आजकल बडी संख्या में पुरूष इरेक्शन से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं। लंबे समय तकसीटिंग जॉब, अनहैल्थी खानपान, तनाव जीवन शैली का हिस्सा बन गया है।  अनेक अध्ययनों से यह बात सामने आई है, कि जो लोग सिटिंग जॉब करते हैं उनमें एजिंग (आयु बढने की दर) ज्यादा तेजी से होती है, और उनकी सेक्स लाइफ भी हेल्दी नही रह जाती।·

जापान में 430 लोगों पर की गई एक रिसर्च से पता चला कि जो लोग लम्बे समय तक वैठने वाले काम करते हैं, उनमे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, कामेक्षा की कमी होने की सम्भावना बहुत अधिक होती है।

जैसे जैसे उम्र बढ़ती जाती है, उपयुक्त इरेक्शन प्राप्त करने और उसे बनाये रखने में दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है। कुछ अध्ययनों के मुताबिक 52 प्रतिशत पुरूष इससे पीड़ित हैं, और चालीस की उम्र आते आते चालीस प्रतिशत पुरुष इरेक्शन में परेशानी महसूस करने लगते हैयह आंकड़ा एक दम सही नही है, क्योंकि बहुत सारे लोग अपनी सेक्स लाइफ के बारे में बातें शेयर नही करते। यहां तक कि लोग डॉक्टर से भी इस सम्बंध में परामर्श नही करते हैं।क्या आपको भी इरेक्शन से जुड़ी कोई परेशानी आ रही है? क्या पेनिस में अच्छी तरह सेक्स करने के लायक कड़ापन नही आता है? चिंता मत कीजिये यह आपकी सेक्स लाइफ का अंत नही है, इस समस्या से निजात पाने के अनेक रास्ते हैं, और योग इनमें से एक कारगर उपाय है।

अब योगा के साथ - साथ, बेहतर सेक्सुअल परफॉरमेंस के लिए नेचुरल, आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स का प्रयोग करें |

योग और इरेक्शन

योग सदियों से हमारे बीच मौजूद रहा है, कुछ लोग इसे महिलाओं के वर्कऑउट के रूप में जानते हैं। ऐसा कुछ नही है, योग जेंडर पर आधारित नही है। साथ ही यह पुरुषों और महिलाओं सभी के लिए समान रूप से लाभदायक है। योग न केवल सेक्स लाइफ बल्कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य को लाभ पहुँचाता है।·

भारत मे चौबीस से पैंसठ वर्ष के पुरुषों पर हुए एक अध्ययन हुआ, जिसमे की उन्हें बारह हफ्तों तक रेगुलर योगाभ्यास कराया गया। इसके बाद उनसे, उनकी सेक्सलाइफ के संबंध में एक प्रश्न पत्र पर जबाब लिए गए। जिससे मिली जानकारी को जनरल ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन में प्रकाशित किया गया। इस अध्ययन से यह बात सामने आई कि रेगुलर योग क्लास करने से पुरुषों की सेक्सुअल गतिविधियों में काफी सुधार हुआ। कामेक्षा में वृद्धि तथा चरम सुख प्राप्ति और स्खलन पर नियंत्रण में भी सुधार हुआ।

योग शरीर मे रक्त संचार को सुधरता है, और तनाव दूर करता है। जबरदस्त इरेक्शन को प्राप्त करने और बनाये रखने के लिए योग एक सर्वोत्तम प्रभावशाली साधन है। अगर आपके आसपास कोई योग क्लासेज चलते हैं, तो उन्हें जॉइन कर सकते हैं, और यदि किन्हीं कारणों से आप ऐसा नही कर पर रहे हैं, तो यहां बताए गए इन सात योग आसनों को आप अपने जीवन मे शामिल करें और हैल्थी सेक्स लाइफ का आनंद उठाएं।

पश्चिमोत्तानासन (सीटेड फारवर्ड बैंड)

सेक्सुअल परफॉर्मेंस को शानदार बनाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण आसन है। यह पेनिस और गुदा के बीच स्थित पेरिनियल मांसपेशियों को  मजबूती देकर स्तंभन क्षमता को बढ़ाता है और पेनिस में रक्त संचार को भी बढ़ाता है। इस आसन को करने से रीड़ की हड्डी में लोच बढ़ता है, जिससे कमर के नीचे और पेनिस के नर्वस सिस्टम में भी सुधार होता ·

