जब हम किसी नए प्रेम संबंध में प्रवेश करते हैं, तो हमे हितैषी एवं मित्रों से कुछ चेतावनियाँ मिलती हैं। उनमें से एक चेतावनी यह भ होती है कि हम कभी भी अपनी निजी तस्वीरों को किसी के भी साथ साझा न करें, फिर चाहे वो हमारे साथी की बात ही क्यों न हो।


आपको जानकर आश्चर्य होगा कि हाल ही में एक शोध के मुताबिक यह पाया गया कि सेक्सटिंग अर्थात संदेशों के आदान प्रदान से संभोग की भावना को व्यक्त करना आपके प्रेम संबंध के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकता है।


ड्रेक्सेल यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर एमिली स्टेसको एवं पामेला गेलर का मानना है कि सेक्सटिंग करना आज की पीढ़ी की युवाओं में बेहद प्रचलित है। यह संबंधों में रुचि ला सकता है एवं उन्हें नई ऊर्जा प्रदान कर सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी माना की सेक्सटिंग के परिणामों में अस्पष्टता भी है। जितने ये फायदेमंद हैं, इनमे उतना ही खतरा भी है। जब तक आप अपने साथी पर पूर्णतः विश्वास न कर पाएं, टैब तक यह कदम न उठाएं। आपकी निजी तस्वीरों एवं जानकारी का कोई दुरुपयोग भी कर सकता है।

स्टेसको का कहना था कि कई विशेषज्ञ सेक्सटिंग को हानिकारक मानते हैं किंतु यदि इसमें सच मुच कोई खराबी या हानि होती तो यह हमारे युवाओं के बीच इतना प्रचलित न होता। एक सर्वेक्षण में यह पाया गया कि हर दस में से आठ लोगों ने बीते कुछ सालों में सेक्सटिंग की है। इस सर्वेक्षण के तहत यूनाइटेड स्टेट्स के कुल 870 व्यक्तियों से चर्चा की गई जिनकी उम्र अट्ठारह से अस्सी वर्ष के बीच थी। चर्चा का यह निष्कर्ष निकला कि सेक्सटिंग से प्रेमी युगल अपनी यौनेच्छा को तृप्त करते हैं एवं इससे उनके प्रेम जीवन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।सर्वेक्षण के अनुसार सेक्सटिंग करने वालों में से  पिचहत्तर प्रतिशत लोग वचन बद्ध प्रेम संबंध में थे, तैंतालीस प्रतिशत एक अस्थायी संबंध में थे एवं छब्बीस प्रतिशत लोग सिंगल अर्थात किसी प्रेम संबंध में नहीं थे। सिंगल सेक्सटिंग उपयोगकर्ताओं के मुकाबले वचनबद्ध संबंध में जो उपयोगकर्ता सेक्सटिंग कर रहे थे उन्हें ज़्यादा यौन तृप्ति का अनुभव हुआ।


स्टेसको का मानना है कि सेक्सटिंग की मदद से प्रेमियों के बीच अनुवाद को बढ़ाया जा सकता है जिससे उनके रिश्तों में  मजबूती आएगी। इसकी मदद से उनके बीच की अंतरंगता को बढ़ाया जा सकता है एवं यह उनके लिए यौन तृप्ति प्राप्त करने का एक नया तरीका हो सकता है। हालांकि सेक्सटिंग के कुछ दुष्प्रभाव भी देखे गए हैं, जैसे कि असुरक्षित संभोग में शामिल हो जाना। इस विषय में स्टेसको ने माना कि लोगो का नज़रिया संभोग एवं सेक्सटिंग को लेकर काफी नकारात्मक है। इसे ज़्यादातर हीन दृष्टि से देखा जाता है एवं कम ही लोग इसके सकारात्मक परिणामों के विषय में जानते हसेक्सटिंग के कई सकारात्मक प्रभाव हैं किंतु इस दिशा में कदम रखने के पूर्व अपने संबंध का आंकलन स्वयं करें एवं किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें। संबंधों में विश्वास बनने की प्रक्रिया को समय दें। अपने साथि पर दृण विश्वास बनने के बाद यदि इस दिशा में कदम रखा जाए तो संबंध के लिए बेहतर होगा।