शिलाजीत का नाम आपने जरूर सुना होगा। ये एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो आमतौर पर सेक्शुअल फायदों के लिए ज्यादा पॉपुलर है। मगर शिलाजीत के बहुत सारे और भी फायदे हैं, जिसके कारण आयुर्वेद में इसका बड़ा महत्व है। शिलाजीत को बनने में हजारों सालों का समय लगता है, इसलिए शुद्ध शिलाजीत हर जगह आसानी से उपलब्ध नहीं होती है। शिलाजीत का नाम शिला+जीत इसलिए पड़ा क्योंकि ये हजारों सालों तक गुफाओं में मौजूद पौधों और धातुओं के धीरे-धीरे विघटन से बनता है। आइए आज आपको बताते हैं शिलाजीत के फायदे और नुकसान के बारे में।
टेस्टोस्टेरॉन बढ़ाए
टेस्टोस्टेरॉन को पुरुषों के पुरुषत्व का सबसे महत्वपूर्ण हार्मोन कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। मगर कई बार कुछ कारणों से व्यक्ति के शरीर में इसका स्तर कम होने लगता है। शिलाजीत के सेवन से टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन बढ़ता है। ये हार्मोन पुरुषों में लिंग के खड़ेपन, कामुकता मसल मास को बढ़ाने के लिए जाना जाता है।
एजिंग को रोकता है
शिलाजीत में मौजूद फल्विक एसिड एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से आपके शरीर की रक्षा करता है और सेल्स को डैमेज होने से बचाता है। इससे आपका शरीर, खासकर चेहरे की त्वचा अपेक्षाकृत धीरे बूढ़ी होती है, जिससे आप लंबे समय तक युवा बने रहते हैं।
इंफर्टिलिटी
कई बार पुरुषों का स्पर्म काउंट कम होने या स्पर्म क्वालिटी खराब होने के कारण वे पिता बनने के सुख से वंचित रह जाते हैं। शिलाजीत के सेवन से न सिर्फ स्पर्म काउंट और क्वालिटी बढ़ती है, बल्कि स्पर्म की गति में भी सुधार आता है।
क्रॉनिक फैटीग सिंड्रोम
शिलाजीत के सेवन से क्रॉनिक फैटीग सिंड्रोम की समस्या में भी आराम मिलता है। ये एक लंबी चलने वाली बीमारी है, जिसके कारण कई बार व्यक्ति का माइटोकॉन्ड्रिया खराब हो जाता है। ऐसा होने पर व्यक्ति के शरीर में मौजूद सेल्स एनर्जी बनाना बंद कर देते हैं, जिसके कारण व्यक्ति को हर समय थकान और आलस बनी रहती है। शिलाजीत के नियमित सेवन से व्यक्ति के माइटोकॉन्ड्रिया ठीक काम करने लगते हैं।
हाई अल्टीट्यूड सिकनेस
बहुत उंचाई पर जाने पर कई बार तेज ठंड और तेज हवा के कारण वायु का दबाव कम हो जाता है, जिसकी वजह से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं जैसे- हिपॉक्सिया, पल्मोनरी ओडीमा, सांस लेने में परेशानी, शरीर में दर्द, डिमेंशिया, आलस आदि की समस्या होने लगती है। शिलाजीत में फल्विक एसिड सहित 80 से ज्यादा मिनरल्स होते हैं। इसके सेवन से उंचाई पर होने वाली इन समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।
एनीमिया
एनीमिया का अर्थ है शरीर में आयरन की कमी। ये रोग आमतौर पर महिलाओं को ज्यादा होता है, मगर पुरुषों को भी ये हो सकता है। एनीमिया का कारण डाइट में आयरन कम लेना या शरीर से बहुत अधिक खून का निकल जाना हो सकता है। एनीमिया के कारण व्यक्ति को लगातार सिरदर्द होता है, त्वचा पर पीलापन आ जाता है, हार्ट बीट बढ़ जाती है, हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं और एनर्जी कम हो जाती है। कई रिसर्च बताती हैं कि शिलाजीत के सेवन से एनीमिया रोग में फायदा होता है।
हृदय रोगों से बचाव
शिलाजीत का सही तरीके से सेवन करके दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है। हालांकि एक्यूट हार्ट डिजीज के मरीजों को इसे नहीं लेना चाहिए।
अल्जाइमर
अल्जाइमर एक तरह का मानसिक रोग है, जिसके कारण व्यक्ति की याददाश्त प्रभावित होती है और उसके व्यवहार में और सोचने के तरीके में परिवर्तन आने लगता है। अल्जाइमर को ठीक करने में भी शिलाजीत को कारगर पाया गया है।
हमारे नर्वस सिस्टम में एक महत्वपूर्ण प्रोटीन पाया जाता है, जिसे टाउ प्रोटीन (Tau Protein) कहते हैं। कई बार ये प्रोटीन मस्तिष्क कोशिकाओं में जमा हो जाता है। शिलाजीत में मौजूद फल्विक एसिड इस प्रोटीन को कोशिकाओं से साफ करने मे मदद करता है। इसके अलावा फल्विक एसिड इंफ्लेमेशन को भी कम करता है इसलिए अल्जामर रोगियों के लिए शिलाजीत बहुत फायदेमंद है।
शिलाजीत के सेवन के नुकसान
चूंकि शिलाजीत प्रकृति में हजारों सालों में अपने आप बनता है, इसलिए इसमें बहुत सारे फ्री रेडिकल्स, फंगस, बैक्टीरिया, धातुएं आदि मिल जाती हैं। ऐसे में अगर आप नैचुरल शिलाजीत का सेवन कर लेंगे, तो आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इसके इस्तेमाल कि लिए इसे पहले साफ किया जाता है, फिर रिफाइन किया जाता है, तब ये सेवन करने के लायक होती है। कभी भी शिलाजीत खरीदें, तो यह जरूर चेक कर लें कि इसकी प्रॉसेसिंग करके इसे खाने योग्य बनाया गया है या नहीं।
चूंकि शिलाजीत हर्बल प्रोडक्ट है, इसलिए इसकी क्वालिटी और शुद्धता का कोई तय मानक नहीं है, इसलिए बाजार में बहुत सारे फर्जी शिलाजीत पाउडर या कैप्सूल्स भी मौजूद हैं। अगर आपको हीमोक्रोमाटोसिस (खून में आयरन की अधिकता) , सिकल सेल एनीमिया या थैलेसीमिया जैसी बीमारियां हैं, तो इसका सेवन आपके लिए खतरनाक हो सकता है। कुछ लोगों में शिलाजीत के इस्तेमाल के कारण एलर्जी के लक्षण भी दिख सकते हैं, जैसे- शरीर में दाने, खुजली, तेज हार्ट बीट, चक्कर आना आदि। इसलिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की मदद से ही शिलाजीत का सेवन करना चाहिए।
बाजार में शिलाजीत सप्लीमेंट्स लिक्विड और पाउडर दोनों रूपों में मिलता है। इसका सेवन कैसे और कितना करना है, इसके लिए प्रोडक्ट के साथ लिखे निर्देशों का पालन करें या आयुर्वेदिक चिकित्सक से मिलकर इसकी जानकारी लें।
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