एडीएचडी ( ADHD) को अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर कहते हैं। अगर हिंदी में कहें तो इस बीमारी को आप 'ध्यान कम चंचलता ज्यादा' कह सकते हैं। वैसे तो ये बीमारी बच्चों में ज्यादा होती है, मगर कई बार बड़े भी इसका शिकार हो जाते हैं। एडीएचडी एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर यानी मानसिक विकार है, जिसके कारण व्यक्ति का स्वभाव बहुत ज्यादा चंचल हो जाता है। ऐसा व्यक्ति बोलता ज्यादा है, हिलता ज्यादा है, सीधा खड़े होने, बैठने में उसे परेशानी होती है और वो चीजों को बहुत जल्दी भूल जाता है। यानी कुल मिलाकर कह सकते हैं कि वो बच्चों के जैसा व्यवहार करता है। इस डिसऑर्डर के बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती है, मगर इसके शिकार आपके आसपास भी मौजूद हो सकते हैं। मेडिकल रिसर्च के अनुसार लगभग 12.9% पुरुष एडीएचडी का शिकार हैं।


एडीएचडी की दवाएं आमतौर पर उत्तेजक होती हैं, जिसके कई तरह के साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं। एडीएचडी के लिए सबसे प्रभावी दवा लिस्डेक्समफेटामाइन (lisdexamfetamine) को माना जाता है। ये ड्रग वायवैंस (Vyvanse) के ब्रांड नेम से बेचा जाता है। वायवैंस के सेवन से एडीएचडी के रोगी को फोकस करने और ध्यान लगाने में आसानी होती है। इससे उनकी पर्सनैलिटी की हड़बड़ाहट कम होती है।

वायवैंस के इन फायदों के साथ-साथ इसके कुछ दुष्प्रभाव यानी साइड इफेक्ट्स भी देखे गए हैं। खास बात ये है कि ये साइड इफेक्ट्स सेक्शुअल लाइफ से जुड़े हुए हैं। कुछ मामलों में वायवैंस सेक्शुअल लाइफ को ज्यादा उत्तेजित बना देता है, तो कुछ मामलों में ये सेक्स के प्रति व्यक्ति की दिलचस्पी को ही घटा देता है। Shire द्वारा की गई एक रिसर्च बताती है कि लिस्डेक्समफेटामाइन यानी वायवैंस लेने वाले लगभग 2% एडीएचडी के मरीजों को सेक्स संबंधी समस्याओं जैसे- इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, हाइपरसेक्शुअलिटी, कामुकता में कमी आदि का सामना करना पड़ता है।


वायवैंस और सेक्स समस्याओं का संबंध

वायवेंस एक ऐसा ड्रग है, जिसमें एम्फीटामाइन होता है। ये ड्रग एडीएचडी को ठीक करता है, मगर व्यक्ति के सेक्स के प्रति नजरिए और एक्टिवनेस को बदल देता है। इस ड्रग के साइड इफेक्ट के कारण व्यक्ति दिनभर सेक्स के बारे में सोचता रह सकता है। इसके लक्षण निम्न हैं-


  • सेक्स और कामुक चीजों के बारे में बहुत ज्यादा सोचना या सेक्शुअल गतिविधियों में बहुत मन लगना।
  • दिनभर सेक्स से जुड़ी फैंटेसीज बनाना या कल्पनाएं करना जिससे रोजमर्रा की जिंदगी बहुत ज्यादा प्रभावित होने लगे।
  • बहुत ज्यादा पॉर्न देखना या हस्तमैथुन करना।


वायवैंस और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन कैसे जुड़े हुए हैं?

वायवैंस का एक दूसरा साइड इफेक्ट यह है कि इसके कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (स्तंभन दोष) की समस्या हो सकती है। हालांकि इसके मामले कम पाए जाते हैं, मगर कुछ पुरुषों को ये समस्या होती है, जिससे उनकी सेक्स लाइफ प्रभावित होती है। इस दवा के सेवन से लिंग तक खून पहुंचाने वाली रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती हैं, जिससे सेक्स के दौरान लिंग में पर्याप्त खड़ापन नहीं आ पाता है। यहां ध्यान देने की बात ये है कि लिस्डेक्समफेटामाइन के कारण कुछ मामलों में तो व्यक्ति की सेक्स के प्रति दिलचस्पी बढ़ा देता है, मगर कुछ मामलों में घटा भी देता है, जिससे लिंग में उत्तेजना नहीं आ पाती है। मगर घबराने की बात नहीं है। अगर आप इनमें से किसी भी समस्या से जूझ रहे हैं, तो आप अपने डॉक्टर से कहकर अपनी दवा बदल सकते हैं।


एडीएचडी की पॉपुलर दवा वायवैंस (Vyvanse) सेक्स लाइफ को कैसे प्रभावित करती है?