योगा मैट या कंबल पर बैठ जाएं, दोनो पैर सीधे सामने की ओर फैला लें।·

गहरी सांस अंदर खींचें और साथ ही दोनों हांथ सिर के साथ ऊपर की ओर उठाएं। अब सांस छोड़ते हुए सीने को सामने की ओर झुकाते हुए ,दोनों हाथों को पैर के पंजों की तरफ लाएं, सिर को घुटनों की तरफ ले जाएं और अपने हाथ की अंगुलियों से पैर के पंजे को स्पर्श करने की कोशिश करें, ध्यान रहे कि घुटने जमीन से लगे रहें।·

कुछ सेकेंड तक रुक कर, सांस लेते हुए फिर से सीधे हो जाएं, इस अभ्यास को तीन से पांच बार तक दोहराएं।शुरुआत में पैर के पंजे पकड़ने में दर्द  महसूस हो सकता है, अतः जितना आराम से कर सकें उतना ही करें धीरे धीरे शरीर की स्ट्रेचिंग होगी और आप कुछ दिनों के अभ्यास से बिना तकलीफ के पूरा आसन करने लगेंगे|

नौकासन (बोट पोस)

नौकासन रेगुलर करने से कमर, नितम्ब और जांघ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, और सेक्स हॉर्मोन एक्टिवेट होते हैं। इसको करने से पुरुष इजेक्युलेट हुए बिना लंबी सेक्स ड्राइव का आनंद ले सकते हैं।नौकासन के लिए मैट पर सीधे पीठ के बल लेट जाएं, दोनो हाथ शरीर के साथ जमीन पर लगे रहें। गहरी सांस अंदर लेते हुए अपने पैर और सीने के भाग ऊपर की ओर उठाएं, साथ ही अपने हाथ, पैरों की ओर तानें। कुछ समय तक इसी अवस्था मे रहें फिर पुनः सांस बाहर छोड़ते हुए पहले वाली अवस्था मे वापस आ जाएं।·कोशिश करें कि आपकी आँखें, हाथ, और पैर की अंगुलियां एक सीधी रेखा में हों, लेकिन ऐसा कुछ समय तक अभ्यास के बाद ही हो पाता है। शुरू शुरू में आप हाथ को घुटनों की सीध में भी रख सकते हैं।

उत्तानपादासन (रेस्ड लेग पोस)

यह आसन पेट, नाभि, हिप्प्स और जांघ की मसल्स को मजबूती देता है। इसे रेगुलर करने से जेनाइटल एरिया में भरपूर ब्लड फ्लो होने लगता है।जिसके कारण पेनिस में कड़ापन बढ़ता है, और आप बिस्तर में  लंबे समय तक टिके रह सकते हैं· सीधे पीठ के बल लेट जाइए, सांस सामान्य रूप से लेना है। दोनो हांथ फ्लोर से सटे हुए फैले रहेंगे, अब गहरी सांस लेते हुए दोनों पैरों को ऊपर की ओर उठाना है। कोशिश करें कि पैर फ्लोर के साथ 45 अंश का कोण बनाते हुए रहें।कुछ सेकेंड तक इस अवस्था मे रहने के बाद धीरे धीरे सांस बाहर निकलते हुए सामान्य अवस्था मे वापस आ जाएं।

धनुरासन (वो पोस)

यह आसन जेनाइटल अंगों को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण है, इसे रेगुलर करने से न केवल इरेक्टाइल डिस्फंक्शन बल्कि प्रीमेच्योर इजेकुलेशन को भी दूर करने में सफलता मिलती है।सीधे पेट के बल लेट जाएं, पैर सीधे फैले हों तथा एक दुसरे से कुछ दूरी पर रखें।अब अपने पैरों को सिर की दिशा में ऊपर की ओर उठाइये, इसके बाद अपने दोनों हांथो से दोनों पैरों को पंजो के पास से पकड़ लें, इसी के साथ अपने सीने के भाग को भी ऊपर की ओर उठाने का प्रयास करें।

मारजार्यासन (कैट पोस)

