अंग्रेज़ी साहित्य के सबसे महान कवियों में गिने जाने वाले पाब्लो नेरुदा ने अपने एक प्रसिद्ध काव्य में कहा कि अगर तुम्हारे अंदर भी जलती एक आग होती, तो वो चंद्रमा तुम्हारी त्वचा में चमकता। अग्नि सा तेज और चंद्रमा सी निर्मलता ही एक पित्तज प्रकृति के व्यक्ति की पहचान है।

पित्त दोहा में अग्नि एवं जल महाभूत की प्रधानता मानी गई है। अतः पित्तज प्रकृति के पुरुष आनंद से सम्पन्न होते हैं। वे बुद्धिमान, आत्मविश्वास से भरपूर, जुनून से भरपूर, स्पष्टवादी एवं विवेकशील होते हैं। उदाहरण के तौर पर शेरोन स्टोन, ब्रिटनी स्पीयर्स, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, बिल क्लिंटन, टॉम क्रूज एवं ब्रेड पिट पित्तज प्रकृति के स्वामी हैं।


पित्त प्रकृति के व्यक्ति स्वभाव में सिंह एवं बैल की तरह होते हैं, अर्थात भयहीन एवं अपने लक्ष्य के लिए मेहनत करने वाले। ऐसे पुरुष योद्धाओं की तरह बहादुर होते हैं एवं संभोग के प्रति इनका जुनून प्रशंसनीय होता है। ये सुवक्ता होते हैं एवं इन्हें महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए ज़्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। महिलाएं इनकी तेज़ बुद्धि एवं हँसमुख स्वभाव से आकर्षित हो जाती हैं। यदि ये किसी के साथ प्रेम संबंध में हैं तो इनका जुनून देखने लायक होता है। इनमें उपस्थित अग्नि आकार लेने लगती है एवं इनका तेज ही इनके आकर्षण का मुख्य केंद्र होता हैआत्मविश्वास से भरपूर होने के कारण, संभोग के समय ये अपने साथी पर हावी हो सकते हैं। जुनून की अधिकता के कारण इनमें नज़ाकत ज़रा कम ही देखने को मिलती है।

इनमें धैर्य की कमी होती है जिसके चलते इन्हें के बार संभोग के समय निराशा प्राप्त हो सकती है, जिससे उबरने के लिए ये अपनी नज़ाकत खो बैठते हैंपित्तज प्रकृति के पुरुष कई बार संभोग के समय अपनी साथी महिला को कष्ट पहुंचा सकते हैं।हालांकि ऐसा माना जाता है कि महिलाओं को अक्सर ऐसे पुरुष पसंद आते हैं जो आत्मविश्वास के साथ संभोग के दौरान अपना प्राबल्य रखते हैं। किंतु पित्तज प्रकृति के पुरुषों के विषय में यदि बात की जाए, तो यह प्राबल्य अपनी सीमा पार कर देता है एवं ये पुरुष अपने साथी पर हावी होने लगते हैं। ऐसे में साथी महिला अपने ऊपर एक दबाव महसूस करती हैं जो हर समय उन्हें पसंद आए, ऐसा ज़रूरी नहीं है।

पित्तज प्रकृति के व्यक्ति को हर बात अपने अनुसार चाहिए होती है, किन्तु जब बात प्रेम संबंधों की हो तो यह अति आवश्यक है कि वे अपने प्रभुत्व को छोड़ कर अपने साथी के विचारों को भी महत्व दें एवं उन्हें प्राथमिकता दें। यदि आप पित्तज प्रकृति के व्यक्ति हैं और आपके संबंधों में भी इस प्रकार का तनाव बना हुआ है तो अपने साथी के साथ बात चीत करके इसका हल निकालने की कोशिश करें।

वात एवं कफ प्रकृति के पुरुषों में यौनेच्छा बढ़ती घटती रहती है, किन्तु पित्त प्रकृति के पुरुषों में यौनेच्छा सदैव चरम पर होती है। यह उनके साथी के लिए सुख का कारण हो सकती है किंतु ध्यान रहे कि अति संभोग से निःसन्तानता हो सकती है। प्रसन्नवस्था में पित्तज प्रकृति के व्यक्ति अपने साथी को तृप्त करने की हर संभव कोशिश करते हैं।