ADHD (अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर)  एक तरह का डिसऑर्डर है, जिसकी शुरुआत बचपन से होती है और कभी कभी एडल्ट ऐज में भी बनी रहती है। इसमें सम्बन्धित व्यक्ति अति सक्रिय होता है, और किसी एक चीज पर अपने को एकाग्र करने में कठिनाई महसूस करता है। फीमेल की अपेक्षा मेल में यह ज्यादा पाया जाता है।

आमतौर पर जब इस डिसऑर्डर के बारे में बात की जाती है, तो केवल एकाग्रता की कमी और अतार्किक बात करते रहने जैसी आदतों पर ध्यान दिया जाता है। लेकिन व्यक्ति की जीवन के महत्वपूर्ण पार्ट, उसकी सेक्सुअल और रोमांटिक लाइफ पर इसके प्रभाव पर कोई बात नहीं करता है।


पेनिसिल्वनिया के फेमस साइकोलोजिस्ट एरी टुकमैन ने इस धारणा को बदलने के लिए, 72 प्रश्नों का एक सर्वे को किया। इस सर्वे में उन्होंने ADHD से ग्रस्त ऐसे लोगों को शामिल किया जिनके पार्टनर नॉर्मल थे।

सर्वे में 3000 से ज्यादा लोगो ने भाग लिया और इसके रिजल्ट को उन्होंने अपनी पुस्तक 'ADHD आफ्टर डार्क: बेटर सेक्स लाइफ, बेटर रिलेशनशिप' में पब्लिश किया। इस सर्वे में सामने आया कि ADHD से ग्रस्त व्यक्ति दूसरों की अपेक्षा सेक्स को लेकर अत्यधिक उत्सुक और तैयार रहते हैं। कुछ और बातें जो सर्वे में सामने आईं।

  • दूसरों की अपेक्षा पोर्न देखना ज्यादा पसंद होता है।
  • मास्टरबेट भी ज्यादा करते हैं।
  • सेक्स डिज़ायर अधिक होती है।
  • ज्यादा पार्टनर्स के साथ रिलेशनशिप रखना पसंद करते हैं।
  • अनेक तरह की सेक्सुअल एक्टिविटी पसन्द करते हैं।

मनोवैज्ञानिक टुकमैन का कहना है कि इस तरह के कपल्स में से ADHD प्रभावित व्यक्ति स्वयं या उनके पार्टनर, इस डिसऑर्डर को जितने अच्छे से मैनेज कर लेते हैं, उन दोनों की सेक्स लाइफ उतनी ही स्मूथ और खुशियों से भरी रहती है।

एक आंकड़े के अनुसार जो कपल्स मैनेजमेंट के लिए एफर्ट नहीं करते हैं, उनकी अपेक्षा एफर्ट करने वाले कपल्स लगभग 67 परसेंट ज्यादा सेक्स करते हैं। यानी कि मैनेज करने का प्रयास करने वाले कपल्स साल में औसतन 92 बार, और प्रयास न करने वाले औसतन 55 बार सेक्स करते हैं।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ के अनुसार ADHD का वैसे तो कोई ठोस इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित करने के कई तरीके उपलब्ध हैं, मेडिटेशन, थेरेपी, और कई तरह की ट्रेनिंग की सहायता से इसकी तीव्रता को कम कर सकते हैं।

इन्हें अपनाने से कपल्स को उनकी सेक्स लाइफ में फायदे मिलते हैं, और इस कारण से इस डिसऑर्डर के मैनेजमेंट को एक कामोत्तेजक के तौर पर भी लिया का सकता है।

टुकमैन का मानना है, की ज्यादा सेक्स डिज़ायर का होना कुछ मामलों में फायदेमंद साबित होता है। उदाहरण के लिए लम्बे समय तक चलने वाले रिलेशनशिप में जोश धीमा पड़ने लगता है, ऐसे में अगर एक पार्टनर सेक्स को अधिक प्राथमिकता देता है, तो ये बात उन दोनों के रिलेशनशिप की मजबूती के लिए पॉजिटिव सिद्ध होती है|  एक कमजोर पुरुष के साथ कोई भी महिला बेड पर जाना पसंद नहीं करती, इसीलिए अगर आप इस डिसऑर्डर को फेस कर रहे हैं, तो आप इसकी मैनेजमेंट टेक्नीक को सीखकर अपनी सेक्स लाइफ को मेंटेन कर सकते हैं।

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