आजकल नई पीढ़ी अपने जीवन के शुरुआती दौर में ही बालों की कमी से जूझ रही है। ज्यादातर युवक, युवतियां बालों की समस्याओं से घिरे हैं। पहले बाल गिरना या सफेद होना वृद्धावस्था की निशानी माना जाता था, लेकिन आज बीस से तीस वर्ष की अवस्था के लोगों मे ये लक्षण दिखाई दे रहे हैं।वर्ष 2018 में चीन के शोधकर्ताओं ने पाया कि चीन में स्टूडेंट्स में बाल झड़ने की दर पहले के अपेक्षा अधिक हो गयी है, और लगभग 60% स्टूडेंट्स इस दिक्कत का सामना कर रहे हैं।

बालों की जिंदगी

सामान्य रूप से मनुष्य के सिर के बाल का जीवन काल 2 से 15 साल तक हो सकता है, इस बीच यह चार अवस्थाओं से होकर गुजरता है।

पहली अवस्था को एनाजेन या वृद्वि अवस्था कहते हैं, इसमे बाल स्वतः उगता है, और लगभग 1 सेंटीमीटर प्रतिमाह की दर से बड़ा होता है, और यह 2 से 6 साल की होती है।दूसरी अवस्था केटाजेन या परिवर्ती अवस्था होती है, यह कुछ दिनों की होती है, और इसमें हेयर फालिकिल कुछ सिकुड़ जाता है।तीसरी अवस्था को टीलोजेन या स्थिर अवस्था भी कहते हैं,3 से 5 साल की इस अवस्था मे बाल स्थिर रहता है और सामान्य रूप से वृद्धि करता रहता है।

चौथी अवस्था को एक्सोजेन या क्षय अवस्था भी कहते हैं, और इसमें बाल अपने स्थान से उखड कर गिर जाता है।


संभावित कारण

बाल गिरने की समस्याओं के दिनों दिन बढ़ते जाने के अनेक कारण है, जिनमे से कुछ प्रभावी कारणों के बारे में जानकर और उनकी रोकथाम करके बाल झड़ने की प्रॉब्लम से बचा जा सकता है।तनाव

  • आजकल तनाव जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है। अलग अलग क्षेत्रों में बढ़ते कॉम्पटीशन, परफार्मेंस प्रेशर, रिश्तों में बढ़ती कड़वाहट तनाव को जन्म देती है, और यह तनाव बालों के असमय सफेद होने में तथा बालों के झड़ने में मुख्य कारण है। लगातार तनाव या मानसिक चिंता बनी रहने पर शरीरकार्टिसोल हारमोन का स्तर बढ़ जाता है, इसे स्ट्रेस हारमोनकहते है। इसका बढ़ा स्तर बालों को कमजोर कर देता है।चूहों पर की गई एक रिसर्च में पाया गया है, कि तनावपूर्ण वातावरण में अधिक देर रहने से बाल केटाजेन अवस्था में समय पूर्व पहुंच जाते है।

बंदरों पर की गई एक रिसर्च कहती है, कि कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने पर बंदरों में बालों के झड़ने की दर बहुत अधिक बढ़ जाती हहानिकारक रसायनों का प्रयोग

  • अपने को ज्यादा स्टाइलिश और माडर्न बनाने के चक्कर मे कई बार हेयर कलर, डाई, शैम्पू, कंडीश्नर सुगंधित तेल आदि का अनियंत्रित प्रयोग किया जाता है, इनमे कई तरह के रासायन मिले होते हैं। जैसे कि ज्यादातर शैम्पू में झाग लाने के लिए सोडियम, अमोनियम लॉरिल सल्फेट मिला होता है। यह केमिकल सिर की त्वचा और बालों की जड़ों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है। इसी तरह केमिकल युक्त कलर, डाई आदि में भी आक्सीडाइजिं एजेन्ट मिलाये जाते है, जो बालों के नेचुरल आयल को नष्ट कर देते हैं।
  • इसके अलावा प्रदूषित वातावरण में रहने से या प्रदूषित पानी से नहाने से भी बाल कमजोर होने लगते हैं।

