भारत में रहते हुए जहां धुप काफी तेज़ होती है और गर्मियां लंबी रहती है, वहां ये सुनकर अजीब लगता है कि धूप का ज्यादा से ज्यादा मजा लें। पर अगर मैं कहूं कि 30 मिनट तक धूप में बैठ कर आप अपनी सेक्स लाइफ को हफ़्तों तक मजेदार बना सकते हैं तो आप क्या कहेंगें? खैर, दुनिया भर के शोध पूरी निश्चय के साथ इसका निष्कर्ष निकाल रहे हैं। यह रहस्य धूप में नहीं बल्कि इस तथ्य में निहित है कि सूरज के संपर्क में आने से शरीर में विटामिन डी का उत्पादन बढ़ जाता है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में सेक्स हार्मोन के उत्पादन में सुधार करता है। यह विटामिन मछलियों और मांस से भी प्राप्त होता है।


यह कैसे काम करता है-

विटामिन डी पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन और महिलाओं में एस्ट्रोजेन जैसे अधिक सेक्स हार्मोन को सीक्रेट करने में मदद करता है जो कामेच्छा या सेक्स ड्राइव को बढ़ाता है। वैज्ञानिकों ने पहले विटामिन डी के कम लेवल और एस्ट्रोजेन की कमी के बीच संबंध बताया था, जो आपकी सेक्स करने की इच्छा को प्रभावित करता है। एस्ट्रोजन या महिला सेक्स हार्मोन, सेक्स ड्राइव को बढ़ाने के साथ-साथ वेजाइना की वाल्स की मांसपेशियों के बनाने और वेजाइनल डिस्चार्ज के निर्माण में भी उपयोगी है, जिससे सेक्स कम दर्दनाक और अच्छा होता है।


मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ़ ग्रेन ऑस्ट्रिया से जुड़े वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन पुरुषों के खून में कम से कम 30 नैनोग्राम विटामिन डी प्रति मिली लीटर होता है उनके सिस्टम में भी अधिक टेस्टोस्टेरोन हार्मोन होता है। इसके विपरीत दिलचस्प यह था कि विटामिन डी के लेवल कम होने वाले लोगों में ये हॉर्मोन कम था। जेनिटल्सबनने की ग्रोथ, स्पर्म और कामेच्छा बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होने के नाते, टेस्टोस्टेरोन एक ज़रूरी पुरुष हार्मोन है।


रिसर्च के दौरान, यह भी जाना गया था कि विटामिन डी की तरह, टेस्टोस्टेरोन का स्तर भी समय और उम्र के साथ कम हो जाता है। विटामिन डी की कमी का स्तर सर्दियों के दौरान काफी ज्यादा होता है, खासकर अक्टूबर से मार्च तक, जब सूरज बहुत कम निकलता है। हालांकि, जो लोग इस समय के दौरान अपने विटामिन डी के लेवल को बनाए रखते हैं, वे टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के हाई लेवल और सेक्सुअल डिजायर में बढ़ोतरी का आनंद लेते हैं। यह भी देखा गया है कि सूरज में एक घंटे रहने पर पुरुष अपने टेस्टोस्टेरोन के स्तर में 69 फीसदी तक सुधार कर सकते हैं।


जबकि महिलाएं टेस्टोस्टेरोन की एक छोटी मात्रा का उत्पादन करती हैं जो उनके ओवरिज में रिलीज़ होता है, पुरुष टेस्टिस में इसका उत्पादन करते हैं। यही कारण है कि टेस्टोस्टेरोन उनकी सेक्स ड्राइव में इतनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जबकि महिलाओं की सेक्सुअल डिजायर में इसका रोल काफी छोटा है। टेस्टोस्टेरोन का बहुत ज्यादा कम होना भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी सेक्सुअल परेशानियों को जन्म दे सकता है, शरीर के बालों और मांसपेशियों को कम कर सकता है और आदमी के स्तन महिलाओं की होने का कारण बन सकता है।


सूरज में एक्सपोजर एक अन्य हार्मोन के बनने को बढ़ावा देता है, जिसे मेलानोसाइट-स्टीमुलटिंग हार्मोन (एमएसएच) कहा जाता है, जो मेलेनिन के बनने के लिए जिम्मेदार है, जो आपकी त्वचा को सूरज की किरणों से होने वाले नुकसान से बचाता है और त्वचा के टैन होने का कारण भी है। दिलचस्प बात यह है कि हाल ही में किए गए अध्ययन यह दावा कर रहे हैं कि मेलेनिन सेक्स हार्मोन के साथ प्रतिक्रिया करता है और एक-दूसरे की क्षमता में सुधार करता है।


चेतावनी

याद रखें, स्किन के कैंसर होने में सूरज की किरणें प्राथमिक कारण है। यूरोप में ही, हर दिन सैकड़ों नए मामले दर्ज किए जाते हैं और दुनिया भर के डॉक्टर और स्किन स्पेशलिस्ट अब असुरक्षित रूप से धूप में बाहर जाने के लिए सख्ती से मना करते हैं और कम से कम 15 एसपीएफ वाले सनस्क्रीन के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। याद रखिए, सेक्स ज़रूरी है पर जिंदगी उससे कहीं ज्यादा, क्योंकि जान है तो जहान है!