से आपको परेशान करने वाले मेनोपॉज के ज्यादातर लक्षण ठीक हो जाएंगे या कम परेशान करेंगे।

Medically reviewed by Rishabh Verma, RP