खान-पान की आदतें

  • आजकल बढ़ती व्यस्तता के कारण खान-पान में एक नई संस्कृति को बढ़ावा मिल रही है, जो कि डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, फास्ट फूड आदि के प्रचलन को तेजी से बढ़ा रहे हैं, जहां एक ओर ये खाद्य पदार्थ इस्तेमाल करने में सरल और समय की बचत करते हैं, वहीं दूसरी ओर इनका लम्बे समय तक प्रयोग करने से शरीर मे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होने लगती है, ये पोषक तत्व शरीर को स्वस्थ रखते हैं तथा बीमारियों से लड़ने की ताकत देते हैं, बुढ़ापे को दूर रखते हैं, साथ ही ये बालों को भी मजबूत और लंबे समय तक टिकाऊ बनाते हैं। ये पोषक तत्व हमे ताज़े सब्जियों, फलों और दूध से भरपूर मात्रा में मिलते विटामिन ए- बालों की प्राकृतिक नमी को बनाये रखता है और झड़ने से रोकता है, दूध, अंडे की सफेदी, पालक, गाजर से इसकी पूर्ति होती हैं।
  • विटामिन सी- सिर की त्वचा को कोमल मुलायम रखता है, आंवला, नीबू, संतरे, स्ट्रॉबेरी आदि से ये मिलता है।
  • विटामिन ई- अगर रूखे बालों में शाइन लाना है तो विटामिन ई की कमी नही होना चाहिए, ये मछली, बादाम, ब्रोकोली, सूरजमुखी के बीज, पालक से मिलता है। इनके अलावा विटामिन बी 7 तथा बी 12 भी बालों को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक हैं।
  • फॉलिक एसिड - यह हेयर फालिकिल की कोशिकाओं को मजबूती देता है, साथ ही बालों के नेचुरल रंग को भी बनाये रखता है, इसकी कमी पालक, हरी सब्जियों, दूध आदि से पूरी होती है।
  • कुछ अन्य कारणों मेंआनुवंशिक कारक, हारमोन की गड़बड भी बालों की समस्याओं के लिए जिम्मेदार होते है। अगर किसी के परिवार में ये समस्या रही है तो, उसमें भी बाल झड़ने की प्रकृति मिल सकती है, लेकिन ऐसा जरुरी नही है।
  • हारमोन की गड़बडटेस्टोस्टेरोन हारमोन सम्बन्धी बदलाव के कारण होते हैं। ज्यादातर यह पुरुषों में होता है।इसके अलावा सही देखभाल और उचित उपचार से इसे दूर किया जा सकता है।

रोकथाम

यह कुछ कारण है जो कि ज्यादातर हमारी जीवन शैली के कारण उपस्थित हो रहे हैं, जीवन जीने के तरीकों को सुधारने से इन्हें काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। यहाँ दिए गए टिप्स को अपना कर बाल झड़ने से बचा जा सकता है।

मेडिटेशन

रेगुलर मेडीटेशन करने से जीवन मे तनाव से छुटकारा पाया जा सकता है, जो कि बालों की समस्याओं का बहुत बड़ा कारण है, साथ ही योगा और रेगुलर एक्सरसाइज भी शरीर से हानिकारक तत्वों को दूर करने में सहायक होते हैं।अमेरिकन साइकोलॉज़िकल एसोसिएशनकी एक रिपोर्ट बताती है, कि आयु की बढ़ने की दर और तनाव के बीच गहरा सम्बन्ध है। इसे दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है, कि हमारे कुछ क़रीबी दोस्त हमेशा होने चाहिए जिनके साथ हम अपने विचार, सुख-दुख साझा कर सकें।

नेचर को अपनाएं

  • अपने खान-पान से लेकर सभी बातों में नेचुरल चीजों को बढ़ावा देना बालों के स्वास्थ्य को लंबे समय तक बनाये रखता है।बालों में जैतून, नारियल, तिल में से किसी भी तेल की मालिश की जा सकती है।
  • बालों को साफ करने के लिए भी सल्फेट रहित या नेचुरल शैम्पू आदि का प्रयोग ही करना चाहिए।
  • सप्ताह या महीने में एक बार बालों में आंवले, या भांगरे का रस लगाने से बाल अच्छे रहते हैं।
  • अगर कभी बालों को कलर करने का मन हो तो कोशिश करें कि मेहंदी जैसे नेचुरल कलर ही प्रयोग करें।