सहवास को दोनों पक्षों (स्त्री एवं पुरुष) के लिए आनंदमयी बनाने के कई घटक हैं। इनमें से एक अति महत्वपूर्ण घटक है यौनेच्छा, अर्थात 'सेक्स ड्राइव' । यह न सिर्फ आपके अनुभव को यादगार बनाता है, बल्कि यह आपके सहवास के समय को भी बढ़ा सकता है। यह है इक्कीसवीं सदी, जहां संसार केमिकल युक्त पदार्थों से मुँह मोड़ कर घरेलू औषधियों और नुस्खों की ओर वापसी कर रहा है। इनमें से कई औषधियों का उल्लेख हमारे पुरातन वेद, आयुर्वेद में भी है।

1. कहा जाता रहा है कि सेब को शहद के साथ ग्रहण करना पुरुषों में यौनेच्छा को बढ़ाता है।

2. बादाम खाने से पुरुषों की यौनेच्छा में सुधार देखा गया है। रात को मुट्ठी भर बादाम भिगोकर रख दें, एवं प्रातःकाल इसका सेवन करें।

3. शतावरी, विदारी जैसी कई आयुर्वेदीक औषधियों के दूध के साथ सेवन से कई पुरुषों की यौन समस्याएं दूर हुई हैं।

4. खजूर के फलों के सेवन से भी यौनेच्छा जैसी समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है।

5. प्याज़ एवं लहसुन की कलियों को भोजन के साथ ग्रहण करने से कई पुरुषों को लाभ हुआ है।

6. सफेद मूसली के उपयोग का आयुर्वेद में मुख्य रूप से उल्लेख है।

7. सहजन के फूलों को दूध के साथ उबालें और इसका सेवन करें। इससे न केवल यौनेच्छा में वृद्धि होती है, बल्कि यह निःसंतान्त के उपचार में भी उपयोगी है।


यौनेच्छा के घटने के कई कारण होते हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारणों का निम्न रूप से उल्लेख है। बेचैनी, सेक्स संबंधी कोई अन्य रोग, ग्लानि, अवसाद, डाइबिटीज़, धूम्रपान|  कई वैज्ञानिकों का मानना है कि विटामिन डी एवं ओमेगा थ्री के सेवन के द्वारा यौनेच्छा को बढ़ाया जा सकता है। अपनी दिनचर्या में कुछ अच्छी आदतों को सम्मिलित करने से भी यौनेच्छा में वृद्धि देखी गई है।


1. अच्छी नींद का सेवन करें। एक दिन में न्यूनतम आठ घंटों की नींद लें।

2. अपने मस्तिष्क को स्वस्थ एवं मन को खुश रखें। दिन में कुछ समय ऐसे कार्यों में व्यतीत करें, जनसे आपको शांति एवं आनंद की प्राप्ति होती हो।

3. अच्छे से पका हुआ एवं पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें।

4. व्यायाम से कभी परहेज़ न करें। प्रतिदिन व्यायाम करने से शरीर हष्ट पुष्ट रहेगा एवं उसमें ऊर्जा बनी रहेगी। व्यायाम से शरीर में टेस्टोस्टेरोन (हॉर्मोन) का स्त्रावण भी अधिक मात्रा में होता है।

5. यदि वैवाहिक जीवन में क्लेश है, तो बात करके मुद्दे सुलझाने की कोशिश करें 6. यदि धूम्रपान करते हैं, तो तुरन्त इसे छोड़ने की कोशिश में लग जाएं। यह न सिर्फ आपके शरीर को बलहीन बनाएगा, बल्कि यह शुक्राणुयों कि संख्या पर भी गहरा असर करता है, जिससे निःसंतानता पनप सकती है।