ये हमेशा होता है। 30 से 70 के बीच की उम्र का कामकाजी पुरुष, मेरे ऑफिस में आता है और इरेक्टाइल डिसफंक्शन की शिकायत करता है। साथ ही वो इस चीज को लेकर भी परेशान है कि ऐसा उसके साथ पहले कभी नहीं हुआ है ! बात करने पर- लगभग हमेशा ही पता चलता है कि उनके ऑफिस में किसी ना किसी तरह की परेशानी चल रही है।


जॉब से जुड़ा स्ट्रेस काफी हद तक आपकी सेक्स लाइफ पर असर डालता है। ये स्ट्रेस आपके नए बॉस या जॉब जाने के डर से जुड़ा हो सकता है। जो भी है जॉब से जुड़ी समस्या आपके बेडरूम में समस्याओं को जन्म देती हैं। ऐसे में डॉक्टर से मिलना बहुत ज़रूरी है। सेक्स ना सिर्फ आपके इमोशनल हेल्थ के लिए ज़रूरी है बल्कि ऐसे भी ये आपकी हेल्थ के लिए ज़रूरी है।


कई साल पहले, ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ने एक दिलचस्प स्टडी पब्लिश की थी जिसमें सेक्स और स्वास्थ्य के बीच संबंधों का पता लगाया गया था। 1979 में शुरू, शोधकर्ताओं ने वेल्स के साउथ में एक कस्बे के मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों पर उनकी सेक्स फ्रीक्वेंसी के बारे में सर्वे किया। उन्होंने लोगों को तीन ग्रुप्स में बांटा - वे जो सप्ताह में दो बार या उससे अधिक बार सेक्स करते थे, जो महीने में एक बार या उससे कम बार सेक्स करते थे, और बीच में। धूम्रपान, ब्लड प्रेशर और सोशल क्लास आदि के आधार पर बांटने के बाद रिजल्ट आया कि ज्यादा बार सेक्स करने वाले समूह में मृत्यु दर कम सेक्स करने वाले ग्रुप से आधे से भी कम थी। जाहिर है, आप जितना ज्यादा सेक्स करते हैं, आप उतने लंबे समय तक जीवित रहेंगे।


और हो भी क्यों ना? सेक्स को भी एक तरह की एक्सरसाइज ही माना गया है। ये स्ट्रेस को कम कर आपके रिश्ते को अच्छा बनाने में मदद करता है। तो जॉब का तनाव कैसे आपकी सेक्स लाइफ को प्रभावित करता है? सबसे पहले तो ध्यान रखें कि सेक्स करने की इच्छा कम होना और इरेक्टाइल डिसफंक्शन आजकल बहुत ही आम हैं, और उम्र बढ़ने के साथ ये काफी लोगों को परेशान करते हैं। एक अनुमान के अनुसार मिडिल उम्र के लगभग 20% पुरुष सेक्सुअल डिसफंक्शन से प्रभावित होते हैं।


स्ट्रेस में आपकी सेक्स करने की इच्छा कम हो जाती है जो आगे चलकर खुद ही स्ट्रेस का कारण बन जाता है। आजकल टेक्नोलॉजी का भी इसमें बहुत बड़ा हाथ है। सायकोलोजिकल स्टडी के मुताबिक “कम समय में ज्यादा काम करने की आदत” सेक्सुअल हेल्थ पर बुरा असर डालती है। यूरोपियन पुरुषों पर की गई एक स्टडी ने निकले रिजल्ट के अनुसार,” पिछले 12 महीने में जिन पुरुषों को काम में कठिनाई आई है उनकी सेक्सुअल हेल्थ बाकियों के मुकाबले 1.8 ज्यादा प्रभावित हुई है।”


इसमें सेक्सुअल हेल्थ के साथ-साथ आपके रिश्ते में भी कड़वाहट आती है जो और स्ट्रेस का कारण बनता है। ऐसे में कई बार अपने रोगी को सेक्स और स्ट्रेस के बीच संबंध को समझा कर भी उन्हें ठीक किया जा सकता है। ऐसा करने से उन्हें यकीन दिलाया जा सकता है कि ये समस्या परमानेंट नहीं है। इसके अलावा मैं पेशेंट को कई बार दवाई लेने की सलाह देता हूं, ताकि उसका इरेक्शन वापिस लाया जा सके और उसका कांफिडेंस वापिस आ सके।


इसी बीच वो स्ट्रेस को कम करने के तरीके ढूंढ सकता है। सीधे तौर पर आसान तरीका है या तो स्ट्रेस के कारण को कम करना या उसे हैंडल करने का असरदार तरीका ढूँढना। इसीलिए अगर आप ऐसी किसी समस्या का सामना कर रहे हैं तो जल्द से जल्द इसे ठीक करने की कोशिश करें। सेक्स थेरेपी की तरह है स्ट्रेस का असर इस पर ना पड़ने दें। ये आपकी ख़ुशहाल लाइफ में लिए ज़रूरी है।