क्या है तनाव

किसी भी विषय पर सोच विचार करना मनुष्य का स्वाभाविक गुण है, इसे चिंतन करना भी कहते हैं। लेकिन जब यही सोच विचार की अवस्था लगातार और नकारात्मक दिशा में होने लगाती है, तो धीरे धीरे यह चिंतन, चिंता में बदल जाता है, और मानसिक तनाव का रूप धारण कर लेता है। सब गड़बड़ हो जायेगा, कुछ समझ में न आना , अब क्या होगा , अब क्या करूँ, ये ऐसी बातें हैं जिन्हे हम सभी अपने जीवन में कभी न कभी महसूस करते ही हैं। एंग्जायटी(चिंता) में व्यक्ति को बेचैनी या डर की वजह से अपने रोज़मर्रा के काम करने में कठिनाई होती है। इसको नजर अंदाज़ नही करना चाहिए ऐसा करने पर यह डिप्रेशन और एंग्जायटी अटैक का रूप भी ले सकती है।एंग्जायटी किसी को भी किसी भी चीज से हो सकती है, जैसे कि स्टूडेंट्स को एग्जाम टेंसन होती है, कुछ लोगों को पब्लिक में बोलने की एंग्जायटी होती है। मुश्किल हालत में ऐसा होना सामान्य है, लेकिन अगर किसी को आदत ही पड़ जाए तो यह गंभीर समस्या का रूप ले सकती है। आजकल मानसिक तनाव से ग्रस्त लोगों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है महानगरीय जीवन शैली, कार्य स्थल पर काम का दबाव, समय से भोजन और नींद का न लेना इन सभी के कारण लोगों में एंग्जायटी बढ़ रही आसान उपाय

अगर आपको पिछले कुछ ही समय से मानसिक तनाव है, या आप किसी परिस्थितिजन्य तनाव से घिरे हैं जैसे की किसी आगामी कार्यक्रम, एग्जाम, जॉब इंटरब्यु आदि तो यहाँ दिए गए कुछ सरल उपायों को अपना कर  आप तनाव से मुक्ति पा सकते हैं।


अपनी सोच को बदलिए

हर स्थिति की दो संभावनाएँ होती है, एक सकारात्मक दूसरी नकारात्मक निगेटिव सोच हमारे दिमाग की क्षमताओं को काफी कम कर देती  हैं, हमे हर परिस्थिति में सकारात्मक या पॉजिटिव सोचना चाहिए पॉजिटिव सोच हमारे दिमाग को तरोताजा रखती है। किसी भी बात से घबराने या डरने के  बजाय हमे उसका सामना करने की आदत डालनी चाहिए।


गहरी साँस का जादू

जब कभी भी आप अपने को एंग्जायटी  से घिरा पाएँ साँस से संबंधित एक छोटा सा प्रयोग करें इसे कहीं भी और कभी भी कर सकते हैं। इसमें आपको साँस अंदर लेते समय एक से चार तक मन ही मन गिनती करनी है ठीक इसी तरह साँस बहार छोड़ते समय भी इसी तरह एक से चार तक गिनती करनी है। यह अभ्यास केवल पांच मिनट तक ही करना है। इसके परिणामों को देखकर आप आश्चर्यचकित हुए बिना नहीं रह पाएंगे। यह दिल की बढ़ी हुयी धड़कन को सामान्य करता है, साथ ही साथ दिमाग में आने वाले नकारात्मक विचार भी काफी काम हो जाएंगे। अपने विचारों को लिखें

जब कभी भी आपको लगे कि दिमाग मे अनियंत्रित और फ़ालतू के नकारात्मक विचार ज्यादा आ रहे हैं, तो बस एक कागज़ और पैन उठाइये और अपने दिमाग मे आ रहे विचारों को लिख दीजिये। आप पाएंगे कि ऐसा करने से दिमाग के विचार नियंत्रित हो गए है।


कुछ कदम टहलें

अगर किसी परिस्थिति के वजह से अनचाहा मानसिक तनाव हो रहा है, तो कुछ कदम टहलना या छोटी सी पैदल यात्रा आपको तत्काल राहत देगी।


एरोमाथेरेपी

सुगंध का संसार निराला है, गुलाब, चंदन, चमेली, आदि की भीनी भीनी खुशबू दिलो दिमाग को स्वस्थ बनाए रखती है, नए और सकारात्मक विचार आते हैं।

अपने आस पास, कार्य स्थल पर अपनी पसंद के हिसाब से इनका प्रयोग करने से न केवल आप बल्कि आपके सहयोगी भी मानसिक तनाव से दूर रहेंगे।