यह आसन फेफड़ों, पेट की मसल्स को मजबूत बनाता है, शरीर मे भरपूर ऑक्सीजन के प्रवाह को बनाए रखता है, जिससेस्टैमिना और एनर्जी लम्बे समय तक बनी रहती है।इस आसन में बिल्ली की तरह दोनो हांथ पैर जमीन पर रखना है, ध्यान रहे कि दोनों हथेलियां, कंधों की सीध में हों और दोनों घुटने हिप्प्स की सीध में रहें, और रीढ़ की हड्डी भी सीधी रहे।·

अब सांस को अंदर लेते हुए चेहरे, ठोड़ी, सीने को ऊपर की ओर और पेट को नीचे की ओर खीचें।·

कुछ सेकेंड बाद इसके विपरीत करना है, सांस बाहर निकालते हुए पेट को ऊपर की ओर तथा चेहरे, ठोड़ी सीने को नीचे की ओर करना है|

सेतुबंध सर्वांगासन (ब्रिज पोस)

यह आसन रीढ़ और कमर की फ्लेक्सिबिलिटी को बनाये रखता है, जिससे जवानी लम्बे समय तक रहती है, आदमी जोश और एनर्जी से भरा रहता है। पीठ के बल सीधे लेट जाएं, दोनो हाथ शरीर के बगल में हथेलियां जमीन की ओर रहें।अब अपने दोनों पैरों को मोड़ कर पंजे हिप्प्स के पास ले आएं।·

पैर के घुटनों से लेकर कंधों के बीच के भाग को धीरे धीरे से ऊपर उठाएं, सिर और कंधे जमीन से लगे रहेंगे| इस अवस्था मे पांच से दस सेकेंड तक रहकर सामन्य अवस्था मे लौट आएं।

शवासन (कार्पस पोस)

यह सभी आसनों का पूरक आसन होता है, यानी कि अन्य योग आसन या एक्सरसाइज करने के साथ इसे करना लाभदायक होता है। इस आसन में पूरा शरीर एक दम रिलेक्स हो जाता है, जिससे सेक्स हॉर्मोन बनने की प्रक्रिया रिफ़्रेश हो जाती है। साथ ही पुराने से पुराने तनाव को दूर करने में सहायता मिलती है।मानसिक कारणों से होने वाले इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को दूर करने में सहायता मिलती है। मैट पर सीधे पीठ के बल लेट जाएं, पैर फैले हुए और एक दूसरे से थोड़ा दूर हों, हाथ भी सीधे हों और हथेलियां ऊपर की ओर रखें। पांच बार गहरी सांस अंदर लें और बाहर करें अब अपने पूरे शरीर के एक एक अंग को रिलैक्स करें चाहे तो सिर से पैर, या पैर से सिर की ओर रिलेक्स करना है। एक बार रिलेक्स की क्रिया पूरी करने के बाद मन को शांत हो जाता है, और तनाव एंग्जायटी खत्म हो जाती है, पूरा शरीर पोसिटिव एनर्जी से भर जाता है। इसे करने से शरीर मे कार्टिसोल का स्तर कम हो जाता है, यह हार्मोन डाइबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, और नपुंसकता को बढ़ावा देता है।

महत्वपूर्ण बिंदु

योग आसन सभी आयु वर्ग के महिला पुरूष कर सकते हैं। इन्हें करने का सबसे अच्छा समय प्रातः काल का होता है। अगर आसपास कोई गार्डन या पार्क हो तो वहां या फिर अपने टैरेस किसी खुली जगह करना चाहिए।

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किसी भी आसन को करने में अपने साथ जोर जबरदस्ती नही करना चाहिए, आराम से जितना शरीर स्ट्रेच हो उतना ही करें, आप पाएंगे कि कुछ दिन करने से स्ट्रेचिंग बढ़ रही है।·

अगर आपको हृदय रोग, हार्निया है, या किसी अन्य रोग की दवा चल रही है, तो योग आसन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ले लेना चाहिए।

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महिलाओं को पीरियड के समय आसन नही करने चाहिए।

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योग आसन खाली पेट ही करने चाहिए, समय सुबह का बेहतर रहता है, लेकिन सुविधा अनुसार शाम को भी कर सकते हैं।

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