पुरुषों और महिलाओं, दोनों के लिए ही एस्ट्रोजन एक महत्वपूर्ण हॉर्मोन है. एस्ट्रोजन लेवल का ज्यादा होना कई तरह की मेडिकल कंडीशन का कारण बन सकता है, और इसके लक्षण देख कर आप इसके बढ़ने का पता लगा सकते हैं. इस आर्टिकल में सबसे पहले हम जानेंगें कि एस्ट्रोजन है क्या. उसके बाद हम जानेगें कि इसका लेवल कैसे बढ़ता है, और उससे क्या परेशानियाँ हो सकती हैं. साथ ही हम देखेंगें कि डॉक्टर कैसे इसकी जांच करता है और इसका लेवल बढ़ने पर इसे कैसे ठीक किया जा सकता है.


एस्ट्रोजन क्या है?

एस्ट्रोजन फीमेल सेक्स हॉर्मोन है, पर ये सभी में पाया जाता है. महिलाओं में जहां एस्ट्रोजन ज्यादा होता है वहीं पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन ज्यादा होता है जो सेक्स हॉर्मोन है. महिलाओं में एस्ट्रोजन मासिक धर्म और रिप्रोडक्टिव सिस्टम के लिए होता है. पुरुषों में ये सेक्सुअल फंक्शन के लिए ज़रूरी है. पुरुषों और महिलाओं में एस्ट्रोजन का लेवल ज़रूरत से ज्यादा बढ़ सकता है, जो उनके हेल्थ और सेक्सुअल फंक्शन पर असर डाल सकता है.


हाई एस्ट्रोजन के लक्षण

एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ने पर पुरुष और महिलाओं में अलग-अलग तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं और ये दोनों को अलग तरह से प्रभावित करता है. महिलाएं एस्ट्रोजन के ज्यादा होने से वजन बढ़ना शुरू हो जाता है, जो कि ज्यादातर हिप्स और कमर के आस पास जमा होता है. साथ ही ये मासिक धर्म से जुड़ी समस्या भी खड़ी कर देता है, जैसे:

•अनियमित पीरियड्स

•लाइट स्पॉटिंग

•ज्यादा ब्लीडिंग

मासिक धर्म से पहले तकलीफ, पीऍमएस

महिलाओं में एस्ट्रोजन की मात्रा ज्यादा होने पर निम्न लक्षण देखने को मिलते हैं:

•सूजन

•हाथ और पैर ठंडे होना

•सोने में कठिनाई

•थकान

•बाल झड़ना

•सिर दर्द

•कम सेक्स ड्राइव

•मूड में बदलाव, डिप्रेशन या चिंता

• चीजें याद करने में मुश्किल

•सूजे हुए या कोमल स्तन

•स्तन में गांठ

•गर्भाशय फाइब्रॉएड, जो कैंसर के कारण नहीं है और ये गर्भाशय में या उसके आसपास विकसित होते हैं

पुरुष

पुरुषों में हाई एस्ट्रोजन के लक्षण कुछ इस तरह होते हैं:

•इरेक्टाइल डिसफंक्शन

•बढ़े हुए स्तन, या गाइनेकोमास्टिया

•इननफर्टिलिटी