गहरे हो चुके तनाव से कैसे बचें

अगर आपको एंग्जायटी की समस्या लम्बे समय से है, यह जीवन मे एक हिस्से के रूप में जुड़ गई है और मानसिक तनाव ने आपके जीवन को एक बोझ बना कर रख दिया है, तो यहां दिए गए पांच प्रभावशाली तरीकों को अपना कर आप अपने जीवन को फिर से खुशहाल बना सकते हैं।

तनाव देने वाले कारणों को पहचाने

सामान्यतः जीवन मे कुछ ऐसे कारण होते है जो हमारे तनाव को बढ़ावा देते हैं, अथवा उन्हें बनाये रखते हैं। जैसे लंबे समय से चली आ रही आर्थिक समस्याएं, सम्बन्धों में आपसी तालमेल का न होना, कार्य स्थल पर काम का अधिक दबाव ऐसे कारणों की पहचान करना आवश्यक है। इनकी पहचान करके इनसे दूरी बनाने या फिर इन्हें मैनेज करने की कोशिश करने चाहिए। इस काम को आप स्वयं, अपने किसी मित्र की सहायता से या फिर थेरेपिस्ट की सहायता से कर सकते हैं।


मेडिटेशन करें

मेडिटेशन को अपने दैनिक जीवन का अंग बना लेना चाहिए। प्रतिदिन ध्यान करने से हमारा दिमाग स्वस्थ रहता है, हमारे अंदर किसी भी समस्या का समाधान नए तरीके से निकलने की क्षमता विकसित होती है। साथ ही हमारा दिमाग तनाव बढ़ाने वाली बातों से अप्रभावित रहने लगता है।

वर्तमान में रहें

इसे लिव एट प्रेजेंट भी कहते हैं, ज्यादातर समय हम कर कुछ और रहे होते हैं, और सोच किसी और बात के बारे में रहे होते हैं। हम जो भी कर रहे हैं, पूरा ध्यान उसी पर रखने की कोशिश करना चाहिए। शुरूआत में कुछ समय लग सकता है, लेकिन धीरे धीरे यह आदत में आ जाता है। फिर ये बहुत फायदेमंद होता है, सबसे पहले तो फालतू बातें दिमाग मे आना कम हो जातीं है, जिससे मानसिक तनाव दूर होने लगता है, एकाग्रता बढ़ती है,  साथ ही ऐसी अवस्था मे आप जो भी काम करते है, वह गुणवत्ता पूर्ण होने लगता है। इससे आप अपने कार्यक्षेत्र में शिखर पर पहुँचने लगते हैं।

योग अपनाएं

नियमित रूप से योग आसन और प्राणायाम एंग्जायटी से बचने का सबसे अच्छा उपाय हैं। आपको इन्हें  सुबह या शाम कभी भी खाली पेट करना चाहिए, प्राणायाम को दिन में आवश्यकता के अनुसार भी किया जा सकता है। अनुलोमविलोम एक सबसे सरल और प्रभावी प्रणायाम है, इसके प्रभाव को तुरंत अनुभव किया जा सकता है।


सही भोजन चुनें

हम जो भोजन लेते हैं उसका असर हमारे शरीर और मन पर भी होता है, खाने के तौर तरीकों में बदलाव करके तथा पोषक तत्वों की उचित मात्रा लेकर मानसिक तनाव को दूर किया जा सकता है।

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ग्रीन टी

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लेमन बाम

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वेलेरियन रुट

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काबा काबा

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ओमेगा 3 फैटी एसिड

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अश्वगंधा

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शंखपुष्पी

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ब्राह्मी

इन्हें अपने भोजन मे शामिल करके मानसिक तनाव पर जीत हासिल की जा सकती है।

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अगर आप किसी तरह की दवाएं प्रयोग कर रहे हैं, तो एक बार अपने डॉक्टर से सलाह लेना ठीक रहेगा।



विशेष ध्यान रखें

सामान्य रूप से थोड़ा बहुत एंग्जायटी का सामना सभी लोग करते हैं, लेकिन अगर मानसिक तनाव बहुत पुराना हो गया है, तो यह मानसिक रोग जैसे डिप्रेशन, एंग्जायटी अटेक आदि में बदल जाता है, जो कि एक मेडिकल समस्या है। इसे नजरअंदाज नही करना चाहिए यह घातक हो सकता है। अपने चिकित्सक या मनोरोग विशेषज्ञ से सम्पर्क करना चाहिए।इन लक्षणों को अनदेखा न करें।

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बार बार मरने के ख्याल आना

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सीने की धड़कन बढ़ जान·

सांस का छोटा होना

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जी मितलाना सीने में दर्द महसूस होना

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ठंड लगना, और कंपकपी होना

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सर का बहुत हल्का महसूस होना