आज आपको एक्सरसाइज से होने वाले ढ़ेर सारे फायदों के चक्कर मे ना उलझाते हुए, केवल आपकी सेक्स लाइफ पर एक्सरसाइज के महत्व की बात करेंगे। एक्सरसाइज का आपकी स्पर्म हैल्थ, खास तौर से स्पर्म काउंट पर सकारात्मक प्रभाव होता है। स्पर्म काउंट, किसी व्यक्ति विशेष के स्पर्म सेम्पल में पाए गए स्पर्म्स की औसत संख्या कहलाती है। इसी लिए यह एक मुख्य कारक है, जो बताता है कि आपकी स्पर्म काउंट कितनी अच्छी है?
इस सम्बंध में एक्सरसाइज के फायदों को जानने के लिए एक रिसर्च की गयी, जिसमे कि वैज्ञानिकों ने ऐसे पुरुषों का चयन किया जो स्पर्म डोनर थे। इन सभी की सीमेन की गुणवत्ता और स्पर्म (शुक्राणु) हैल्थ के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई और ऑक्सफोर्ड एकेडेमिक्स ह्यूमेन रिप्रोडक्शन में पब्लिश की गयी।
इस रिपोर्ट के अनुसार इन सभी पुरुषों में अच्छा स्पर्म घनत्व पाया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (who) की नयी गाइड लाइन के अनुसार, लगभग 15 मिलियन प्रति मिलीलीटर स्पर्म, और कम से कम 39 मिलियन प्रति इजेक्युलेट का होना, स्वस्थ स्पर्म काउंट कहलाता है। अगर यह गिनती 15 मिलियन से कम हो जाती है तो यह स्वस्थ नही कहा जायेगा।
अनेक वर्षों की रिसर्च से यह सामने आया है कि, अपर्याप्त एक्सरसाइज और बहुत कम शारीरिक गतिविधि करने से स्पर्म क्वालिटी कम हो जाती है। साथ ही इन्ही वजहों से मोटापा होता है, जो पेनिस की ब्लड वेसल्स में रुकावट पैदा करता है, और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन भी होने लगता है।
शुक्राणु घनत्व का अर्थ केवल इसकी गिनती अकेले का अधिक होना नहीं है, बल्कि इसका मतलब ओवरऑल स्पर्म क्वालिटी से है, साथ ही
- स्पर्म साइज
- स्पर्म शेप
- स्पर्म मोटालिटी
- स्पर्म काउंट
भी इसमे आते हैं।
इस स्टडी से यह भी पता चलता है कि जिन पुरुषों में सबसे अधिक स्पर्म कंसंट्रेशन पाया गया, वे सभी रेगलर वर्कआउट और खास एक्सरसाइज पूरे सप्ताह करते थे।
चीन के वुहान में स्थित हुआज़होंग यूनिवर्सिटी के टोंगजी मेडिकल कॉलेज के डॉ यी-जिन वांग जो कि स्टडी के को ऑथर भी थे, उन्होंने बताया कि रेगुलर एक्सरसाइज करने से सीमेन क्वालिटी इम्प्रूव होती है। इसकी मदद से इनफर्टिलिटी की समस्या का सामना कर रहे पुरुषों को भी स्वस्थ होने में सहायता होती है। NCBI के अनुसार दूसरी अनेक स्टडी से भी यह बात साबित होती है, कि लगातार ट्रेनिंग और एक्सरसाइज से सीमेन पैरामीटर्स में बड़ी मात्रा में परिवर्तन आता है।
यद्यपि एक्सरसाइज ओवरऑल हैल्थ की दृष्टि से भी लाभदायक है, फिर भी सभी को ध्यान रखना चाहिए, स्पर्म हैल्थ को बनाये रखने के लिए भी यह बहुत आवश्यक है। हर किसी को एक जैसी एक्सरसाइज करना जरूरी नहीं है, उदाहरण के लिए किसी के लिए योगा और किसी के लिए वेट लिफ्टिंग हेल्पफुल हो सकते हैं। इसमे आप जब भी एक्सरसाइज स्टार्ट करें तो आपको इसकी तीव्रता धीरे धीरे बढ़ानी चाहिए। ऐसा न करने पर आपको विपरीत प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है। जैसे कि अगर कोई मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति बहुत अधिक कार्डियो करें तो उन्हें ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस होने के चांस होते हैं, और इसके हाई लेवल के वजह से स्पर्म क्वालिटी और नीचे गिर सकती है। एक अन्य स्टडी में रिसर्चर्स ने 261 पुरुषों पर अध्ययन किया। ये सभी पहले बहुत ही आरामदायक जीवनशैली जी रहे थे। फिर इन्हें ट्रेडमिल एक्सरसाइज करवायी गयी। कुछ हफ्तों के समयांतराल के बाद उन सभी के स्पर्म क्वालिटी में काफी सुधार हुआ।
सारांश के तौर पर कहा जा सकता है कि अपनी स्पर्म हैल्थ को बढ़िया रखने के लिए, आपको सक्रिय जीवनशैली को अपनाना चाहिए, और इसके साथ स्वास्थवर्धक चीजों को आपने खाने में शामिल करना चाहिए।
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